कुल्लू: हिमाचल प्रदेश में मानसून ने इस बार भारी तबाही मचाई है. प्रदेश भर में लगातार हुई मूसलाधार बारिश के बाद कई सड़कें बंद हो गई और पुल बाढ़ में बह गए हैं. जिसके चलते कई इलाकों का संपर्क पूरी तरह से टूट गया है. बाढ़ और लैंडस्लाइड के चलते सड़कें क्षतिग्रस्त हुई हैं, जिनसे कई क्षेत्रों में लोग फंस गए हैं. ऐसे में प्रदेश सरकार और प्रशासन फंसे हुए लोगों को सुरक्षित रेस्क्यू करने में जुटा हुआ है. एयरफोर्स के हेलीकॉप्टरों द्वारा इन लोगों तक राहत सामग्री पहुंचाई जा रही है.
हेलीकॉप्टरों से पहुंचाई जा रही राहत सामग्री: जिला कुल्लू में भी बारिश और बाढ़ ने भारी तबाही मचाई है. जिसके चलते कई इलाकों का संपर्क जिला मुख्यालय से टूट गया है. ऐसे में प्रशासन, पुलिस और एनडीआरएफ के जवान लगातार इन इलाकों में फंसे लोगों का रेस्क्यू करने का प्रयास कर रहे हैं और इन तक राहत सामग्री पहुंचाने का काम किया जा रहा है. डीसी कुल्लू आशुतोष गर्ग ने कहा कि जिलेभर में राहत बचाव अभियान चला हुआ है. जहां पर सड़कों की कनेक्टिविटी पूरी तरह से टूट गई है, उन इलाकों में एयरफोर्स के हेलीकॉप्टर राहत बचाव सामग्री पहुंचा रहे हैं.
सड़कों की बहाली के लिए लगातार प्रयास: डीसी कुल्लू आशुतोष गर्ग ने बताया कि कुल्लू जिले में बाढ़ के कारण 1800 से ज्यादा ट्रांसफार्मर क्षतिग्रस्त हुए हैं. जिनमें से आधे से ज्यादा बिजली विभाग द्वारा बहाल किए जा चुके हैं. चंडीगढ़ मनाली एनएच पर आवाजाही को वाया कंडी कटौला मार्ग से बहाल कर दिया गया है. सैंज घाटी में सबसे ज्यादा तबाही हुई है, जहां पर लोगों प्रशासन लोगों की हर संभव मदद कर रहा है. इसके अलावा कुल्लू जिले में जल्द से जल्द सभी सड़कों को बहल करने की पूरी कोशिश की जा रही है. जिससे लोगों तक मदद पहुंचाना आसान हो सके.
फिर बरसेंगे हिमाचल में बादल: हिमाचल प्रदेश में मानसून का कहर सबसे ज्यादा बरपा है. सरकारी आकंड़ों के अनुसार हिमाचल प्रदेश में बरसात के कारण 91 लोगों की अबतक मौत हो गई है. जबकि 34 लोगों की जान सिर्फ लैंडस्लाइड, बाढ़ और बादल फटने की वजह से हुई है. इसके अलावा 1000 से ज्यादा सड़कें और 5000 से ज्यादा पेय जल स्कीमें क्षतिग्रस्त हुई हैं. मौसम विभाग के अनुसार 14 जुलाई से आगामी पांच दिनों के लिए हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश की संभावना जताई गई है.
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