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Raksha Bandhan 2023 : 30 या 31 अगस्त, कब है राखी ?, जानें राखी बांधने का शुभ मुहूर्त

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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Aug 24, 2023, 6:27 PM IST

Raksha Bandhan 2023 : इस बार राखी कब है ? रक्षाबंधन से पहले बहनों में इस सवाल को लेकर उत्सुकता बनी हुई है. क्योंकि इस बार कुछ ऐसा हुआ है कि रक्षाबंधन की तारीख को लेकर कन्फ्यूजन हो गया है. आखिर क्यो हैं ये कन्फ्यूजन ? कब है रक्षाबंधन ? हर सवाल का जवाब दे रहे हैं आचार्य दीप कुमार, पढ़ें... (Raksha Bandhan Shubh Muhurat) (Rakhi kab hai)

Raksha Bandhan 2023 date
Raksha Bandhan 2023 date

कुल्लू : भाई बहन के प्यार का प्रतीक रक्षाबंधन आने वाला है लेकिन इस बार तिथि को लेकर कन्फ्यूजन बना हुआ है. कुछ लोगों के मुताबिक रक्षाबंधन 30 अगस्त को है जबकि कुछ के मुताबिक 31 अगस्त को बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधेंगी. आखिर क्यों है ये कन्फ्यूजन और कब मनाया जाएगा रक्षाबंधन ? आइये जानते हैं.

कब है राखी और क्यों है कन्फ्यूजन- वैसे तो रक्षाबंधन श्रावण मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है. जो इस बार 30 अगस्त को है. लेकिन इस बार रक्षाबंधन पर भद्रा का साया भी है. जिसके कारण राखी बांधने को लेकर बहनों में कन्फ्यूजन बना हुआ है. कुल्लू के आचार्य दीप कुमार रक्षाबंधन की तिथि और राखी बांधने के शुभ समय को लेकर सारी कन्फ्यूजन का हल बता रहे हैं.

कब है रक्षाबंधन, 30 या 31 अगस्त ?
कब है रक्षाबंधन, 30 या 31 अगस्त ?

श्रावण की पूर्णिमा तिथि 30 अगस्त को सुबह 10.58 बजे से शुरू होगी और अगले दिन 31 अगस्त सुबह 7:05 बजे तक रहेगी. वैसे तो श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन ही रक्षाबंधन होता है लेकिन 30 अगस्त को पूर्णिमा के दिन ही सुबह 10:19 बजे चंद्रमा कुंभ राशि में प्रवेश करेगा. जिससे भद्रा का वास पृथ्वी पर रहेगा. मान्यता है कि भद्रा के दौरान कोई शुभ कार्य नहीं किया जाता.

भद्रा का साया- आचार्य दीप कुमार के मुताबिक भद्रा अलग-अलग राशियों के मुताबिक स्वर्ग लोक, पृथ्वी लोक और पाताल लोक में विचरण करती है. जब ये पृथ्वीलोक पर होती है तो शुभकार्य नहीं होते. जब चंद्रमा कर्क, सिंह, कुंभ और मीन राशि में होता है तब भद्रा का वास पृथ्वी पर होता है. वहीं चंद्रमा के मेष, वृष, मिथुन और वृश्चिक में होने पर भद्रा का वास स्वर्ग लोक में होता है. वहीं जब चंद्रमा कन्या, तुला, धनु, मकर राशि में होती है तो भद्रा का वास पाताल लोक में होता है. 30 अगस्त को ही पूर्णिमा के दिन चंद्रमा तुला से कुंभ राशि में जा रहे हैं, इसके साथ ही भद्रा का साया पृथ्वीलोक पर होगा.

इस बार राखी पर भद्रा का साया
इस बार राखी पर भद्रा का साया

कब बांधे राखी- आचार्य दीप कुमार के मुताबिक सावन की पूर्णिमा की शुरुआत 30 अगस्त को सुबह 10:58 पर होगी. जबकि इस समय विष्टि करण रहेगा और इसी दिन सुबह 10:19 पर चंद्रमा कुंभ राशि में प्रवेश करेगा. जिससे भद्रा का वास पृथ्वी पर होगा. भद्रा काल 30 अगस्त को रात 9:01 बजे खत्म हो जाएगा और बहनें राखी का त्यौहार मना सकती हैं.

31 अगस्त को भी राखी बांध सकेंगी बहनें
31 अगस्त को भी राखी बांध सकेंगी बहनें

31 अगस्त को भी बांध सकते हैं राखी- आचार्य दीप कुमार के मुताबिक 30 अगस्त सुबह 10.58 बजे से पूर्णिमा तिथि शुरू होगी लेकिन क्योंकि इस दौरान रात 9 बजकर 1 मिनट तक भद्राकाल रहेगा. इसलिये बहनें अपने भाई को भद्राकाल समाप्त होने के बाद राखी बांध सकती हैं. पूर्णिमा तिथि 31 अगस्त को सुबह 7:05 बजे तक रहेगी. हालांकि आचार्य दीप कुमार के मुताबिक क्योंकि देशभर में कई बहनें अपने भाइयों को राखी बांधने के लिए लंबा सफर करके पहुंचती है इसलिये 31 अगस्त को भी बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांध सकती हैं.

