कुल्लू: हिमाचल में जुलाई माह में आई बाढ़ के बाद प्रदेश की लाइफलाइन मानी जाने वाली सैंकड़ों सड़क टूट गई. जिसकी वजह से कई क्षेत्रों का संपर्क महीनों तक देश-दुनिया से टूटा रहा. अब फिर से प्रदेश में जनजीवन पटरी पर लौटने लगी है. वहीं, अब हिमाचल में पर्यटकों का आना फिर से शुरू हो गया है, लेकिन मनाली में ग्रीन टैक्स बैरियर लगाए जाने का बाहरी राज्यों से आने वाले गाड़ियों के ड्राइवरों ने आपत्ति जाहिर की है. उनका कहना है कि जब सड़कें सही नहीं है तो किस बात का टैक्स दें.
आपदा के करीब ढाई महीने बाद मनाली में सड़कें चालू हो गई है. पर्यटक फिर से कुल्लू मनाली का रुख करने लगे हैं. वहीं, आपदा के बाद ग्रीन टैक्स बंद किया गया था, जिसे फिर से चालू कर दिया गया है. मनाली में ग्रीन टैक्स बैरियर फिर से शुरू हो गया है. दूसरे राज्यों से आने वाले पर्यटक और गाड़ी ड्राइवर से ग्रीन टैक्स लिया जा रहा है. जिसका पर्यटक और गाड़ी ड्राइवर विरोध कर रहे हैं. इन ड्राइवरों का कहना है कि जब रोड ठीक ही नहीं है तो वे किस बात का ग्रीन टैक्स दे. जिसको लेकर पर्यटन विभाग के कर्मचारियों और ड्राइवरों में आये दिन बहस हो रही है.
टूरिस्टों ने कहा कि अभी तक सड़कों की कंडीशन सही नहीं है. ऐसे में पर्यटन विभाग द्वारा ग्रीन टैक्स लेने का क्या मतलब है. गौरतलब है कि पहले मनाली पहुंचने में 45 मिनट लगते थे, लेकिन आपदा के बाद सड़क क्षतिग्रस्त होने से अब करीब 2 से 3 घंटे का वक्त लग रहा है. जिसकी वजह से पर्यटक ग्रीन टैक्स देने में आनाकानी कर रहे हैं.
जिला पर्यटन अधिकारी सुनैना शर्मा ने बताया कि टूरिस्टों का मनाली आना शुरू हो चुका है. जिसको देखते हुए पर्यटन विभाग ने बाहरी राज्यों की गाड़ियों से मनाली में ग्रीन टैक्स लेना शुरू कर दिया है. सरकार द्वारा सड़कों की मरम्मत का काम किया जा रहा है. फिलहाल किसी तरह का टोल नहीं लिया जा रहा है. ग्रीन टैक्स की राशि से मनाली में सैलानियों की सुविधा के लिए पर्यटन विभाग द्वारा कई काम किए जा रहे है.
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