कुल्लू: जिला कुल्लू के मुख्यालय सरवरी में शनिवार को विभिन्न ट्रेड यूनियन की एक बैठक आयोजित की गई. इस बैठक में ट्रेड यूनियन से जुड़े हुए पदाधिकारी ने मनरेगा एवं भवन निर्माण कार्य से जुड़े हुए मजदूरों की मांगों पर चर्चा की. वहीं, ट्रेड यूनियन के द्वारा सरकार से मांग रखी गई है कि अगर जल्द ही उनकी मांगों को पूरा नहीं किया गया, तो 30 जनवरी से वह पूरे प्रदेश में जिला स्तर पर धरना प्रदर्शन करेंगे. इसके बाद भी अगर मजदूरों की अनदेखी की गई, तो सभी ट्रेड यूनियन मिलकर आगामी विधानसभा सत्र में विधानसभा का भी घेराव करेंगे.
हिमाचल प्रदेश मनरेगा एवं सर्व कामगार संगठन के महासचिव अजीत राठौर ने बताया कि सरकार ने 12 दिसंबर 2022 को एक गलत निर्णय लिया था. जिससे प्रदेश में साढ़े 4 लाख से अधिक मजदूरों को आज सरकार से मिलने वाली योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है. ऐसे में अब हिमाचल प्रदेश की सभी ट्रेड यूनियन के द्वारा निर्णय लिया गया है. जिसमें इंटक, बीएमएस, सीटू, एटक, एच के एस मजदूर संगठन शामिल है. उन्होंने कहा कि अब डीसी के माध्यम से प्रदेश के मुख्यमंत्री और राज्यपाल को ज्ञापन भेजा गया है और इन सब मांगों को जल्द पूरा करने की भी मांग रखी गई है.
वहीं, ट्रेड यूनियन की राज्य पदाधिकारी भावना चौहान ने बताया कि सरकार से मांग रखी गई है कि जो भी मनरेगा मजदूर 90 दिन से अधिक काम करते हैं. उन्हें श्रमिक कल्याण बोर्ड का सदस्य बनाया जाए और उन्हें सभी निश्चित लाभ भी जारी किया जाए. इसके अलावा सभी मजदूरों की पिछले तीन साल की सहायता राशि भी जल्द जारी की जाए. वहीं, 8 फरवरी 2023 को सरकार के द्वारा जो अधिसूचना जारी की गई है. उसे भी रद्द किया जाए. श्रमिक कल्याण बोर्ड को सही तरीके से चलने के लिए स्थाई अध्यक्ष और सचिव की भी नियुक्ति की जाए.
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