कुल्लू: हिमाचल प्रदेश मनरेगा एवं निर्माण मजदूर यूनियन से संबंधित सीटू ने शनिवार को अपनी मांगों को लेकर ढालपुर में धरना प्रदर्शन किया गया. इस दौरान यूनियन ने मांग की कि प्रदेश में राज्य श्रमिक कल्याण बोर्ड द्वारा 3 सालों से मजदूरों के लाभ रोके हुए है, उसे जल्द जारी किया जाए. एक साल से मजदूरों के पंजीकरण, नवीनीकरण और अन्य सहायता राशि प्राप्त करने में लगाई गई रोक को भी हटाने की भी मांग की. वहीं, डीसी के माध्यम से एक ज्ञापन हिमाचल प्रदेश भवन एवं निर्माण कामगार कल्याण बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी को भेजा.
सीटू के राज्य सचिव प्रेम ने कहा सरकार द्वारा मनरेगा मजदूरों को श्रमिक कल्याण बोर्ड से बाहर करने का जो फैसला लिया गया है, उसे वापस लिया जाए. मजदूरों को पहले की भांति बोर्ड का सदस्य भी बनाया जाए. प्रेम ने कहा श्रमिक कल्याण बोर्ड ने मनरेगा मजदूरों को बोर्ड से बाहर कर दिया है, जिसकी वजह से मनरेगा मजदूरों का श्रमिक कल्याण बोर्ड में पंजीकरण नहीं हो पा रहा है. जिन लोगों का पंजीकरण हुआ है, उनका नवीनीकरण नहीं हो रहा है. इसलिए श्रमिक कल्याण बोर्ड ने पिछले 3 वर्षों से श्रमिक कल्याण बोर्ड के कामगारों के तमाम फायदे रोक दिए हैं. मनरेगा एवं कामगार संगठन सरकार के इस निर्णय की कड़े शब्दों में निंदा करती है.
रामपुर में भी मनरेगा एवं निर्माण मजदूर यूनियन ने मजदूरों की बोर्ड की सदस्यता रद्द करने और 3 सालों से लंबित पड़े लाभों को लेकर श्रमिक कल्याण बोर्ड कार्यालय रामपूर का घेराव किया. प्रदर्शन को संबोधित करते हुए सीटू जिला अध्यक्ष कुलदीप डोगरा ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने सत्ता में आते ही सबसे पहले मनरेगा मजदूरों को श्रमिक कल्याण बोर्ड से बाहर करने का फैसला 12 दिसंबर 2022 को लिया. बोर्ड में मजदूरो का पंजीकरण और नवीनीकरण का काम पिछले 9 महीनों से बंद पड़ा है. बोर्ड से मिलने वाली सहायता राशी पिछले 3 सालों से लंबित है. जिस कारण हिमाचल प्रदेश के कुल 4 लाख 48 हजार मजदूर प्रभावित हो रहे हैं. वहीं, यूनियन ने सरकार को चेताया कि अगर आने वाली बोर्ड की बैठक में मनरेगा मजदूरों की सदस्य्ता की बहाली और लंबित पड़े लाभ जारी नहीं किये गए तो यूनियन आने वाले समय प्रदेश सरकार के खिलाफ अनिश्चितकालीन प्रदर्शन शुरू करेगी.
मंडी में भी ट्रेड यूनियन के बैनर तले मजदूरों ने धरना प्रदर्शन कर सरकार को चेतावनी दी है. शनिवार को अपनी मांगों को लेकर मजदूरों ने श्रमिक कल्याण बोर्ड के कार्यालय के बाहर धरना धरना प्रदर्शन किया. मजदूरों का कहना है श्रमिक कल्याण बोर्ड के तहत जो वित्तीय लाभ उन्हें पहले मिलते थे वह पिछले तीन सालों से नहीं मिल रहे है. सीटू जिला सचिव राजेश शर्मा ने बताया कि श्रमिक कल्याण बोर्ड ने मनरेगा मजदूरों का कल्याण बोर्ड से बाहर करने का जो निर्णय लिया है, वह बहुत ही गलत है. जबकि मनरेगा जॉब कार्ड के तहत भवन निर्माण से संबंधित कई कार्य मजदूरों द्वारा ही किए जाते है. उन्होंने कहा कि अभी मजदूर अपनी मांगों को लेकर धरना केवल जिला स्तर ही प्रदर्शन ही कर रहे हैं. यदि शीघ्र उनकी मांगों पर गौर नहीं किया जाता हैं तो अगले माह 25 नवंबर से शिमला में सचिवालय के बाहर हजारों मजदूर द्वारा सरकार का घेराव किया जाएगा.