ETV Bharat / state

6 पायलटों ने फर्जी प्रमाणपत्र से बनवाए थे लाइसेंस, पर्यटन विभाग ने उड़ान भरने पर लगाई रोक

Fake certificate of paragliding: कुल्लू में पैराग्लाइडिंग का एडवांस कोर्स करवाने के प्रशिक्षण का फर्जी प्रमाणपत्र लेकर छह लोगों ने पैराग्लाइडिंग लाइसेंस बनवाए थे. पर्यटन विभाग ने सभी छह लोगों यानी पायलट पर उड़ान भरने पर रोक लगा दी है. जांच के बाद इनके लाइसेंस भी रद्द हो सकते हैं.

Fake certificate of paragliding
कुल्लू में पैराग्लाइडिंग
author img

By

Published : Jan 25, 2023, 7:24 PM IST

कुल्लू: जिला कुल्लू में पैराग्लाइडिंग का एडवांस कोर्स करवाने के मामले में अब पर्यटन विभाग ने अपनी कार्रवाई तेज कर दी है. जिसके तहत छह पायलटों के प्रमाण पत्र फर्जी पाए गए हैं. ऐसे में आवंटन विभाग भी इन प्रमाण पत्रों की जांच में जुट गया है कि इन पायलटों ने आखिर कहां से इसका प्रशिक्षण लिया था. फिलहाल इन छह पायलटों पर उड़ान के लिए रोक लगा दी गई है और जांच के बाद ही इन्हें दोबारा उड़ान की अनुमति मिलेगी.

वहीं, आरोपी से भी पुलिस की टीम पूछताछ करने में जुटी हुई है. आरोपी के द्वारा जो प्रमाण पत्र जारी किए गए हैं वह संस्थान मान्यता प्राप्त है. ऐसे में उस संस्थान से भी पर्यटन विभाग व पुलिस विभाग जांच में जुट गए हैं कि यह प्रमाण पत्र आखिर बाहर कैसे निकले. या फिर आरोपी ने अपने स्तर पर ही इन प्रमाणपत्रों को बनवाया है. वहीं, जांच में अगर लाइसेंस फर्जी पाए गए तो बाद इनके लाइसेंस भी रद्द हो सकते हैं. ऐसे में विभाग की आरंभिक जांच में छह पायलटों ने लाइसेंस बनाने के लिए फर्जी प्रमाण पत्र पर्यटन विभाग के पास जमा करवाए थे. इसकी जानकारी मिलने के बाद विभाग ने सभी छह पायलटों को पैराग्लाइडिंग उड़ान भरने पर रोक लगा दी है. इनकी जानकारी पुलिस को सौंप दी दी है.

आरोपियों ने कितने पैसे देकर प्रमाणपत्र लिए थे. अब पुलिस इसकी जांच करेगी. सभी छह पायलटों के प्रमाण पत्र 2017-18 के बने हुए हैं और एरो स्पोर्ट्स नियम वर्ष 2022 में लागू हुआ है. इसमें पैराग्लाइडिंग के लिए पायलट का प्रशिक्षित होना व लाइसेंस अनिवार्य किया गया है. डोभी सहित यह पायलट अन्य साइटों पर भी पैराग्लाइडिंग कराने के लिए उड़ान भरते थे. डोभी साइट में लगातार हादसे हो रहे हैं. अब पर्यटन विभाग की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान खड़े हो गए हैं.

इसलिए करवाया जाता है प्रशिक्षण

लगातार हो रहे हादसों की रोकथाम के लिए पायलट को एसआईवी एडवांस कोर्स करना अनिवार्य किया गया है. इसमें आपात स्थित में हवा में पैराशूट खोलने का प्रशिक्षण और पानी में पैराग्लाइडिंग को लैंड करने सहित अन्य नियमों की जानकारी दी जाती थी. इसमें पुराने और नए सभी पायलटों को यह प्रशिक्षण करना अनिवार्य किया गया है.

पूछताछ में खुलेगा राज

पुलिस रिमांड के दौरान दोनों आरोपियों से पुलिस कड़ी पूछताछ कर रही है. इस दौरान दोनों के तार कहां जुड़े हैं. इस मामले में और कौन-कौन लोग शामिल हैं. गहन पूछताछ की जा रही है. बताया गया है कि रायसन में एक स्थानीय व्यक्ति इस गिरोह में शामिल है. इसका अभी तक पता नहीं चल पाया. कुल्लू जिले में छह पायलटों ने लाइसेंस बनवाने के लिए फर्जी प्रमाणपत्र लगाए गए हैं. इन सभी पर पैराग्लाइडिंग करवाने पर रोक लगा दी है. अगर यह फर्जी पाए जाते हैं तो इनके लाइसेंस रद्द किए जाएंगे और भविष्य में यह कभी भी उड़ान नहीं भर सकेंगे.

