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कुल्लू दशहरे में न बुलाने पर कई देवी-देवता नाराज, इन देवताओं ने ढालपुर में किया पश्चाताप

कुल्लू दशहरा उत्सव में न बुलाने पर कई देवता नाराज हैं. इसलिए दशहरे में देवताओं को न बुलाने, देवताओं को दशहरे में आने से रोकने, धारा 144 लगाने आदि गलतियों के लिए रविवार को हलाण के देवता नाग धूमल, मेहा के श्री नारायण और डमचीण के वीरनाथ ने छिद्रा (पश्चाताप) किया.

devta Chidra in Dhalpur
देवताओं का छिद्रा
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Published : Nov 2, 2020, 11:00 AM IST

Updated : Nov 2, 2020, 2:16 PM IST

कुल्लू: दशहरा उत्सव में इस बार सैकड़ों देवी-देवताओं को न बुलाने से भगवान रघुनाथ भी दुखी हैं. वहीं, कई देवता रुष्ट भी हैं. दशहरे में देवताओं को न बुलाने, देवताओं को दशहरे में आने से रोकने, धारा 144 लगाने आदि गलतियों के लिए रविवार को हलाण के देवता नाग धूमल, मेहा के श्री नारायण और डमचीण के वीरनाथ ने छिद्रा (पश्चाताप) किया.

देवता वीरनाथ के गुर ने छिद्रा की रस्म को पूरा किया. गूर के माध्यम से कहा गया कि अगर प्रशासन ने किसी देवता को दशहरे में नहीं बुलाया, उससे देवता नाराज हुआ तो हम उसका पश्चाताप करते हैं. भगवान रघुनाथ या अन्य देवता रुष्ट हैं तो उसका भी पश्चाताप करते हैं. पुलिस ने दशहरे में आने से देवता को रोका, उसका भी पश्चाताप करते है.

वीडियो.

छिद्रा के बाद देवता वीरनाथ और धूमल नाग ने ढालपुर की परिक्रमा की. इससे पहले सुबह दोनों देवता ढालपुर से अपना सामान समेट देवालय की ओर प्रस्थान कर गए थे, लेकिन जब ये देवता रघुनाथपुर में पहुंचे तो देवता वीरनाथ ने कहा कि दशहरा में इस बार चीजें सही नहीं हुई हैं. इसका पश्चाताप न करने पर बहुत बड़ी क्षति हो सकती है.

इसके बाद दोनों ढालपुर के पशु मैदान में पहुंचे, जहां डमचीण के वीरनाथ ने लंकाबेकर में अपनी कार्रवाई पूरी की. इसके बाद दोनों देवता भगवान रघुनाथ के अस्थायी शिविर में पहुंचे. मेहा के देवता श्री नारायण भी छिद्रा में शामिल हुए.

भगवान रघुनाथ के मुख्य छड़ीबरदार महेश्वर सिंह ने कहा कि देवताओं के फैसले के बाद छिद्रा किया गया है. अब अन्नकूट उत्सव के दिन छोटी जगती का आयोजन किया जाएगा. बता दें कि छिद्रा के दौरान भगवान रघुनाथ के मुख्य छड़ीबरदार महेश्वर सिंह, भगवान रघुनाथ के कारदार दानवेंद्र सिंह आदि मौजूद रहे.

ये भी पढ़ें: हिमाचल में जुर्म है शादी का झांसा देकर धर्म परिवर्तन,अब यूपी और हरियाणा भी इसी राह पर

कुल्लू: दशहरा उत्सव में इस बार सैकड़ों देवी-देवताओं को न बुलाने से भगवान रघुनाथ भी दुखी हैं. वहीं, कई देवता रुष्ट भी हैं. दशहरे में देवताओं को न बुलाने, देवताओं को दशहरे में आने से रोकने, धारा 144 लगाने आदि गलतियों के लिए रविवार को हलाण के देवता नाग धूमल, मेहा के श्री नारायण और डमचीण के वीरनाथ ने छिद्रा (पश्चाताप) किया.

देवता वीरनाथ के गुर ने छिद्रा की रस्म को पूरा किया. गूर के माध्यम से कहा गया कि अगर प्रशासन ने किसी देवता को दशहरे में नहीं बुलाया, उससे देवता नाराज हुआ तो हम उसका पश्चाताप करते हैं. भगवान रघुनाथ या अन्य देवता रुष्ट हैं तो उसका भी पश्चाताप करते हैं. पुलिस ने दशहरे में आने से देवता को रोका, उसका भी पश्चाताप करते है.

वीडियो.

छिद्रा के बाद देवता वीरनाथ और धूमल नाग ने ढालपुर की परिक्रमा की. इससे पहले सुबह दोनों देवता ढालपुर से अपना सामान समेट देवालय की ओर प्रस्थान कर गए थे, लेकिन जब ये देवता रघुनाथपुर में पहुंचे तो देवता वीरनाथ ने कहा कि दशहरा में इस बार चीजें सही नहीं हुई हैं. इसका पश्चाताप न करने पर बहुत बड़ी क्षति हो सकती है.

इसके बाद दोनों ढालपुर के पशु मैदान में पहुंचे, जहां डमचीण के वीरनाथ ने लंकाबेकर में अपनी कार्रवाई पूरी की. इसके बाद दोनों देवता भगवान रघुनाथ के अस्थायी शिविर में पहुंचे. मेहा के देवता श्री नारायण भी छिद्रा में शामिल हुए.

भगवान रघुनाथ के मुख्य छड़ीबरदार महेश्वर सिंह ने कहा कि देवताओं के फैसले के बाद छिद्रा किया गया है. अब अन्नकूट उत्सव के दिन छोटी जगती का आयोजन किया जाएगा. बता दें कि छिद्रा के दौरान भगवान रघुनाथ के मुख्य छड़ीबरदार महेश्वर सिंह, भगवान रघुनाथ के कारदार दानवेंद्र सिंह आदि मौजूद रहे.

ये भी पढ़ें: हिमाचल में जुर्म है शादी का झांसा देकर धर्म परिवर्तन,अब यूपी और हरियाणा भी इसी राह पर

Last Updated : Nov 2, 2020, 2:16 PM IST
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