लाहौल स्पीति: जिला लाहौल स्पीति जहां बर्फानी तेंदुए की सरंक्षण स्थली के रूप में विख्यात है. तो वहीं कई अन्य दुर्लभ पशु पक्षी भी लाहौल स्पीति की पहाड़ियों पर विचरण करते हुए नजर आते हैं. अब स्पीति घाटी में भारतीय सुनहरा ओरियल पक्षी भी चहचहाते हुए नजर आ रहा है.
स्पीती घाटी के स्थानीय युवक तेंजिन वंगयाल ने भारतीय सुनहरे ओरियल पक्षी का एक वीडियो भी बनाया है. वहीं अब यह वीडियो वन्य प्राणी विभाग को भी भेजा गया है ताकि वे इस पक्षी की मौजूदगी के बारे में स्पीति घाटी में भी जांच कर सके. गौर रहे कि भारतीय सुनहरा ओरियल पक्षी को इसकी आंखों पर बनी पट्टी से आसानी से पहचाना जा सकता है.
भारतीय ओरियल पक्षी की आंखों की पट्टी छोटी होती है, जबकि यूरोपीय ओरियल के आंखों के ऊपर पाए जाने वाले वाले काले रंग की पट्टी काफी लंबी होती है, जो उसके सर के पीछे तक जाती है, भारतीय पक्षी के पंखों का रंग ज्यादा गहरा पीला होता है. भारतीय मादा ओरियल पक्षी के शरीर पर पाए जाने वाली धारियां ज्यादा गहरी होती हैं. यूरोपिय ओरियल पक्षी आकार में बड़ा होता है इसकी लंबाई 150 से 162 मिलीमीटर होती है.
भारतीय ओरियल पक्षी 136 मिलीमीटर से लेकर 144 मिलीमीटर आकार का होता है. भारतीय सुनहरा ओरियल पक्षी संपूर्ण भारतीय उपमहाद्वीप में पाया जाता है. यह बलूचिस्तान, पाकिस्तान और हिमालय के आसपास के क्षेत्रों में पाया जाता है. सर्दियों के मौसम में दक्षिण भारत की ओर प्रवास कर जाते हैं, कुछ सुनहरे ओरियल पक्षी तो श्रीलंका तक उड़कर प्रवास करते हैं.
वही, कुछ सुनहरे भारतीय ओरियल पक्षी मालद्वीप और अंडमान निकोबार दीप समूह में भी देखे गए हैं. वन्य प्राणी बिभाग से मिली जानकारी के अनुसार भारतीय ओरियल पक्षी लगभग सभी प्रकार के जंगलों में रह सकता है, यह पतझड़ वनों, अर्ध सदाबहार जंगलों, वुडलैंड, जंगलों के किनारे, मंग्रुव के जंगलों, शहर के आसपास बिखरे हुए जंगलों और बगीचों में रह सकता है. भारतीय ओरियल पक्षी अर्ध प्रवासी पक्षी है, यह अपना प्रजनन काल मध्य एशिया और भारतीय उपमहाद्वीप में व्यतीत करता है.
भारत में पाए जाने वाला यह पक्षी ज्यादातर भारत का ही मूल निवासी है. लाहौल स्पीति के काजा में तैनात सहायक लोक सम्पर्क अधिकारी अजय बन्याल का कहना है कि स्पीती घाटी में कई दुर्लभ पशु पक्षी विचरण करते है. स्पीती घाटी में ओरियल पक्षी के आने से पता चलता है कि शीत मरुस्थल में भी इसका जीवन फल फूल रहा है.
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