किन्नौर: उत्तरकाशी से जिला किन्नौर के छितकुल के पास खिमलोगा दर्रे में रॉक क्लाइंबिंग करते हुए हाथ से रस्सी फिसलने के कारण मौत का शिकार हुए ट्रेकर के शव को लगभग 10 दिन बाद डोगरा स्काउट्स और आईटीबीपी की रेस्क्यू टीम ने बरामद कर लिया है. शव को रेस्क्यू टीम द्वारा छितकुल लाया जा रहा है.
बता दें कि 28 अगस्त एक ट्रेकिंग दल जिस में 3 ट्रेकर्स व 6 पोर्टर उत्तराखंड के जिला उत्तरकाशी से खिमलोग पास होते हुए किन्नौर जिले के छितकुल के लिए ट्रेकिंग पर निकले थे और 2 सितंबर को खिमलोग पास में रोप रैपलिंग करते हुए एक ट्रेकर सुजॉय डुले (पश्चिम बंगाल) के हाथ से रस्सी फिसलने के कारण चट्टानों के बीच मे गिर गया था. जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई, जबकि दूसरा ट्रेकर सब्रोता विश्वास को हाथ में चोट लगी थी. घायल ट्रैक्टर व अन्य तीन पोर्टरों को किन्नौर पुलिस की क्यूआरटी टीम, होमगार्ड, आईटीबीपी की रेस्क्यू टीम ने सुरक्षित वहां से निकाला था, जबकि मृतक ट्रेकर के शव को निकालना मुश्किल था, जिस पर उपायुक्त किन्नौर ने शव को रेस्क्यू करने के लिए डोगरा स्काउट टीम की सहायता मांगी थी.
जिसके बाद ट्रिपीक ब्रिगेड की डोगरा स्काउट्स के विशेषज्ञ (Trekker dead body in Khimloga Pass) पर्वतारोहियों की एक टीम ने 10 सितंबर को खिमलोगा दर्रे में मृतक ट्रेकर के शव को कड़ी मशक्कत के बाद रेस्क्यू किया और 11 सितंबर को रेस्क्यू टीम द्वारा शव को छितकुल लाया जा रहा है. वहीं, उपायुक्त किन्नौर आबिद हुसैन सादिक ने उत्तराकाशी के डीएम को एक चिट्ठी लिखी है जिसमें डीसी किन्नौर ने डीएम उत्तराकाशी को उत्तराखंड की तरफ जितने भी ट्रेकिंग स्थल हैं उन सभी इलाकों से किन्नौर जिले की ओर ट्रेकिंग को रोकने के लिए कहा है. वहीं, किन्नौर की तरफ से उपायुक्त ने हर ट्रेकिंग क्षेत्रों पर ट्रेकिंग के लिए फिलहाल प्रतिबंध लगा दिया है.
उपायुक्त किन्नौर आबिद हुसैन सादिक (DC Kinnaur Abid Hussain Sadiq) ने बताया कि किन्नौर जिला व उत्तराखंड के सीमांत क्षेत्रों मे बढ़ते हुए ट्रेकिंग के हादसों को देखते हुए अब किन्नौर की तरफ से ट्रेकिंग प्वाइंटों को बंद किया गया है और पुलिस प्रशासन की कड़ी निगरानी सभी ट्रेकिंग क्षेत्रों में रहेगी यदि कोई गुपचुप तरीके से ट्रेकिंग करेगा तो उक्त ट्रेकर या कोई भी ट्रेकिंग संस्था हो उनपर सख्त कार्रवाई अमल मे लाई जाएगी. विदित है कि अब तक उत्तराखंड व किन्नौर के सीमांत क्षेत्रों मे ट्रेकिंग के दौरान 10 ट्रेकर्स की मौत हुई है, जबकि 12 गंभीर रूप से जख्मी हुए हैं.
इस साल भी खिमलोगा दर्रे में 4 सितंबर (Khimloga Pass kinnaur Himachal) को उत्तरकाशी के एक ट्रेकर की मौत हुई है. उत्तराखंड के सीमांत क्षेत्र से किन्नौर की ओर बहुत सारे ट्रेकिंग स्थल हैं. उत्तराखंड से बरासु पास, लामखागा, खिमल्याट पास यह सभी उत्तराखंड से किन्नौर के ट्रेकिंग क्षेत्र हैं जहां पर सबसे अधिक ट्रेकर्स लापता हुए व मृत्यु हुई है. वहीं, सांगला से रोहड़ू व उत्तराखंड दोनों ट्रेक जुड़े हैं जिनमें रुपिन पास व बुरांग पास आदि हैं जहां पर भी हर साल ट्रेकर लापता होते हैं. ऐसे में रेस्क्यू टीम की मशक्क्त के बाद ट्रेकर्स को खोजा गया है.
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