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रोहतांग दर्रे पर बर्फीले तूफान ने बढ़ाई दिक्कतें, गुस्साए लोगों ने सरकार के खिलाफ किया प्रदर्शन - रोहतांग दर्रा

कुल्लू में लोगों को रोहतांग टनल से न भेजे जाने को लेकर यहां मौजूद भीड़ ने सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया. गुस्साए लोगों ने यहां सड़क पर रात को प्रदर्शन के दौरान गाड़ियों की आवाजाही को भी रोक दिया.

protest against government
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Published : Nov 13, 2019, 3:39 AM IST

कुल्लू: जिला में रोहतांग टनल के बाहर मंगलवार देर रात लोगों ने प्रदेश सरकार और मनाली प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. यही नहीं गुस्साए लोगों ने यहां सड़क पर रात को प्रदर्शन के दौरान गाड़ियों की आवाजाही को भी रोक दिया.

रोहतांग दर्रे पर बर्फीला तूफान आने के बाद जहां दर्रे पर वाहनों की आवाजाही मंगलवार को नहीं हो पाई है, वहीं रोहतांग टनल के बाहर भी लोगों की खासी भीड़ मंगलवार दोपहर बाद से जुटी रही. ऐसे में देर रात तक लोगों को रोहतांग टनल से न भेजे जाने को लेकर यहां मौजूद भीड़ भड़क गई और सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करने लगी.

सरकार के खिलाफ प्रदर्शन

लोगों का आरोप था कि उन्हें प्रशासन द्वारा गुलाबा से ये कह कर लौटाया गया था कि वे धुंधी जाएं और उन्हें रोहतांग टनल के माध्यम से लाहौल भेजा जाएगा. ऐसे में जब गुलाबा से लोग धुंधी पहुंचे तो यहां पर बीआरओ ने उनके वाहनों का जहां पंजीकरण किया, वहीं कुछ देर इंतजार करने की भी बात कही.

तींदी पंचायत के बीडीसी सदस्य संजीव कुमार ने बताया कि वह मंगलवार दोपहर से रोहतांग टनल के बाहर धुंधी में रूके हुए हैं. देर रात तक जब वाहनों को रोहतांग टनल से भेजा नहीं गया तो यहां मौजूद लोगों का सबर का बांध टूट गया और लोगों ने सरकार को खिलाफ प्रदर्शन करना शुरू कर दिया. संजीव कुमार का कहना है कि अगर रोहतांग टनल से लोगों को भेजना ही नहीं था, तो प्रशासन ने लोगों को क्यों रोहतांग टनल के निर्माणाधीन स्थल धुंधी में बुलाया.

बता दें कि रोहतांग दर्रे के बहाल होने के बाद भी जनजातीय जिला लाहौल-स्पीति के लोगों की दिक्कतें दूर नहीं हो रही हैं. दर्रे को भले ही बीआरओ ने बहाल कर दिया हो, लेकिन मंगलवार को दर्रे पर आए बर्फीले तूफान ने स्थिती को और बिगाड़ दिया है. ऐसे में रोहतांग टनल ही लोगों के पास एक मात्र रास्ता लाहौल जाने और घाटी से बाहर आने का बचता है.

ये भी पढे़ं - नेता प्रतिपक्ष के सामने रो पड़ी पीड़ित बुजुर्ग महिला की बेटी, बोली: ऐसे तो हमारे हिमाचल में भी फैल जाएगा आतंक

कुल्लू: जिला में रोहतांग टनल के बाहर मंगलवार देर रात लोगों ने प्रदेश सरकार और मनाली प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. यही नहीं गुस्साए लोगों ने यहां सड़क पर रात को प्रदर्शन के दौरान गाड़ियों की आवाजाही को भी रोक दिया.

रोहतांग दर्रे पर बर्फीला तूफान आने के बाद जहां दर्रे पर वाहनों की आवाजाही मंगलवार को नहीं हो पाई है, वहीं रोहतांग टनल के बाहर भी लोगों की खासी भीड़ मंगलवार दोपहर बाद से जुटी रही. ऐसे में देर रात तक लोगों को रोहतांग टनल से न भेजे जाने को लेकर यहां मौजूद भीड़ भड़क गई और सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करने लगी.

सरकार के खिलाफ प्रदर्शन

लोगों का आरोप था कि उन्हें प्रशासन द्वारा गुलाबा से ये कह कर लौटाया गया था कि वे धुंधी जाएं और उन्हें रोहतांग टनल के माध्यम से लाहौल भेजा जाएगा. ऐसे में जब गुलाबा से लोग धुंधी पहुंचे तो यहां पर बीआरओ ने उनके वाहनों का जहां पंजीकरण किया, वहीं कुछ देर इंतजार करने की भी बात कही.

