कुल्लू: हिमाचल प्रदेश के कुल्लू में अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव में भाग लेने के लिए जहां सैकड़ों देवी देवता पहुंच चुके हैं. तो वहीं 6 देवी देवताओं के शिविरों में लगाए गए टेंट को प्रशासन द्वारा हटाया गया है. ऐसे में 6 देवी देवताओं के साथ आए हरियानो में भी प्रशासन के प्रति रोष देखने को मिल रहा है. वहीं, प्रशासन द्वारा हरियानो को निर्देश दिए गए हैं कि वह यहां से जगह खाली करें. वरना उन पर कानूनी कार्रवाई भी की जा सकती है.
दरअसल, देवताओं के साथ आए हरियानो का कहना है कि वह साल 2019 से दशहरा उत्सव में भाग ले रहे हैं और यहां पर प्रशासन के द्वारा ही उन्हें हर बार टेंट और अन्य सुविधाए मुहैया करवाई जाती थी, लेकिन इस बार प्रशासन के द्वारा उन्हें यहां से हटाने का फरमान जारी किया गया है. जो बिल्कुल भी सही नहीं है. वहीं, देवता के साथ आए हारियान इंद्र सिंह और सुनील कुमार का कहना है कि साल 2019 में जब दशहरा उत्सव समिति के द्वारा देवधुन कार्यक्रम का आयोजन किया गया था.
हरियानो का कहना है कि देवधुन कार्यक्रम के दौरान उन्हें आमंत्रण दिया गया था. ऐसे में वह अपने बजंतरियों के साथ यहां पर पहुंचे थे और यहां पर देव धुन में भी भाग लिया था. उस साल देवताओं के रहने की व्यवस्था प्रशासन के द्वारा की गई थी और उन्हें हर साल मेले में बुलाए जाने लगा. ऐसे में बीती शाम के समय जब उन्होंने यहां पर अपने टेंट लगाए तो उन्हें यहां से हटाने के बारे में निर्देश जारी किया गए.
हरियानो का कहना है कि प्रशासन के द्वारा जो यह निर्देश दिए गए हैं वह पूरी तरह से गलत है. जबकि हर साल उन्हें प्रशासन के द्वारा ही हर प्रकार की सुविधा उपलब्ध करवाई जाती थी. उन्होंने जिला प्रशासन से मांग रखी है की देवी देवताओं के रहने के लिए विशेष रूप से टेंट की व्यवस्था की जाए और उन्हें यहां से बिल्कुल भी न हटाया जाए.
एडीएम कुल्लू अश्विनी कुमार ने बताया कि दशहरा उत्सव कमेटी और कारदार संघ की बैठक में यह तय किया गया है कि जो देवी देवता बिना निमंत्रण के दशहरा उत्सव में आते हैं. उन्हें सरवरी पार्क में बैठने के लिए जगह दी जाएगी. ऐसे में इन सभी देवी देवताओं के हरियानो को भी निर्देश दिए गए हैं कि वह ढालपुर से सरवरी पार्क में शिफ्ट हो जाएं. वहां पर भी प्रशासन की ओर से उन्हें सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी.