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रोहतांग में बर्फीले तूफान ने बढ़ाई लोगों की मुश्किलें, वाहनों के थमे पहिए

रोहतांग दर्रे में बर्फीले तूफान ने लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी है. मंगलवार को बर्फीले तूफान के बीच करीब 32 किलोमीटर पैदल सफर कर 11 लोग मनाली पहुंचे थे. रोहतांग में बर्फीला तूफान बीआरओ के लिए चुनौती बना हुआ है.

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रोहतांग दर्रा
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Published : Dec 11, 2019, 11:58 AM IST

कुल्लू: रोहतांग दर्रे में बर्फीले तूफान ने लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी है. बर्फीले तूफान ने रोहतांग दर्रे पर एक बार फिर वाहनों के पहिए रोक दिए हैं. मंगलवार को बर्फीले तूफान के बीच करीब 32 किलोमीटर पैदल सफर कर 11 लोग मनाली पहुंचे थे.

बता दें कि लाहौल की तरफ से मंगलवार सुबह दो वाहनों में सवार होकर 11 लोग मनाली की तरफ निकले थे. लेकिन बर्फीले तूफान और गुलाबा बैरियर पर वाहनों के रोके जाने के बाद मजबूरन लोगों को पैदल सफर करना पड़ा. गौर रहे की रोहतांग में बर्फीला तूफान बीआरओ के लिए चुनौती बना हुआ है.

वीडियो

पंचायत प्रधान संघ के अध्यक्ष सत्यप्रकाश ने कहा कि हेलीकॉप्टर की सुविधा नहीं होने और रोहतांग टनल बंद होने से घाटी से बाहर निकलने का एकमात्र विकल्प रोहतांग दर्रा है. जब वाहन राहनीनाला तक जा सकते हैं तो ऐसे में पैदल यात्रियों को लिफ्ट करने के लिए गुलाबा बैरियर से वाहनों को छोड़ने की अनुमति देनी चाहिए. यात्रियों में महिलाएं भी शामिल होती हैं. माइनस तापमान में रोहतांग दर्रा जैसे क्षेत्र में इतने किलोमीटर पैदल चलना जोखिम भरा हो सकता है.

ये भी पढ़ें: रिकांगपिओ में ट्रैफिक की समस्या से लोग परेशान, प्रशासन से स्थाई समाधान की मांग

कुल्लू: रोहतांग दर्रे में बर्फीले तूफान ने लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी है. बर्फीले तूफान ने रोहतांग दर्रे पर एक बार फिर वाहनों के पहिए रोक दिए हैं. मंगलवार को बर्फीले तूफान के बीच करीब 32 किलोमीटर पैदल सफर कर 11 लोग मनाली पहुंचे थे.

बता दें कि लाहौल की तरफ से मंगलवार सुबह दो वाहनों में सवार होकर 11 लोग मनाली की तरफ निकले थे. लेकिन बर्फीले तूफान और गुलाबा बैरियर पर वाहनों के रोके जाने के बाद मजबूरन लोगों को पैदल सफर करना पड़ा. गौर रहे की रोहतांग में बर्फीला तूफान बीआरओ के लिए चुनौती बना हुआ है.

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पंचायत प्रधान संघ के अध्यक्ष सत्यप्रकाश ने कहा कि हेलीकॉप्टर की सुविधा नहीं होने और रोहतांग टनल बंद होने से घाटी से बाहर निकलने का एकमात्र विकल्प रोहतांग दर्रा है. जब वाहन राहनीनाला तक जा सकते हैं तो ऐसे में पैदल यात्रियों को लिफ्ट करने के लिए गुलाबा बैरियर से वाहनों को छोड़ने की अनुमति देनी चाहिए. यात्रियों में महिलाएं भी शामिल होती हैं. माइनस तापमान में रोहतांग दर्रा जैसे क्षेत्र में इतने किलोमीटर पैदल चलना जोखिम भरा हो सकता है.

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Intro:रोहतांग में बर्फीले तूफान ने बढ़ाई लोगो की मुश्किलें
11 लोग दर्रा पार कर पैदल पहुंचे मनालीBody:


बर्फीले तूफान ने रोहतांग दर्रा होकर गुजरने वाले वाहनों का रास्ता रोक दिया है। बर्फ के बीच मंगलवार को करीब 32 किलोमीटर पैदल सफर कर 11 लोग मनाली पहुंचे। लाहौल की तरफ से सुबह दो वाहनों में सवार होकर 11 लोग मनाली की तरफ निकले। लेकिन बर्फीले तूफान और गुलाबा बैरियर से वाहनों को रोहतांग की तरफ नहीं छोड़ने से इन लोगों को मजबूरन पैदल सफर करना पड़ा। खराब मौसम के चलते मंगलवार को भी रोहतांग दर्रा से वाहनों की आवाजाही नहीं हो पाई है। इसके चलते यात्री उरज्ञान, हरीश, दोरजे ने कहा कि उन्होंने बर्फीले तूफान के बावजूद रोहतांग दर्रा पैदल पार कर लिया। कड़ाके की ठंड के बीच 11 लोगों ने 32 किमी दूर कोठी तक पैदल सफर किया। इस दौरान ठंड, थकावट और भूख के कारण कुछ यात्रियों की हालत भी खराब हो गई। पंचायत प्रधान संघ के अध्यक्ष सत्यप्रकाश ने कहा कि हेलीकॉप्टर की सुविधा नहीं होने और रोहतांग टनल बंद होने से घाटी से बाहर निकलने का एकमात्र विकल्प रोहतांग दर्रा है। जब वाहन राहनीनाला तक जा सकते हैं तो ऐसे में पैदल यात्रियों को लिफ्ट करने के लिए गुलाबा बैरियर से वाहनों को छोड़ने की अनुमति देनी चाहिए। यात्रियों में महिलाएं भी शामिल होती हैं। माइनस तापमान में रोहतांग दर्रा जैसे क्षेत्र में इतने किमी पैदल चलना जोखिम भरा हो सकता है। गौर रहे कि बर्फीला तूफान बीआरओ के लिए चुनौती बना हुआ है। सड़क से बर्फ हटाने के बाद रोहतांग में बर्फीले तूफान से लगातार बर्फ से ढेर लग रहे हैं। बर्फीला तूफान नहीं थमने से रोहतांग में वाहनों की आवाजाही मुश्किल होती दिख रही है। Conclusion:



उधर, कोकसर में तैनात रेस्क्यू दल के प्रभारी पवन कुमार ने कहा कि लाहौल से दो वाहनों में 11 लोग मनाली रवाना हुए। लेकिन बाद में वे पैदल ही मनाली पहुंच गए हैं।
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