कुल्लू: आज अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा उत्सव का अंतिम दिन है. इस खास अवसर पर आज दशहरा उत्सव के अंतिम दिन कुल्लू कार्निवल का आयोजन किया गया. इस कुल्लू कार्निवल में जहां जिला कुल्लू, प्रदेश व अन्य राज्यों से आए कलाकारों ने अपनी अपनी संस्कृति का प्रदर्शन किया. वहीं, विदेशी सांस्कृतिक दल भी इस कार्निवल में शामिल हुए. कुल्लू कार्निवल में विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप पठानिया और मंडी संसदीय क्षेत्र की सांसद प्रतिभा सिंह भी विशेष रूप से शामिल हुए.
रथ मैदान से शुरू हुआ कार्निवल: यह कुल्लू कार्निवल ढालपुर के रथ मैदान से शुरू होते हुए माल रोड से गुजरा. हजारों लोगों ने इस कुल्लू कार्निवल में विभिन्न संस्कृतियों के दर्शन किए. अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा उत्सव में पहली बार इस तरह के कुल्लू कार्निवाल का आयोजन किया गया है. इस बार कुल्लू दशहरा उत्सव के दूसरे दिन भी कल्चर परेड का आयोजन किया गया था. ऐसे में अबकी बार अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव में कई नई चीजों को शामिल किया गया. इस दौरान सभी कलाकार अपनी-अपनी पारंपरिक वेशभूषा में नाचते-गाते हुए माल रोड से गुजरे और लोगों ने भी इस दृश्य को अपने कैमरे में कैद किया. कुल्लू कार्निवल के दौरान लोगों में खासा उत्साह देखने को मिला.
केन्या कलाकारों को पसंद आया दशहरा उत्सव: कुल्लू कार्निवल में केन्या से आया हुआ सांस्कृतिक दल में शामिल हुआ. केन्या से आए कलाकारों का कहना है कि यहां पर उन्हें विभिन्न राज्यों की संस्कृति को जानने का मौका मिला है. उन्होंने भी कल्चर परेड व कुल्लू कार्निवल में हिस्सा लिया और लोगों को अपनी संस्कृति से परिचित करवाया है. ऐसे में वह अगली बार भी यहां जरूर आना चाहेंगे और यहां की संस्कृति के बारे में भी जानकारी लेना चाहेंगे. केन्या के कलाकारों का कहना है कि उन्हें कुल्लू दशहरा उत्सव में शामिल होकर और इसका हिस्सा बनकर बहुत अच्छा लग रहा है.
15 विदेशी सांस्कृतिक दलों ने लिया हिस्सा: इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने प्रदेशवासियों को अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा उत्सव की बधाई दी. उन्होंने कहा कि प्राकृतिक आपदा के बाद प्रदेश में अब सब बिल्कुल ठीक हो गया है. अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा उत्सव का आयोजन भी सफल तरीके से किया गया है. जिसके लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह और सीपीएस सुंदर ठाकुर बधाई के पात्र हैं. अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा उत्सव इस साल सही मायने में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मनाया गया, क्योंकि यहां पर 15 विदेशी सांस्कृतिक दलों ने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया. इसके अलावा कुल्लू दशहरा उत्सव में कई ऐसी चीज थी जो पहली बार की गई. उन्होंने कहा कि अब प्रदेश सरकार का यह प्रयास रहेगा कि अगली बार इस उत्सव को और ज्यादा भव्य तरीके से मनाया जाए.
देवी-देवताओं का महाकुंभ: वहीं, मंडी संसदीय क्षेत्र की सांसद प्रतिभा सिंह ने कहा कि भगवान रघुनाथ की रथ यात्रा से यह दशहरा उत्सव शुरू हुआ और अब यह समापन की ओर बढ़ रहा है. दशहरा उत्सव की शान घाटी के देवी-देवता हैं. 300 से ज्यादा देवी देवताओं ने ढालपुर के मैदान में श्रद्धालुओं को दर्शन दिए हैं. ऐसे में देवी देवताओं के महाकुंभ के नाम से मशहूर अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा उत्सव में उन्होंने भी अस्थाई शिविरों में जाकर देवी-देवताओं के दर्शन किए हैं और पूरे विश्व में शांति की कामना की है.
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