शिमला: हिमाचल प्रदेश में 3 दिनों से प्रकृति का तांडव देखने को मिल रहा है, लेकिन अभी भी ये मुसीबत अभी कम होती नहीं दिखाई दे रही है. मौसम विभाग ने अगले 24 घंटे में प्रदेश में भारी बारिश को लेकर रेड अलर्ट जारी किया है. वहीं, हिमाचल में आया जल प्रलय ने मंडी और कुल्लू में सबसे ज्यादा तबाही मचाई है. दोनों जिले में कई सड़के बंद है. जगह-जगह लैंडस्लाइड, नदी नालों में उफान, बिजली आपूर्ति ठप है.
चंडीगढ़-मनाली एनएच पर लैंडस्लाइड: भारी बारिश के चलते पूरे हिमाचल प्रदेश में लगातार लैंडस्लाइड की घटनाएं सामने आ रही है. वहीं, कुल्लू जिले में भी चंडीगढ़-मनाली एनएच पर भी 6 मील के पास लैंडस्लाइड की घटना सामने आई है. जिसकी वजह से 6 मील के पास एनएच पूरी तरह से बंद हो चुका है. बताया जा रहा है कि दो दिनों तक एनएच खुलने के आसार नजर नहीं आ रहे हैं. बीते 9 जुलाई से भारी बारिश के चलते चंडीगढ़ मनाली नेशनल हाईवे पर हुए लैंडस्लाइड के कारण रास्ता बंद है.
ड्राइवर और कंडक्टर सड़कों पर काट रहे रात: हिमाचल प्रदेश में जारी मूसलाधार बारिश के कारण मुश्किलों का दौर जारी है. बीते 3 दिनों से क्षेत्र में हो रही लगातार बारिश के कारण बाहरी राज्य से आए गाड़ियों के चालक और परिचालक परेशान हैं. मंडी जिला प्रशासन और पुलिस ने ऐतिहातन वाहन चालकों को बल्ह घाटी के नागचला में रोका है. वहीं, 3 दिनों से परेशानियां झेलते हुए चालक व परिचालक सड़क पर रातें काटने के लिए मजबूर हैं.
खाने-पीने की चीजे हुई महंगी: हैरानी की बात यह है कि इस आपदा की स्थिति में स्थानीय ढाबा संचालकों द्वारा खाना पीना खाने पीने के दाम भी बढ़ा दिए गए हैं. आलम यह है कि वाहनों के चालकों के पास अब खाने को लेकर भी पैसे नहीं बचे हैं. इस कारण बाहरी राज्यों के वाहन चालकों को अब खाने के भी लाले पड़ गए हैं. चालकों का कहना है कि स्थानीय प्रशासन और पुलिस द्वारा उन्हें स्थिति को लेकर भी कोई जानकारी नहीं दी जा रही है.
भारी बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त: कुल्लू जिले में आसमानी आफत से जिले की 164 रोड बंद है. 448 बिजली ट्रांसफार्मर ठप पड़े हैं. 400 से अधिक पेयजल योजना बाधित हैं. वहीं, जिले में बीते 3 दिनों में हुई बारिश से 10 लोगों की मौत हुई है. डीसी कुल्लू आशुतोष गर्ग ने बताया बाढ़ के चलते जो लोग प्रभावित हुए हैं, उनके रहने व खाने-पीने की व्यवस्था प्रशासन द्वारा की गई है. बाहरी राज्य से आए जो लोग भी यहां पर फंसे हैं, उन्हें भी ढालपुर कॉलेज और अन्य संस्थानों में ठहराया गया है. जहां पर उनके रहने खाने पीने की व्यवस्था की गई है. भारी बारिश से हुए नुकसान का जायजा लिया जा रहा है.
बिजली व्यवस्था ठप होने से अंधेरे में डूबा कुल्लू: जिला कुल्लू में भारी बारिश के चलते बीते दिन से ही बिजली व्यवस्था ठप है. जिसके चलते पूरे कुल्लू जिले में अंधेरा छा गया है. बाढ़ प्रभावितों को प्रशासन द्वारा राहत भी दी जा रही है. डीसी कुल्लू आशुतोष गर्ग ने बताया कि सोमवार को भी भारी बारिश के चलते पार्वती व ब्यास नदी में बाढ़ आई हुई है. दोनों नदियों में बाढ़ के चलते कई होटलों मकानों और खेतों को नुकसान हुआ है. कई जगह पर्यटक भी फंसे हुए थे. सभी पर्यटकों को सुरक्षित रेस्क्यू कर लिया गया है. इसके अलावा भी जहां पर प्रशासन को सूचना मिल रही है, वहां रेस्क्यू टीम को भेजा जा रहा है. अभी भी जिला कुल्लू में भूस्खलन हो रहा है. भारी बारिश के चलते भी दोनों नदियों में बाढ़ आई है. उन्होंने पर्यटन कारोबारी और स्थानीय लोग से भी बाहरी राज्यों से आए लोगों की मदद करने की अपील की.
मंडी में भी तबाही का मंजर: वहीं, आसमानी आफत ने मंडी जिले में भी भारी तबाही मचाई है. भारी बारिश से ब्यास नदी में आए उफान के चलते अभी हालात काफी खराब है. बारिश और लैंडस्लाइड से जिले की 208 सड़कें बंद पड़ी है. वहीं, 75 पेयजल योजना प्रभावित हुई है. जबकि 605 ट्रांसफार्मर बंद होने से जिले में अंधरा छाया हुआ है. वहीं, आसमानी आफत से 3 दिनों में 2 लोगों की मौत हुई है.
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