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कुल्लू में फायर ब्रिगेड कर्मचारियों की कमी, 1 साल में 6 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति राख

कुल्लू में जनवरी 2020 से मार्च 2021 तक घर में आग की 53 घटनाएं सामने आई हैं. इन घटनाओं में 6 करोड़ 53 लाख से ज्यादा की संपत्ति बर्बाद हो चुकी है. दरअसल कुल्लू जिले में सिर्फ 6 फायर स्टेशन हैं जो इलाके के लिए कम साबित हो रही है. इसके साथ फायर स्टेशनों पर कर्मचारियों की संख्या भी कम है. कर्मचारियों की कमी के चलते भी आग की घटनाओं को काबू करने में मुश्किल हो रही है.

फोटो.
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Published : Mar 27, 2021, 10:02 AM IST

Updated : Mar 28, 2021, 10:38 AM IST

कुल्लू: प्रदेश में आए दिन आगजनी की घटनाएं सामने आती हैं. इन घटनाओं में अरबों की संपत्ति जलकर राख हो जाती है. इन घटनाओं पर काबू न पाने की वजह है कम फायर स्टेशन और कर्मचारियों की कमी.

आग के कारण करोड़ों का नुकसान

कुल्लू में आग के कारण होने वाला नुकसान करोड़ों रुपयों में है. हालांकि यहां 2 फायर स्टेशन के अलावा 4 फायर पोस्ट भी स्थापित किए गए हैं. हालांकि कुल्लू की 5 लाख से ज्यादा की आबादी के लिए मात्र 6 फायर स्टेशन अग्निकांड के दौरान कम साबित होते हैं. इसके साथ सभी फायर स्टेशन में कर्मचारियों की कमी आग में घी डालने का काम कर रही है. अग्निशमन केंद्र से मिली जानकारी के अनुसार कुल्लू, मनाली, पतलीकूहल, लारजी, आनी में फायर स्टेशन की स्थापना की गई है. हर अग्निशमन केंद्र में 5-5 कर्मचारियों की कमी चल रही है.

समय पर नहीं पहुंचती फायर ब्रिगेड

कुल्लू का अधिकतर इलाका गांव में बसता है. ऐसे में अगर कहीं आग लग जाए तो फायर स्टेशन से गाड़ी को मौके पर पहुंचने के लिए ही 2 घंटे से अधिक का सफर तय करना पड़ता है. कई गांव सड़क सुविधा से न जुड़े होने के कारण गाड़िया मौके पर नही पहुंच पाती हैं और आग से करोड़ो की सम्पत्ति जलकर राख हो जाती है. कुल्लू की मणिकर्ण घाटी भी पर्यटन की दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण है और यहां ग्रामीण इलाकों में भी काफी मकान बने हुए हैं. ऐसे में इस इलाके में भी फायर पोस्ट का खुलना काफी जरूरी है.

6 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति जली

अग्निशमन केंद्र से मिली जानकारी के अनुसार कुल्लू में साल 2020 जनवरी से लेकर साल 2021 के 20 मार्च तक अग्निकांड के 110 मामले सामने आए हैं. इनमें मकान की आग के 53 मामले, जंगल की आग के 45 मामले और 12 मामले बचाव कार्य के पेश आए हैं. इसके अलावा 4 लोगों की जलने से मौत भी हुई है. मकान में लगी आग के कारण 6 करोड़ 53 लाख 82 हजार 500 रुपये की सम्पति जलकर नष्ट हो गई है.

वीडियो

मणिकर्ण घाटी में फायर पोस्ट की मांग

मणिकर्ण घाटी के रहने वाले राहुल का कहना है कि मणिकर्ण घाटी में एक फायर पोस्ट खुलना चाहिए. कुल्लू से मणिकर्ण की दूरी काफी है और सड़क तंग होने के चलते वाहन समय पर नहीं पहुंच पाते हैं. नितिन का कहना है कि सभी फायर स्टेशनों में कर्मचारियों की कमी चल रही है. अगर कर्मचारी ही नहीं होंगे तो किस तरह से आग पर काबू पाया जाएगा. ऐसे में सरकार को चाहिए कि कर्मचारियों की कमी को भी जल्द पूरा किया जाए.

फायर स्टेशनों पर कर्मचारियों की कमी

कुल्लू अग्निशमन केंद्र के प्रभारी दुर्गादास ने बताया कि जिले में दो फायर स्टेशन और चार फायर पोस्ट कार्यरत है. वहीं सभी फायर स्टेशनों में कर्मचारियों की भी कमी चली हुई है. कुल्लू के ग्रामीण इलाकों की बात करें तो कई जगहों पर वाहन पहुंचने के लिए ही कई घंटे लग जाते हैं.

रास्ता तंग होने से नहीं पहुंच पाती गाड़ियां

कई बार रास्ता तंग होने के चलते भी समय पर वाहन मौके पर नहीं पहुंच पाते हैं. ऐसे में प्रदेश सरकार से यह भी मांग रखी गई है कि कर्मचारियों को जल्द से जल्द भर्ती किया जाए ताकि कर्मचारियों की कमी को पूरा किया जा सके और अग्निकांड की घटनाओं को भी बढ़ने से बचाया जा सके.