ये भी पढ़ें: यहां रक्षा बंधन के साथ ही जीजा साली के बीच शुरू हो जाती है अनोखी प्रतियोगिता

कुल्लू : भाई बहन के प्यार का प्रतीक रक्षाबंधन आने वाला है लेकिन इस बार तिथि को लेकर कन्फ्यूजन बना हुआ है. कुछ लोगों के मुताबिक रक्षाबंधन 30 अगस्त को है जबकि कुछ के मुताबिक 31 अगस्त को बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधेंगी. आखिर क्यों है ये कन्फ्यूजन और कब मनाया जाएगा रक्षाबंधन ? आइये जानते हैं.

कब है राखी और क्यों है कन्फ्यूजन- वैसे तो रक्षाबंधन श्रावण मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है. जो इस बार 30 अगस्त को है. लेकिन इस बार रक्षाबंधन पर भद्रा का साया भी है. जिसके कारण राखी बांधने को लेकर बहनों में कन्फ्यूजन बना हुआ है. कुल्लू के आचार्य दीप कुमार रक्षाबंधन की तिथि और राखी बांधने के शुभ समय को लेकर सारी कन्फ्यूजन का हल बता रहे हैं.

कब है रक्षाबंधन, 30 या 31 अगस्त ?
कब है रक्षाबंधन, 30 या 31 अगस्त ?

श्रावण की पूर्णिमा तिथि 30 अगस्त को सुबह 10.58 बजे से शुरू होगी और अगले दिन 31 अगस्त सुबह 7:05 बजे तक रहेगी. वैसे तो श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन ही रक्षाबंधन होता है लेकिन 30 अगस्त को पूर्णिमा के दिन ही सुबह 10:19 बजे चंद्रमा कुंभ राशि में प्रवेश करेगा. जिससे भद्रा का वास पृथ्वी पर रहेगा. मान्यता है कि भद्रा के दौरान कोई शुभ कार्य नहीं किया जाता.

भद्रा का साया- आचार्य दीप कुमार के मुताबिक भद्रा अलग-अलग राशियों के मुताबिक स्वर्ग लोक, पृथ्वी लोक और पाताल लोक में विचरण करती है. जब ये पृथ्वीलोक पर होती है तो शुभकार्य नहीं होते. जब चंद्रमा कर्क, सिंह, कुंभ और मीन राशि में होता है तब भद्रा का वास पृथ्वी पर होता है. वहीं चंद्रमा के मेष, वृष, मिथुन और वृश्चिक में होने पर भद्रा का वास स्वर्ग लोक में होता है. वहीं जब चंद्रमा कन्या, तुला, धनु, मकर राशि में होती है तो भद्रा का वास पाताल लोक में होता है. 30 अगस्त को ही पूर्णिमा के दिन चंद्रमा तुला से कुंभ राशि में जा रहे हैं, इसके साथ ही भद्रा का साया पृथ्वीलोक पर होगा.

इस बार राखी पर भद्रा का साया
इस बार राखी पर भद्रा का साया

कब बांधे राखी- आचार्य दीप कुमार के मुताबिक सावन की पूर्णिमा की शुरुआत 30 अगस्त को सुबह 10:58 पर होगी. जबकि इस समय विष्टि करण रहेगा और इसी दिन सुबह 10:19 पर चंद्रमा कुंभ राशि में प्रवेश करेगा. जिससे भद्रा का वास पृथ्वी पर होगा. भद्रा काल 30 अगस्त को रात 9:01 बजे खत्म हो जाएगा और बहनें राखी का त्यौहार मना सकती हैं.

31 अगस्त को भी राखी बांध सकेंगी बहनें
31 अगस्त को भी राखी बांध सकेंगी बहनें

31 अगस्त को भी बांध सकते हैं राखी- आचार्य दीप कुमार के मुताबिक 30 अगस्त सुबह 10.58 बजे से पूर्णिमा तिथि शुरू होगी लेकिन क्योंकि इस दौरान रात 9 बजकर 1 मिनट तक भद्राकाल रहेगा. इसलिये बहनें अपने भाई को भद्राकाल समाप्त होने के बाद राखी बांध सकती हैं. पूर्णिमा तिथि 31 अगस्त को सुबह 7:05 बजे तक रहेगी. हालांकि आचार्य दीप कुमार के मुताबिक क्योंकि देशभर में कई बहनें अपने भाइयों को राखी बांधने के लिए लंबा सफर करके पहुंचती है इसलिये 31 अगस्त को भी बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांध सकती हैं.

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