कुल्लू: जिला में रोहतांग टनल के बाहर मंगलवार देर रात लोगों ने प्रदेश सरकार और मनाली प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. यही नहीं गुस्साए लोगों ने यहां सड़क पर रात को प्रदर्शन के दौरान गाड़ियों की आवाजाही को भी रोक दिया.
रोहतांग दर्रे पर बर्फीला तूफान आने के बाद जहां दर्रे पर वाहनों की आवाजाही मंगलवार को नहीं हो पाई है, वहीं रोहतांग टनल के बाहर भी लोगों की खासी भीड़ मंगलवार दोपहर बाद से जुटी रही. ऐसे में देर रात तक लोगों को रोहतांग टनल से न भेजे जाने को लेकर यहां मौजूद भीड़ भड़क गई और सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करने लगी.
लोगों का आरोप था कि उन्हें प्रशासन द्वारा गुलाबा से ये कह कर लौटाया गया था कि वे धुंधी जाएं और उन्हें रोहतांग टनल के माध्यम से लाहौल भेजा जाएगा. ऐसे में जब गुलाबा से लोग धुंधी पहुंचे तो यहां पर बीआरओ ने उनके वाहनों का जहां पंजीकरण किया, वहीं कुछ देर इंतजार करने की भी बात कही.
तींदी पंचायत के बीडीसी सदस्य संजीव कुमार ने बताया कि वह मंगलवार दोपहर से रोहतांग टनल के बाहर धुंधी में रूके हुए हैं. देर रात तक जब वाहनों को रोहतांग टनल से भेजा नहीं गया तो यहां मौजूद लोगों का सबर का बांध टूट गया और लोगों ने सरकार को खिलाफ प्रदर्शन करना शुरू कर दिया. संजीव कुमार का कहना है कि अगर रोहतांग टनल से लोगों को भेजना ही नहीं था, तो प्रशासन ने लोगों को क्यों रोहतांग टनल के निर्माणाधीन स्थल धुंधी में बुलाया.
बता दें कि रोहतांग दर्रे के बहाल होने के बाद भी जनजातीय जिला लाहौल-स्पीति के लोगों की दिक्कतें दूर नहीं हो रही हैं. दर्रे को भले ही बीआरओ ने बहाल कर दिया हो, लेकिन मंगलवार को दर्रे पर आए बर्फीले तूफान ने स्थिती को और बिगाड़ दिया है. ऐसे में रोहतांग टनल ही लोगों के पास एक मात्र रास्ता लाहौल जाने और घाटी से बाहर आने का बचता है.
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