कुल्लू: बरसात का मौसम घाटी के लोगों के लिए परेशानी बन गया है. मानसून के रफ्तार पकड़ते ही कुल्लू में बारिश का क्रम तेज हो गया है. दो दिनों से घाटी में हो रही बारिश से पूरे जिले का जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है.
बारिश में हुए भूस्खलन से जिले में करीब दो दर्जन सड़कें प्रभावित हो गई हैं. हालांकि, लोनिवि ने एक दर्जन सड़कों को यातायात के लिए खोल दिया है, लेकिन अभी भी 12 सड़कों पर ज्यादा भूस्खलन होने से वाहनों की आवाजाही थमी हुई है. जिस कारण निगम की बसें गंतव्य तक नहीं जा पा रही हैं. बारिश से शहर की सड़कें पानी से लबालब हो गई हैं. जिसके चलते बागवानों ने नाशपाती व सेब का तुड़ान रोक दिया है.
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मौसम का असर हवाई उड़ानों पर भी पड़ा है. शनिवार को दिल्ली-भुंतर के साथ भुंतर-चंडीगढ़ की दोनों उड़ानें नहीं हो सकी. जिस कारण सवारियों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ा. ग्रामीण इलाकों को जोड़ने वाली सड़कों के प्रभावित होने से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. कई रूटों पर बसें गंतव्य से पांच से आठ किलोमीटर पीछे तक ही जा सकी.
कुल्लू जिले में बंजार-गाड़ागुशैणी, बंजार-कोटला, रोहचाला व करशाला रूटों पर बारिश ने कहर बरपाया है. इन सड़कों पर भूस्खलन व डंगा ढहने से निगम की बसें गंतव्य तक नहीं जा रही हैं. ऐसे में किसानों-बागवानों को उत्पाद मंडियों में पहुंचाने में दिक्कतें पेश आ रही हैं. घाटी में रात के समय हो रही झमाझम बारिश से ब्यास के साथ जिले के अन्य नदी-नालों का जलस्तर उफान पर हैं.
एडीएम कुल्लू अक्षय सूद ने कहा कि जिला प्रशासन ने पहले ही अलर्ट जारी कर दिया है. बरसात के मौसम में एहतियात के तौर लोग नदी-नालों की ओर ने जाएं. उन्होंने बताया कि लोनिवि को बरसात में बंद होने वाली सड़कों को प्राथमिकता के आधार पर खोलने के आदेश दिए गए हैं.
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