कुल्लू: जिला कुल्लू के मणिकर्ण में रविवार को हुई मारपीट की घटना में अभी तक पुलिस आरोपियों को नहीं पकड़ पाई है. वहीं, इस घटना के बाद से स्थानीय लोगों में दहशत का महौल बना हुआ है. लोग पुलिस और सरकार से इस मामले में जल्द कार्रवाई की मांग उठा रहे हैं. इस मामले को लेकर वीरवार को ढालपुर में दर्जनों युवाओं के द्वारा एक रैली निकाली गई और डीसी के माध्यम से राष्ट्रपति व राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा गया.
ज्ञापन में मांग की गई कि इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए एक कानून बनाया जाना चाहिए, ताकि किसी की धार्मिक भावना को ठेस न पहुंचे. इस रोष रैली को संबोधित करते हुए स्थानीय युवा जितेंद्र राजपूत ने कहा कि जब से मारपीट की ये घटना सामने आई है, तब से स्थानीय लोगों में दहशत का महौल है. ऐसे में प्रदेश सरकार को इस मामले में सख्त कार्रवाई करनी चाहिए और ऐसे शरारती तत्वों पर कड़ी कानूनी कार्रवाई करनी चाहिए.
उन्होंने कहा कि प्रदेश के कुछ नेता इस मामले को अफवाह बता रहे हैं. अगर यह अफवाह थी तो वहां पर इतनी गाड़ियों के शीशे किसने तोड़े और नैना माता व भगवान श्री राम के मंदिर में बोतल और पत्थर कहां से आए. ऐसे में उन नेताओं को भी पहले मामले की जांच करनी चाहिए थी और उसके बाद बयान जारी करना चाहिए था. जितेंद्र राजपूत ने कहा कि बीते साल की अगर बात करें तो जिला कुल्लू के मनाली व लाहौल में भी बाहरी राज्यों से आए पर्यटकों ने हुड़दंग मचाया था और स्थानीय लोगों के साथ मारपीट की घटनाओं को अंजाम दिया था. लेकिन, उसके बाद भी प्रशासन व सरकार ने कोई सबक नहीं लिया.
ऐसे में अब जिला कुल्लू के युवा मांग करते हैं कि प्रदेश के प्रवेश द्वार पर ही सभी वाहनों की जांच की जाए और यदि पर्यटक के पास कोई हथियार पाया जाता है तो उन पर कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए, ताकि ऐसी घटना दोबारा न हो.
शरारती तत्वों पर कार्रवाई करे प्रशासन: वहीं, कुल्लू जिले के सभी गुरुद्वारों से जुड़ी संगत ने धार्मिक नगरी मणिकर्ण में हुई घटना की कड़ी निंदा की है और इस मामले में शरारती तत्वों पर कार्रवाई की मांग उठाई है. गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी कुल्लू के चेयरमैन जीएस बबू एवं प्रधान महेंद्र सिंह चावला ने कहा कि कुल्लू की संगत घाटी में विनम्रता से जनमानस की सेवा करती आई है तथा कुल्लू घाटी की प्रसिद्ध पारंपरिक गतिविधियों में बढ़-चढ़कर अपना योग दान देती रहती है. संगत का जिला कुल्लू में स्थानीय लोगों से सौहार्दपूर्ण संबंध है. ऐसे में अगर कोई भी असामाजिक तत्व प्रदेश की शांति को भंग करता है व आपसी भाईचारे को नुकसान पहुंचाता है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि इस मामले में सरकार को गंभीरता दिखाते हुए तत्वरित कार्रवाई करनी चाहिए.