कुल्लू: हिमाचल प्रदेश के विभिन्न कॉलेजों में यूजीसी के सातवें वेतनमान को लागू करने के लिए प्राध्यापकों के द्वारा एक दिवसीय भूख हड़ताल रखी गई है तो वहीं, कुल्लू राजकीय महाविद्यालय में भी प्राध्यापक इस मांग (Professors hunger strike to implement UGC 7th Pay Commission) को लेकर एक दिन की भूख हड़ताल पर बैठे हुए हैं. हालांकि कुल्लू कॉलेज में छात्रों की परीक्षा चल रही है. सोमवार को प्राध्यापकों के द्वारा परीक्षा को बिल्कुल भी बाधित नहीं किया गया है. हालांकि अध्यापक भी बारी-बारी इस क्रमिक भूख हड़ताल में शामिल हो रहे हैं. राजकीय महाविद्यालय कुल्लू में भूख हड़ताल पर बैठे प्राध्यापकों ने प्रदेश सरकार से मांग रखी कि यूजीसी का सातवां वेतनमान जल्द से जल्द लागू किया जाना चाहिए, ताकि इसका फायदा प्रदेश के सभी प्राध्यापकों को हो सके.
प्राध्यापक संघ कुल्लू (Professors Association Kullu) के अध्यक्ष डॉ. राकेश राणा का कहना है कि इसके अलावा सरकार से मांग रखी जा रही है कि एमफिल और पीएचडी की वेतन वृद्धि को भी जल्द बहाल किया जाए और कुल्लू महाविद्यालय में प्रोफेसर के पद को भी सृजित किया जाए. इसके अलावा सभी कर्मचारियों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए पुरानी पेंशन स्कीम को भी बाहर किया जाना चाहिए और प्रिंसिपल के प्रमोशन के लिए डीपीसी भी तुरंत बैठाई जानी चाहिए. उनका कहना है कि प्रिंसिपल के प्रमोशन के लिए डीपीसी की बैठक कई सालों से नहीं हो पाई है. ऐसे में प्रदेश में आज भी ऐसे कई कॉलेज हैं जहां पर प्रिंसिपल नहीं हैं.
उन्होंने प्रदेश सरकार से यह मांग रखी कि कॉन्ट्रेक्ट कार्यकाल को सेवाकाल में जोड़ा जाना चाहिए और अध्यापकों की मांगों को पूरा किया जाना चाहिए. वहीं, इस मामले पर शिक्षा मंत्री गोविंद ठाकुर का कहना है (Minister Govind Thakur on UGC 7th Pay Commission) कि यूजीसी के वेतनमान की सिफारिश को लेकर मुख्यमंत्री के साथ भी चर्चा की गई है. जल्द ही इस बारे में एक बैठक का भी आयोजन किया जाएगा और प्राध्यापकों की मांगों को भी जल्द सुलझा लिया जाएगा.