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Corona Employee Terminated: स्वास्थ्य विभाग ने कोविड कर्मचारियों को दिखाया बाहर का रास्ता, कुल्लू में 50 कोरोना वॉरियर्स की हुई छुट्टी

कुल्लू अस्पताल में कोरोना काल में विभिन्न विभागों में 50 आउटसोर्स कर्मी तैनात किए गए थे. स्वास्थ्य विभाग द्वारा आज शनिवार को निर्देश जारी कर सभी कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है. ऐसे में कर्मचारियों ने प्रदेश सरकार से गुहार लगाई है कि रोजगार के लिए सरकार कुछ और प्रयास करे, ताकि वे अपने परिवार का भरण पोषण कर सके. पढ़ें पूरी खबर.. (Kullu Covid Employee)

50 Covid employees laid off from Kullu Hospital
कुल्लू अस्पताल से कोविड कर्मचारी हुए बाहर
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Sep 30, 2023, 5:55 PM IST

Updated : Sep 30, 2023, 7:07 PM IST

प्रदेश सरकार से गुहार लगाते पूर्व कोविड कर्मचारी

कुल्लू: हिमाचल प्रदेश में कोरोना काल के दौरान प्रदेश के विभिन्न सरकारी अस्पतालों में कोरोना वॉरियर के नाम से कर्मचारियों की नियुक्ति की गई थी, लेकिन अब सभी कोरोना कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है. दरअसल, कुल्लू के मुख्यालय ढालपुर के क्षेत्रीय अस्पताल में भी कोरोना वार्ड के लिए 50 कर्मचारियों की नियुक्ति की गई थी. जिसमें 30 स्टाफ नर्स और 20 वार्ड बॉयज शामिल हैं, जिन्हे स्वास्थ्य विभाग द्वारा निर्देश जारी किए गए हैं. उन्हें अब अस्पताल नहीं आने के लिए कहा गया है. वहीं, कर्मचारियों की प्रदेश सरकार से गुहार है कि रोजगार के लिए सरकार के द्वारा अब कुछ और प्रयास किए जाने चाहिए. ताकि वे अपने परिवार का भरण पोषण कर सके.

दरअसल, बीते कुछ समय से यह सभी कर्मचारी प्रदेश सरकार से उन्हें स्वास्थ्य विभाग में विलय करने की मांग कर रहे थे और सरकार द्वारा भी उन्हें आश्वासन दिया गया था कि उनकी नौकरी को सुरक्षित रखा जाएगा, लेकिन आज सभी कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है. वहीं, कोविड वार्ड में तैनात कर्मचारी लच्छी राम का कहना है कि प्राकृतिक आपदा में उनका घर भी चला गया और अब नौकरी भी चली गई. ऐसे में अब वह किस तरह से अपने परिवार का भरण पोषण करेंगे, इसकी चिंता उन्हें सताई जा रही है. लच्छी राम का कहना है कि कांग्रेस सरकार ने उन्हें आश्वासन दिया था कि उनकी नौकरी को सुरक्षित रखा जाएगा और उनका स्वास्थ्य विभाग में विलय किया जाएगा, लेकिन आज सरकार ने उन्हें बाहर का रास्ता दिखाया है. जिसके चलते अब वह काफी परेशानी में है.

कोविड वार्ड में तैनात कर्मचारी तेजेंद्र का कहना है कि एक और तो प्रदेश सरकार युवाओं को रोजगार देने का दावा कर रही है, लेकिन अगर कोई कर्मचारी आउटसोर्सिंग अन्य माध्यम से नौकरी कर रहे हैं तो उन्हें बाहर का भी रास्ता दिखाया जा रहा है. जो बिल्कुल भी सही नहीं है. कर्मचारी तेजेंद्र का कहना है कि सरकार को इस बात का भी ख्याल रखना चाहिए था कि जिन कर्मचारियों को बाहर निकाला जा रहा है. वह किस तरह से अब अपने परिवार का भरण पोषण करेंगे. ऐसे में सरकार जल्द से जल्द उनके लिए रोजगार की व्यवस्था भी करें.

ये भी पढ़ें: Kullu News: सैंज के लोगों को आज भी डराता है तबाही का मंजर, सब कुछ बहा ले गई बाढ़, अब सरकार से लगाई ये गुहार

प्रदेश सरकार से गुहार लगाते पूर्व कोविड कर्मचारी

कुल्लू: हिमाचल प्रदेश में कोरोना काल के दौरान प्रदेश के विभिन्न सरकारी अस्पतालों में कोरोना वॉरियर के नाम से कर्मचारियों की नियुक्ति की गई थी, लेकिन अब सभी कोरोना कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है. दरअसल, कुल्लू के मुख्यालय ढालपुर के क्षेत्रीय अस्पताल में भी कोरोना वार्ड के लिए 50 कर्मचारियों की नियुक्ति की गई थी. जिसमें 30 स्टाफ नर्स और 20 वार्ड बॉयज शामिल हैं, जिन्हे स्वास्थ्य विभाग द्वारा निर्देश जारी किए गए हैं. उन्हें अब अस्पताल नहीं आने के लिए कहा गया है. वहीं, कर्मचारियों की प्रदेश सरकार से गुहार है कि रोजगार के लिए सरकार के द्वारा अब कुछ और प्रयास किए जाने चाहिए. ताकि वे अपने परिवार का भरण पोषण कर सके.

दरअसल, बीते कुछ समय से यह सभी कर्मचारी प्रदेश सरकार से उन्हें स्वास्थ्य विभाग में विलय करने की मांग कर रहे थे और सरकार द्वारा भी उन्हें आश्वासन दिया गया था कि उनकी नौकरी को सुरक्षित रखा जाएगा, लेकिन आज सभी कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है. वहीं, कोविड वार्ड में तैनात कर्मचारी लच्छी राम का कहना है कि प्राकृतिक आपदा में उनका घर भी चला गया और अब नौकरी भी चली गई. ऐसे में अब वह किस तरह से अपने परिवार का भरण पोषण करेंगे, इसकी चिंता उन्हें सताई जा रही है. लच्छी राम का कहना है कि कांग्रेस सरकार ने उन्हें आश्वासन दिया था कि उनकी नौकरी को सुरक्षित रखा जाएगा और उनका स्वास्थ्य विभाग में विलय किया जाएगा, लेकिन आज सरकार ने उन्हें बाहर का रास्ता दिखाया है. जिसके चलते अब वह काफी परेशानी में है.

कोविड वार्ड में तैनात कर्मचारी तेजेंद्र का कहना है कि एक और तो प्रदेश सरकार युवाओं को रोजगार देने का दावा कर रही है, लेकिन अगर कोई कर्मचारी आउटसोर्सिंग अन्य माध्यम से नौकरी कर रहे हैं तो उन्हें बाहर का भी रास्ता दिखाया जा रहा है. जो बिल्कुल भी सही नहीं है. कर्मचारी तेजेंद्र का कहना है कि सरकार को इस बात का भी ख्याल रखना चाहिए था कि जिन कर्मचारियों को बाहर निकाला जा रहा है. वह किस तरह से अब अपने परिवार का भरण पोषण करेंगे. ऐसे में सरकार जल्द से जल्द उनके लिए रोजगार की व्यवस्था भी करें.

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Last Updated : Sep 30, 2023, 7:07 PM IST
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