आनी/कुल्लू: आनी पंचायत का शाई गांव पिछले करीब सात सालों से भारी पेयजल समस्या से जूझ रहा है. शाई गांव यूं तो क्षेत्र की सबसे बड़ी गाडाघरट पेयजल योजना से जोड़ा गया है, लेकिन सबसे अंत में पड़ने वाले इस गांव की प्यास बुझाने में ये योजना बौनी ही साबित हुई है. इस योजना से कभी कभार ही ग्रामीणों तक पानी पहुंच पाता है, और जब कभी यहां पानी आता है तो उसका भी ग्रामीणों को यह मालूम नहीं होता कि नल का पानी कब बंद जाए.
सात सालों से भारी पेयजल समस्या
ग्रामीण या तो बहुत दूर-दराज के जलस्रोतों से पानी ढ़ोकर लाते हैं या फिर पानी खरीदकर जीवन यापन करने को मजबूर हैं. शाई गांव जलशक्ति विभाग के दलाश सबडिवीजन के अन्तर्गत आता है, लेकिन जब समस्या के स्थाई समाधान के लिए ग्रामीण विभागीय अधिकारियों के पास जाते हैं तो ग्रामीणों को कभी दलाश तो कभी आनी डिवीजन में दौड़ाया जाता है. ऐसे में ग्रामीण विभाग की लचर कार्यप्रणाली को हमेशा कोसते हैं.
महिलाओं ने पेयजल समस्या को लेकर अधिकारियों से लगाई गुहार
सोमवार को पेयजल समस्या के स्थाई समाधान को लेकर शाई गांव की महिलाओं ने जलशक्ति विभाग के आनी डिवीजन में आकर अधिकारियों को समस्या दूर करने की गुहार लगाई. जिसके बाद दलाश सबडिवीजन के एसडीओ नरेन्द्र नेगी ग्रामीण महिलाओं के साथ मौके पर पहुंचे.
शाई गांव सबसे अंतिम गांव होने से पानी गांव तक नहीं पहुचता
एसडीओ नरेन्द्र नेगी कहा कि शाई गांव सबसे अन्तिम गांव पड़ता है. जिस वजह से पानी गांव तक पर्याप्त मात्रा में नहीं पहुंच पाता है. उन्होंने कहा कि ग्रामीणों की मांग पर अब उन्हें बहुत जल्द क्षेत्र से गई एक उठाऊ योजना से जोड़ा जाएगा. जिसके लिए वे बहुत जल्द एस्टिमेट बनाकर आनी डिवीजन को भेज देंगे. बहुत जल्द शाई के ग्रामीणों की पेयजल समस्या को दूर किया जाएगा.
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