कुल्लूः इस बार भारी बर्फबारी के चलते तांदी-संसारी नाला की ओर से सड़क बहाल करना आसान काम नहीं था. जगह-जगह सड़क पर गिरी विशालकाय चट्टानों और हिमखंडों के ढेर हटाने में बीआरओ को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी.
बता दें कि लाहौल समेत पांगी घाटी में पिछले कई सालों के मुकाबले में अधिक बर्फबारी हुई है. जनवरी माह में हुई बर्फबारी के बाद से यह मार्ग ठप था, लेकिन अब लाहौल-पांगी घाटी के लोग रोहतांग दर्रा के बहाल होने तक इस ओर वाहनों से आवाजाही कर सकेंगे.
वही, तांदी-संसारी सड़क के बहाल होते ही सब्जी विक्रेताओं ने कमर कस ली है. अब दो दिनों के भीतर ही लाहौल के लोग लंबे समय के बाद हरी सब्जियों का स्वाद चख सकेंगे. लंबे अंतराल के बाद शनिवार को तांदी-संसारी नाला सड़क से शेष दुनिया से जुड़ गया, हालांकि बड़े वाहनों के लिए अभी सड़क बहाल नहीं हो पाई है.
गौर रहे कि सर्दियों में लौहणी से ढाई किलोमीटर दूर खंका नाले में हिमखंड से पुल ध्वस्त हो गया था. यहां बीआरओ ने अस्थायी सड़क बनाकर बहाली की है. सड़क बहाल होने से पांगी घाटी के लोगों ने राहत महसूस की सांस ली है.
पांगी घाटी के लोगों का कहना है कि तांदी-संसारी सड़क बहाल हो जाने से उनको इसी रास्ते से होकर कुल्लू, मनाली पहुंचने में आसानी रहती है. सीमा सड़क संगठन 94 के कमांडिंग ऑफिसर हरीश बाबू ने कहा कि तांदी-संसारी नाला सड़क के जरिये लाहौल-जम्मू मार्ग से जोड़ दिया गया है.