कुल्लू: रोहन मुंबई से कुल्लू घूमने आए थे लेकिन लॉकडाउन की वजह से वापस नहीं जा पाए. रोहन ने इस आपदा को अवसर में बदल दिया. रोहन ने मौके का फायदा उठाया और कुल्लू में 'द हिमालयन चॉकलेट' की फेक्ट्री स्थापित कर दी.
लॉकडाउन में शुरू किया चॉकलेट बनाने के काम
रोहन ने मुंबई के एक इंस्टीट्यूट से सामाजिक उद्यमिता में स्नातक की डिग्री ली है. वह स्वदेशी समुदायों के लिए आजीविका का साधन बनाने के लिए लेह-लद्दाख का रुख करने वाले थे और वहां पर स्थानीय महिलाओं को चॉकलेट बनाने का प्रशिक्षण देने की पूरी तैयारी में थे. लॉकडाउन की वजह से रोहन कुल्लू में ही फंस गए. समय को व्यर्थ गंवाए बिना रोहित ने चॉकलेट बनाने का काम कुल्लू की स्थानीय महिलाओं के साथ ही शुरू कर दिया.
रोहन ने 6 महीने में किया 20 लाख का कारोबार
रोहन कुल्लू में 4 तरह के फ्लेवर में चॉकलेट तैयार कर रहे हैं जिसमें बादाम, अखरोट, भुने जॉ और पिंक सॉल्ट शामिल हैं. चॉकलेट के इस व्यापार के जरिए रोहन स्थानीय महिलाओं को रोजगार भी दे रहे हैं. उनका उद्देश्य है कि वह 2023 तक 100 महिलाओं को रोजगार प्रदान करेंगे. रोहन ने अक्टूबर 2020 में चॉकलेट बनाने का काम शुरू किया था. 6 महीने में रोहन ने 20 लाख का कारोबार भी किया है.
ऑनलाइन माध्यम से भी बेची जा रही है चॉकलेट
हिमालयन चॉकलेट वेबसाइट के माध्यम से ऑनलाइन भी उपलब्ध करवाई जा रही है. रोहन का कहना है कि जब बाहर से पर्यटक हिमाचल घूमने आते हैं तो यहां कोई खाने की ऐसी चीज नहीं है जो वह घरवालों के लिए ले जा सकें. ऐसे में उन्होंने हिमालय ड्राई फ्रूट्स से चॉकलेट बनाने की सोची.
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