ये भी पढ़ें- What Is Halwa Ceremony: बजट से पहले बनाया जाता है हलवा, क्या है ये रस्म, पढ़ें विस्तार से

ये भी पढ़ें- Paragliding in Kullu: अब पीज से ढालपुर के लिए उड़ेंगे मानव परिंदे, पर्यटन को लगेंगे पंख

कुल्लू: जिला कुल्लू में पैराग्लाइडिंग का एडवांस कोर्स करवाने के मामले में अब पर्यटन विभाग ने अपनी कार्रवाई तेज कर दी है. जिसके तहत छह पायलटों के प्रमाण पत्र फर्जी पाए गए हैं. ऐसे में आवंटन विभाग भी इन प्रमाण पत्रों की जांच में जुट गया है कि इन पायलटों ने आखिर कहां से इसका प्रशिक्षण लिया था. फिलहाल इन छह पायलटों पर उड़ान के लिए रोक लगा दी गई है और जांच के बाद ही इन्हें दोबारा उड़ान की अनुमति मिलेगी.

वहीं, आरोपी से भी पुलिस की टीम पूछताछ करने में जुटी हुई है. आरोपी के द्वारा जो प्रमाण पत्र जारी किए गए हैं वह संस्थान मान्यता प्राप्त है. ऐसे में उस संस्थान से भी पर्यटन विभाग व पुलिस विभाग जांच में जुट गए हैं कि यह प्रमाण पत्र आखिर बाहर कैसे निकले. या फिर आरोपी ने अपने स्तर पर ही इन प्रमाणपत्रों को बनवाया है. वहीं, जांच में अगर लाइसेंस फर्जी पाए गए तो बाद इनके लाइसेंस भी रद्द हो सकते हैं. ऐसे में विभाग की आरंभिक जांच में छह पायलटों ने लाइसेंस बनाने के लिए फर्जी प्रमाण पत्र पर्यटन विभाग के पास जमा करवाए थे. इसकी जानकारी मिलने के बाद विभाग ने सभी छह पायलटों को पैराग्लाइडिंग उड़ान भरने पर रोक लगा दी है. इनकी जानकारी पुलिस को सौंप दी दी है.

आरोपियों ने कितने पैसे देकर प्रमाणपत्र लिए थे. अब पुलिस इसकी जांच करेगी. सभी छह पायलटों के प्रमाण पत्र 2017-18 के बने हुए हैं और एरो स्पोर्ट्स नियम वर्ष 2022 में लागू हुआ है. इसमें पैराग्लाइडिंग के लिए पायलट का प्रशिक्षित होना व लाइसेंस अनिवार्य किया गया है. डोभी सहित यह पायलट अन्य साइटों पर भी पैराग्लाइडिंग कराने के लिए उड़ान भरते थे. डोभी साइट में लगातार हादसे हो रहे हैं. अब पर्यटन विभाग की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान खड़े हो गए हैं.

इसलिए करवाया जाता है प्रशिक्षण

लगातार हो रहे हादसों की रोकथाम के लिए पायलट को एसआईवी एडवांस कोर्स करना अनिवार्य किया गया है. इसमें आपात स्थित में हवा में पैराशूट खोलने का प्रशिक्षण और पानी में पैराग्लाइडिंग को लैंड करने सहित अन्य नियमों की जानकारी दी जाती थी. इसमें पुराने और नए सभी पायलटों को यह प्रशिक्षण करना अनिवार्य किया गया है.

पूछताछ में खुलेगा राज

पुलिस रिमांड के दौरान दोनों आरोपियों से पुलिस कड़ी पूछताछ कर रही है. इस दौरान दोनों के तार कहां जुड़े हैं. इस मामले में और कौन-कौन लोग शामिल हैं. गहन पूछताछ की जा रही है. बताया गया है कि रायसन में एक स्थानीय व्यक्ति इस गिरोह में शामिल है. इसका अभी तक पता नहीं चल पाया. कुल्लू जिले में छह पायलटों ने लाइसेंस बनवाने के लिए फर्जी प्रमाणपत्र लगाए गए हैं. इन सभी पर पैराग्लाइडिंग करवाने पर रोक लगा दी है. अगर यह फर्जी पाए जाते हैं तो इनके लाइसेंस रद्द किए जाएंगे और भविष्य में यह कभी भी उड़ान नहीं भर सकेंगे.

ये भी पढ़ें- What Is Halwa Ceremony: बजट से पहले बनाया जाता है हलवा, क्या है ये रस्म, पढ़ें विस्तार से

ये भी पढ़ें- Paragliding in Kullu: अब पीज से ढालपुर के लिए उड़ेंगे मानव परिंदे, पर्यटन को लगेंगे पंख

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.