कुल्लूः जिला आपदा प्रबंधन के प्रभारी प्रशांत ने जानकारी देते हुए बताया कि रक्षा भू-भाग मनाली में तीन दिवसीय सुरक्षा एवं बचाव प्रशिक्षण कार्यक्रम आरंभ हुआ. स्नो एवलांच रेस्क्यू ट्रेनिंग प्रोग्राम पर कार्यशाला में हिमाचल प्रदेश के पांच जिलों से 30 प्रतिभागी कार्यशाला में भाग ले रहे हैं.
पांच जिलों के जवान सीख रहे स्नो एवं एवलांच से बचने के तौर तरीके
कार्यशाला का आयोजन राज्य आपदा प्रवंधन और रक्षा भू-भाग अनुसंधान मनाली के संयुक्त तत्वधान में किया जा रहा है. जिला आपदा प्रबंधन कुल्लू की देख-रेख में पांच जिलों कुल्लू, किन्नौर, चम्बा, शिमला, लाहुल स्पिति सहित होम गार्ड व पुलिस जवान स्नो एवं एवलांच से बचने के तौर तरीके सीख रहे हैं.
निदेशक ने सिखाये तरीके
निदेशक रक्षा भू-भाग अनुसंधान मनाली के डॉक्टर लोकेश कुमार सिन्हा (डीजीआरई) ने शिविर में आए सभी प्रशिक्षुओं का स्वागत किया और एवलांच सेफ्टी और रेस्क्यू के तरीकों को बारीकी से बताया. रक्षा भू-भाग अनुसंधान मनाली के उपनिदेशक एवं ट्रेनिंग प्रोग्राम के डायरेक्टर राजेश्वर डोगरा ने कहा कि कार्यशाला में बर्फ और स्नो एवलांच के दौरान आने वाली आपदा से निपटने व बचाव के तरीके बताए जा रहे हैं.
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रक्षा भू-भाग अनुसंधान मनाली में बने स्नो एवलांच मंडल को दिखाया जाएगा
उन्होंने कहा कि इस ट्रेनिंग कार्यशाला में चंडीगढ़ से एक्सपर्ट एवलांच के परिचय, एवलांच की किस्में, एवलांच फोर्सकास्टिंग, स्नो प्रोफाइल टेस्ट, स्नो स्टेबिलिटी टेस्ट, एवलांच सुरक्षा, रेस्क्यू प्रोसीजर, रेस्क्यू मेथर्ड, अतिआधुनिक रेस्क्यू एक्यूमेंट और स्नो तथा एवलांच के बीच में जाकर जानकारी देंगें. उन्होंने बताया कि इसके साथ-साथ रक्षा भू-भाग अनुसंधान मनाली में बने स्नो एवलांच मंडल को दिखाया जाएगा.
आपदा प्रबंधन पर अपने विचार रखे
जिला आपदा प्रबंधन कुल्लू से प्रशांत ने भी आपदा प्रबंधन पर अपने विचार रखे और कहा कि प्रदेश सरकार आपदा से निपटने के लिए समय-समय पर इस प्रकार के ट्रेनिंग प्रोग्राम को करवाने का कार्य करती है. इस मौके पर रक्षा भू-भाग अनुसंधान मनाली के प्रशासनिक अधिकारी नीरज शर्मा, देवराज सकलानी, एसके वैद्य, अजय कुमार, हुकम चंद, मनीष चावला सहित अन्य लोग भी मौजूद रहे.
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