तींदी पंचायत के बीडीसी सदस्य संजीव कुमार ने बताया कि वह मंगलवार दोपहर से रोहतांग टनल के बाहर धुंधी में रूके हुए हैं. देर रात तक जब वाहनों को रोहतांग टनल से भेजा नहीं गया तो यहां मौजूद लोगों का सबर का बांध टूट गया और लोगों ने सरकार को खिलाफ प्रदर्शन करना शुरू कर दिया. संजीव कुमार का कहना है कि अगर रोहतांग टनल से लोगों को भेजना ही नहीं था, तो प्रशासन ने लोगों को क्यों रोहतांग टनल के निर्माणाधीन स्थल धुंधी में बुलाया.

बता दें कि रोहतांग दर्रे के बहाल होने के बाद भी जनजातीय जिला लाहौल-स्पीति के लोगों की दिक्कतें दूर नहीं हो रही हैं. दर्रे को भले ही बीआरओ ने बहाल कर दिया हो, लेकिन मंगलवार को दर्रे पर आए बर्फीले तूफान ने स्थिती को और बिगाड़ दिया है. ऐसे में रोहतांग टनल ही लोगों के पास एक मात्र रास्ता लाहौल जाने और घाटी से बाहर आने का बचता है.

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Intro:रोहतांग टनल के बाहर लगे सरकार के खिलाफ नारेBody:

रोहतांग टनल के बाहर मंगलवार देर रात लोगों ने प्रदेश सरकार व मनाली प्रशासन के खिलाफ जमकर नारे लगा। यही नहीं गुस्साए लोगों ने यहां सड़क पर रात को प्रदर्शन के दौरान गाडिय़ों की आवाजाही को भी रोक दिया। रोहतांग दर्रे पर बर्फीला तूफान आने के बाद जहां दर्रे पर वाहनों की आवाजाही मंगलवार को नहीं हो पाई है, वहीं रोहतांग टनल के बाहर भी लोगों की खासी भीड़ मंगलवार दोपहर बाद से जुटी रही। ऐसे में देर रात तक लोगों को रोहतांग टनल से न भेजे जाने को लेकर यहां मौजूद भीड़ भड़क गई और सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करने लगी। ऐसे में एक तरफ लोगों का आरोप था कि उन्हें प्रशासन द्वारा गुलाबा से यह कह कर लौटाया गया था कि वह धूंधी जाएं और उन्हें रोहतांग टनल के माध्यम से लाहुल भेजा जाएगा। ऐसे में जब गुलाबा से लोग धुंधी पहुंचे तो यहां पर बीआरओ ने उनके वाहनों का जहां पंजीकरण किया, वहीं कुछ देर इंतजार करने की भी बात कही। तींदी पंचायत के बीडीसी सदस्य संजीव कुमार ने बताया कि वह मंगलवार दोपहर से रोहतांग टनल के बाहर धूंधी में रूके हुए हैं। उन्होंने बताया कि देर रात तक जब वाहनों को रोहतांग टनल से भेजा नहीं गया तो यहां मौजूद लोगों का सबर का बांध टूट गया और लोगों ने सरकार को खिलाफ प्रदर्शन करना शुरू कर दिया। यही नहीं गुस्साए लोगों ने मनाली प्रशासन के खिलाफ नारे लगाए। संजीव कुमार का कहना है कि अगर रोहतांग टनल से लोगों को भेजना ही नहीं था, तो प्रशासन ने लोगों को क्यों रोहतांग टनल के निर्माणाधिन स्थल धूंधी में बुलाया। उन्होंने कहा कि रोहतांग दर्रे से वाहनों की आवाजाही न होने को लेकर लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। उल्लेखनीय है कि रोहतांग दर्रे के बहाल होने के बाद भी जनजातीय जिला लाहुल-स्पीति के लोगों की दिक्कतें दूर नहीं हो रही हैं। दर्रे को भले ही बीआरओ ने बहाल कर दिया हो, लेकिन मंगलवार को दर्रे पर आए बर्फीले तूफान ने स्थिती को और बिगाड़ दिया है। ऐसे में रोहतांग टनल ही लोगों के पास एक मात्र विकल्प लाहुल जाने व घाटी से बाहर आने का बचता है। Conclusion:बहरहाल रोहतंाग टनल से लोगों की आवाजाही न हो पाने को लेकर गुस्साए लोगों ने मंगलवार देर रात सरकार व मनाली प्रशासन के खिलाफ धूंधी में प्रदर्शन कर अपन रोष प्रकट किया।
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