ये भी पढ़ें: नहीं बच पाया झुंड से भटका हिमालयन आइबैक्स, जख्मी और बीमार होने के कारण हुई मौत

कुल्लू: प्रदेश में आए दिन आगजनी की घटनाएं सामने आती हैं. इन घटनाओं में अरबों की संपत्ति जलकर राख हो जाती है. इन घटनाओं पर काबू न पाने की वजह है कम फायर स्टेशन और कर्मचारियों की कमी.

आग के कारण करोड़ों का नुकसान

कुल्लू में आग के कारण होने वाला नुकसान करोड़ों रुपयों में है. हालांकि यहां 2 फायर स्टेशन के अलावा 4 फायर पोस्ट भी स्थापित किए गए हैं. हालांकि कुल्लू की 5 लाख से ज्यादा की आबादी के लिए मात्र 6 फायर स्टेशन अग्निकांड के दौरान कम साबित होते हैं. इसके साथ सभी फायर स्टेशन में कर्मचारियों की कमी आग में घी डालने का काम कर रही है. अग्निशमन केंद्र से मिली जानकारी के अनुसार कुल्लू, मनाली, पतलीकूहल, लारजी, आनी में फायर स्टेशन की स्थापना की गई है. हर अग्निशमन केंद्र में 5-5 कर्मचारियों की कमी चल रही है.

समय पर नहीं पहुंचती फायर ब्रिगेड

कुल्लू का अधिकतर इलाका गांव में बसता है. ऐसे में अगर कहीं आग लग जाए तो फायर स्टेशन से गाड़ी को मौके पर पहुंचने के लिए ही 2 घंटे से अधिक का सफर तय करना पड़ता है. कई गांव सड़क सुविधा से न जुड़े होने के कारण गाड़िया मौके पर नही पहुंच पाती हैं और आग से करोड़ो की सम्पत्ति जलकर राख हो जाती है. कुल्लू की मणिकर्ण घाटी भी पर्यटन की दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण है और यहां ग्रामीण इलाकों में भी काफी मकान बने हुए हैं. ऐसे में इस इलाके में भी फायर पोस्ट का खुलना काफी जरूरी है.

6 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति जली

अग्निशमन केंद्र से मिली जानकारी के अनुसार कुल्लू में साल 2020 जनवरी से लेकर साल 2021 के 20 मार्च तक अग्निकांड के 110 मामले सामने आए हैं. इनमें मकान की आग के 53 मामले, जंगल की आग के 45 मामले और 12 मामले बचाव कार्य के पेश आए हैं. इसके अलावा 4 लोगों की जलने से मौत भी हुई है. मकान में लगी आग के कारण 6 करोड़ 53 लाख 82 हजार 500 रुपये की सम्पति जलकर नष्ट हो गई है.

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मणिकर्ण घाटी में फायर पोस्ट की मांग

मणिकर्ण घाटी के रहने वाले राहुल का कहना है कि मणिकर्ण घाटी में एक फायर पोस्ट खुलना चाहिए. कुल्लू से मणिकर्ण की दूरी काफी है और सड़क तंग होने के चलते वाहन समय पर नहीं पहुंच पाते हैं. नितिन का कहना है कि सभी फायर स्टेशनों में कर्मचारियों की कमी चल रही है. अगर कर्मचारी ही नहीं होंगे तो किस तरह से आग पर काबू पाया जाएगा. ऐसे में सरकार को चाहिए कि कर्मचारियों की कमी को भी जल्द पूरा किया जाए.

फायर स्टेशनों पर कर्मचारियों की कमी

कुल्लू अग्निशमन केंद्र के प्रभारी दुर्गादास ने बताया कि जिले में दो फायर स्टेशन और चार फायर पोस्ट कार्यरत है. वहीं सभी फायर स्टेशनों में कर्मचारियों की भी कमी चली हुई है. कुल्लू के ग्रामीण इलाकों की बात करें तो कई जगहों पर वाहन पहुंचने के लिए ही कई घंटे लग जाते हैं.

रास्ता तंग होने से नहीं पहुंच पाती गाड़ियां

कई बार रास्ता तंग होने के चलते भी समय पर वाहन मौके पर नहीं पहुंच पाते हैं. ऐसे में प्रदेश सरकार से यह भी मांग रखी गई है कि कर्मचारियों को जल्द से जल्द भर्ती किया जाए ताकि कर्मचारियों की कमी को पूरा किया जा सके और अग्निकांड की घटनाओं को भी बढ़ने से बचाया जा सके.

ये भी पढ़ें: नहीं बच पाया झुंड से भटका हिमालयन आइबैक्स, जख्मी और बीमार होने के कारण हुई मौत

Last Updated : Mar 28, 2021, 10:38 AM IST
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