कुल्लू: हिमाचल प्रदेश में अवैध कटान के मामलों में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. वहीं, वन विभाग लकड़ी के तस्करों पर नकेल कसने में नाकाम साबित हो रहा है. हाल ही में जिला कुल्लू के हुरला वन विभाग की बीट में 41 देवदार के पेड़ों के अवैध कटान का मामला सामने आया है. अवैध कटान का मामला सामने आने पर वन विभाग ने कार्रवाई शुरू कर दी है और विभाग के अधिकारी मामले की जांच में जुट गए हैं. वन विभाग द्वारा अवैध कटान की शिकायत कुल्लू पुलिस में भी दर्ज करवाई गई है और अवैध कटान में शामिल लोगों का पता लगाया जा रहा है.
41 देवदार पेड़ों का अवैध कटान: बता दें कि बीते दिनों पार्वती वन मंडल के डीएफओ प्रवीण ठाकुर के नेतृत्व में हुरला वन बीट का निरीक्षण किया गया था. जहां निरीक्षण के दौरान टीम ने पाया कि यहां पर 41 देवदार पेड़ों का अवैध रुप से कटान हुआ है. इतने बड़े स्तर पर अवैध कटान की सूचना मिलने पर वन विभाग हरकत में आया और जांच शुरू की. इसके अलावा विभाग के अधिकारियों के साथ में मिलकर आगामी कार्रवाई की जा रही है और विभाग के पूर्व में रहे एक अधिकारी व दो अन्य वर्तमान में काम कर रहे कर्मचारियों से भी मामले के संदर्भ में गहन पूछताछ की जा रही है.
जंगल से 979 स्लीपर और कड़ियां बरामद: वन विभाग में डीएफओ प्रवीण ठाकुर की अगुवाई में जब वन मंडल की टीम ने जंगल का दौरा किया तो पता चला कि अवैध कटान छह माह से 1 साल के बीच हुआ है. वहीं इन पेड़ों को काटने के बाद स्लीपर और कड़िया भी जंगल में ही तैयार की गई थीं और कुछ स्लीपर और कड़ियों को झाड़ियों और चट्टानों के नीचे छुपा कर रखा गया था. ऐसे में डीएफओ प्रवीण ठाकुर की टीम ने जंगल से 979 स्लीपर और कड़ियां बरामद की हैं. वहीं बाजार में इस लकड़ी की कीमत 85 लाख रुपए से अधिक की आंकी गई है.
वनरक्षक, बीओ और एक सेवानिवृत्त रेंज अधिकारी को नोटिस जारी: वन विभाग के डीएफओ प्रवीण ठाकुर ने बताया कि उन्होंने 20 फरवरी को अपना कार्यभार संभाला था और 21 फरवरी को उन्हें इस अवैध कटान के बारे में जानकारी मिली थी. यह कटान हुरला बीट के दुर्गम इलाके में हुआ है. ऐसे में अब विभाग के द्वारा इस मामले में वनरक्षक, बीओ और एक सेवानिवृत्त रेंज अधिकारी को भी नोटिस जारी किया गया है, जिसमें 1 सप्ताह के भीतर जवाब मांगा गया है. बता दें कि हुरला वन बीट में 1 साल के भीतर काफी नए मकान बने हैं. जिनमें ज्यादातर लकड़ी का ही प्रयोग किया गया है. अब यह मकान भी विभागीय जांच के घेरे में आ गए हैं. वन विभाग की टीम इन घरों में भी जाकर पूछताछ करेगी और मकान में लगाई गई लकड़ी के दस्तावेज भी मांगे जाएंगे. अगर इन मकानों में अवैध रूप से लकड़ी का इस्तेमाल किया गया होगा तो विभाग द्वारा मकान मालिकों पर भी कानूनी कार्रवाई की जाएगी. वन विभाग के दायरे में आने वाले देवदार के पेड़ों के अवैध कटान पर आईपीसी की धारा 379 व इंडियन फर्स्ट अधिनियम 26 के तहत मामला दर्ज किया जाता है.
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