ETV Bharat / state

अश्लील गालियों से भगाई बुरी आत्माएं! बर्फबारी में पूरी रात जलती मशालें हाथ में लेकर घूमते रहे लोग

गड़सा घाटी के शियाह गांव में देवता जमदग्नि ऋषि के सम्मान में सदयाला पर्व मनाया गया.लोग हाथों में मशालें लेकर और अश्लील जुमलों को गाते हुए गांव की परिक्रमा करते रहे, ऐसी मान्यता है कि इस तरह के जुमलों से आसुरी शक्तियों का वास नहीं रहता है

Sadayala festival
शियाह गांव में देवता जमदग्नि ऋषि के सम्मान में मनाया सदयाला पर्व
author img

By

Published : Jan 21, 2020, 2:56 PM IST

कुल्लू: जिला की गड़सा घाटी के शियाह गांव में जमदग्नि ऋषि के सम्मान में सदयाला पर्व बड़े धूम-धाम से मनाया गया. इस दौरान पूरा गांव अश्लील गालियों से गूंज उठा. माना जाता है कि इस दौरान अश्लील गालियां देने से बुरी शक्तियं दूर भाग जाती हैं.

भारी बर्फबारी के बीच भी ग्रामीणों का उत्साह देखते ही बन रहा था. शियाह गांव में रातभर यहां के लोग हाथों में मशालें लेकर और अश्लील जुमलों को गाते हुए गांव की परिक्रमा करते रहे, ऐसी मान्यता है कि इस तरह के जुमलों से आसुरी शक्तियों का वास नहीं रहता है. साथ ही क्षेत्र में खुशहाली भी बनी रहती है. गांव में देव कारज में इन सभी परंपराओं का निर्वाहन किया जाता है.

वीडियो.

देव समाज की परम्पराओं का निर्वाहन और क्षेत्र की समृद्धि व खुशहाली के लिए ये अश्लील जुमले आवश्यक माने जाते हैं. ढोल की थाप पर शियाह गांव के आराध्य देवता जमदग्नि ऋषि के मंदिर व आसपास के क्षेत्र में इस तरह की परंपरा निभाई गई.

स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि शियाह सदियाला में देवता जमदग्नि के हारियानों ने भी ढोल-नगाड़ों की थाप पर सदियों से चली आ रही इस परम्परा का निर्वाहन किया गया. उन्होंने बताया कि देर रात को इस उत्सव में बड़ी संख्या में लोगों ने उपस्थित होकर देवी-देवताओं का आशीर्वाद भी लिया. देवता के मंदिर प्रांगण में सदियाला मनाने की परम्परा सदियों से चली आ रही है. इस परम्परा को आज की युवा पीढ़ी भी निभा रही है.

ये भी पढे़ं: नड्डा के पैतृक गांव विजयपुर से बधाई संदेश, ग्रामीणों ने कहा- विश्व मानचित्र पर उभरा बिलासपुर

कुल्लू: जिला की गड़सा घाटी के शियाह गांव में जमदग्नि ऋषि के सम्मान में सदयाला पर्व बड़े धूम-धाम से मनाया गया. इस दौरान पूरा गांव अश्लील गालियों से गूंज उठा. माना जाता है कि इस दौरान अश्लील गालियां देने से बुरी शक्तियं दूर भाग जाती हैं.

भारी बर्फबारी के बीच भी ग्रामीणों का उत्साह देखते ही बन रहा था. शियाह गांव में रातभर यहां के लोग हाथों में मशालें लेकर और अश्लील जुमलों को गाते हुए गांव की परिक्रमा करते रहे, ऐसी मान्यता है कि इस तरह के जुमलों से आसुरी शक्तियों का वास नहीं रहता है. साथ ही क्षेत्र में खुशहाली भी बनी रहती है. गांव में देव कारज में इन सभी परंपराओं का निर्वाहन किया जाता है.

वीडियो.

देव समाज की परम्पराओं का निर्वाहन और क्षेत्र की समृद्धि व खुशहाली के लिए ये अश्लील जुमले आवश्यक माने जाते हैं. ढोल की थाप पर शियाह गांव के आराध्य देवता जमदग्नि ऋषि के मंदिर व आसपास के क्षेत्र में इस तरह की परंपरा निभाई गई.

स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि शियाह सदियाला में देवता जमदग्नि के हारियानों ने भी ढोल-नगाड़ों की थाप पर सदियों से चली आ रही इस परम्परा का निर्वाहन किया गया. उन्होंने बताया कि देर रात को इस उत्सव में बड़ी संख्या में लोगों ने उपस्थित होकर देवी-देवताओं का आशीर्वाद भी लिया. देवता के मंदिर प्रांगण में सदियाला मनाने की परम्परा सदियों से चली आ रही है. इस परम्परा को आज की युवा पीढ़ी भी निभा रही है.

ये भी पढे़ं: नड्डा के पैतृक गांव विजयपुर से बधाई संदेश, ग्रामीणों ने कहा- विश्व मानचित्र पर उभरा बिलासपुर

Intro:शियाह गांव में जलती मशाले लेकर ग्रामीणों ने भगाए भूत
देवता जमदग्नि के सम्मान में मनाया गया सदयाला पर्वBody:


जिला कुल्लू की गड़सा घाटी के शियाह गांव में देर रात अश्लील गालियों का दौर चलता रहा और इन गालियों के माध्यम से लोगो ने बुरी शक्तियों को गांव से दूर किया। भारी बर्फबारी के बीच भी ग्रामीणों का उत्साह कम नही हुआ और देवता जमदग्नि ऋषि के सम्मान में सदयाला पर्व मनाया गया। शियाह गांव में रातभर यहां के लोग हाथों में मशालें लेकर और अश्लील जुमलों को गाते हुए गांव की परिक्रमा करते रहे। ऐसी मान्यता है कि इस तरह के जुमलों से आसुरी शक्तियों का वास नहीं रहता है, साथ ही क्षेत्र में खुशहाली भी बनी रहती है। गांव में देव कारज में इन सभी परंपराओं का निर्वहन किया जाता है। इसमें किसी तरह का कोई भी प्रतिबंध नहीं रहता है। देव समाज की परम्पराओं का निर्वहन और क्षेत्र की समृद्धि व खुशहाली के लिए ये अश्लील जुमले आवश्यक माने जाते हैं। ढोल की थाप पर हुआ परंपरा का निर्वहन शियाह गांव के आराध्य देवता जमदग्नि ऋषि के मंदिर व आसपास के क्षेत्र में इस तरह की परंपरा निभाई गई। स्थानीय ग्रामीण पीयूष, देवी राम, नरेश ने बताया कि शियाह सदियाला में देवता जमदग्नि के हारियानों द्वारा भी ढोल-नगाड़ों की थाप पर इस परम्परा का निर्वहन किया गया। उन्होंने बताया कि देर रात को इस उत्सव में बड़ी संख्या में लोगों ने उपस्थित होकर देवी-देवताओं का आशीर्वाद भी लिया। Conclusion:

उन्होंने बताया कि इस सदियाला को ग्रामीण लोग मेले के रूप में मनाते हैं और इस दौरान ग्रामीणों के रिश्तेदारों का भी आना-जाना रहता है। देवता के मंदिर प्रांगण में सदियाला मनाने की परम्परा सदियों से चली आ रही है और सदियों से चली आ रही इस परम्परा को आज की युवा पीढ़ी भी निभा रही है।
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.