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प्रदेश में सरकारी कार्यों को शुरू करने की मिली इजाजत, कुल्लू में निर्माण कार्यों ने पकड़ी रफ्तार

लॉकडाउन के दूसरे चरण में प्रदेश सरकार की ओर से सरकारी कार्यों को अनुमति मिलते ही अधूरे काम शुरू कर दिए गए हैं, जिसके चलते अब कई सरकारी भवनों में मजदूर व कामगार काम करते हुए नजर आ रहे हैं. कुल्लू में अब सरकारी निर्माण कार्यों ने अपनी रफ्तार तेज कर दी है.

construction work in kullu
कुल्लू में शुरू हुए पेंडिंग सरकारी निर्माण कार्य.
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Published : May 1, 2020, 4:39 PM IST

Updated : May 1, 2020, 5:49 PM IST

कुल्लू: कोरोना वायरस के कारण देश व प्रदेश में लॉकडाउन के चलते सभी सरकारी, निजी व प्राइवेट काम ठप पड़े हुए हैं. वहीं, प्रदेश में लॉकडाउन के कारण पर्यटन विभाग को बड़ा नुकसान झेलना पड़ा है. किसानों व बागवानों को फसलों के सही दाम नहीं मिल पा रहा है.

लॉकडाउन के दूसरे चरण में प्रदेश सरकार की ओर से सरकारी कार्यों को अनुमति मिलते ही अधूरे काम शुरू कर दिए गए हैं, जिसके चलते अब कई सरकारी भवनों में मजदूर व कामगार काम करते हुए नजर आ रहे हैं. कुल्लू में अब सरकारी निर्माण कार्यों ने अपनी रफ्तार तेज कर दी है. लॉकडाउन के दूसरे चरण में भी सड़कों की टारिंग का काम अधूरा पड़ा हुआ है.

विभाग से मिली जानकारी के अनुसार टारिंग करने वाले मजदूर अधिकतर बाहरी राज्यों से संबंध रखते हैं और उन्हें अभी तक प्रदेश में आने की अनुमति नहीं मिल पाई है, जिसके चलते जिला कुल्लू के अधिकतर सड़कों पर टारिंग का काम लटका हुआ है. ऐसे में लॉकडाउन की अवधि फिर से बढ़ने पर इस साल भी कुल्लू की कच्ची सड़कों को पक्का करना मुश्किल हो जाएगा.

वीडियो

लोक निर्माण विभाग कुल्लू के अधिशासी अभियंता एसके धीमान ने बताया कि कुल्लू सब-डिवीजन में 10 करोड़ से अधिक के काम शुरू कर दिए गए हैं और 15 करोड रुपये से अधिक के काम पेंडिंग पड़े हुए हैं. जिला की सड़कों पर टारिंग का काम बचा हुआ है. इनके लिए मजदूर न मिलने के कारण अभी काम शुरू नहीं हो पाया है.

मजदूरों व ठेकेदारों को कोरोना संक्रमण से बचने के लिए सभी एहतियात बरतने होगें. बता दें कि जिला कुल्लू की सड़कों में गर्मियों के सीजन के दौरान ही टारिंग का काम शुरू होता है. ऐसे में लॉकडाउन की अवधि बढ़ने के चलते गर्मी का सीजन आधा निपट जाएगा और बरसात के मौसम में विभाग के कर्मचारियों को टारिंग करना काफी मुश्किल हो जाएगा.

कुल्लू: कोरोना वायरस के कारण देश व प्रदेश में लॉकडाउन के चलते सभी सरकारी, निजी व प्राइवेट काम ठप पड़े हुए हैं. वहीं, प्रदेश में लॉकडाउन के कारण पर्यटन विभाग को बड़ा नुकसान झेलना पड़ा है. किसानों व बागवानों को फसलों के सही दाम नहीं मिल पा रहा है.

लॉकडाउन के दूसरे चरण में प्रदेश सरकार की ओर से सरकारी कार्यों को अनुमति मिलते ही अधूरे काम शुरू कर दिए गए हैं, जिसके चलते अब कई सरकारी भवनों में मजदूर व कामगार काम करते हुए नजर आ रहे हैं. कुल्लू में अब सरकारी निर्माण कार्यों ने अपनी रफ्तार तेज कर दी है. लॉकडाउन के दूसरे चरण में भी सड़कों की टारिंग का काम अधूरा पड़ा हुआ है.

विभाग से मिली जानकारी के अनुसार टारिंग करने वाले मजदूर अधिकतर बाहरी राज्यों से संबंध रखते हैं और उन्हें अभी तक प्रदेश में आने की अनुमति नहीं मिल पाई है, जिसके चलते जिला कुल्लू के अधिकतर सड़कों पर टारिंग का काम लटका हुआ है. ऐसे में लॉकडाउन की अवधि फिर से बढ़ने पर इस साल भी कुल्लू की कच्ची सड़कों को पक्का करना मुश्किल हो जाएगा.

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लोक निर्माण विभाग कुल्लू के अधिशासी अभियंता एसके धीमान ने बताया कि कुल्लू सब-डिवीजन में 10 करोड़ से अधिक के काम शुरू कर दिए गए हैं और 15 करोड रुपये से अधिक के काम पेंडिंग पड़े हुए हैं. जिला की सड़कों पर टारिंग का काम बचा हुआ है. इनके लिए मजदूर न मिलने के कारण अभी काम शुरू नहीं हो पाया है.

मजदूरों व ठेकेदारों को कोरोना संक्रमण से बचने के लिए सभी एहतियात बरतने होगें. बता दें कि जिला कुल्लू की सड़कों में गर्मियों के सीजन के दौरान ही टारिंग का काम शुरू होता है. ऐसे में लॉकडाउन की अवधि बढ़ने के चलते गर्मी का सीजन आधा निपट जाएगा और बरसात के मौसम में विभाग के कर्मचारियों को टारिंग करना काफी मुश्किल हो जाएगा.

Last Updated : May 1, 2020, 5:49 PM IST
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