कुल्लू: सनातन धर्म में हर शुभ कार्यों में भगवान गणेश का सबसे महत्वपूर्ण स्थान है. सबसे पहले भगवान गणेश की पूजा का ही विधान है. ऐसे में पूरे भारतवर्ष में गणेश चतुर्थी का त्योहार धूमधाम के साथ मनाया जाता है. गणेश चतुर्थी के दिन भक्त अपने घर में भगवान गणेश की प्रतिमा का स्थापना करते हैं और 10 दिनों तक गणपति की पूजा आराधना की जाती है. अनंत चतुर्दशी के दिन गणपति को विदाई भी दी जाती है.
गणेश भगवान की पूजा का शुभ मुहूर्त: हर साल भाद्रपद मास में शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणेश चतुर्थी त्योहार मनाया जाता है. 10 दिनों तक पूरे देश में गणेश महोत्सव की धूम रहती है. हिंदू पंचांग के अनुसार भाद्रपद शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि 18 सितंबर को दोपहर 2:09 बजे से 19 सितंबर दोपहर 3 तक रहेगी. ऐसे में गणेश चतुर्थी का त्योहार 19 सितंबर मंगलवार के दिन मनाया जाएगा. वहीं इसी दिन पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 11:01 बजे से दोपहर 1:26 बजे तक रहेगा. इसके अलावा अनंत चतुर्दशी के दिन भगवान गणपति की विदाई की जाएगी.
अनंत चतुर्दशी पर भगवान गणेश की विदाई: आचार्य दीप कुमार का कहना है कि अनंत चतुर्दशी का पर्व इस साल 28 सितंबर वीरवार के दिन होगा और देशभर में भगवान गणेश के प्रतिमा का विसर्जन किया जाएगा. शास्त्रों के अनुसार गणेश चतुर्थी के दिन भक्त भगवान गणेश का ध्यान कर पूजा स्थल की सफाई करें. इसके बाद भगवान गणेश की विधिवत उपासना करें. वही भगवान गणेश की मूर्ति की स्थापना के बाद सुबह-शाम के समय विधिपूर्वक उपासना करें और विश्व कल्याण के लिए भगवान गणपति से भी प्रार्थना करें. उन्होंने कहा कि पौराणिक मान्यता के अनुसार भगवान गणेश को प्रथम देवता माना गया और हर किसी भी शुभ कार्य को करने से पहले भगवान गणेश की पूजा की जाती है.
गणपति को दूर्वा व मोदक का भोग लगाए: मान्यता है कि इस दिन भगवान गणेश का पुनर्जन्म हुआ था और तभी से यह गणेश उत्सव मनाया जाता है. आचार्य दीप कुमार का कहना है कि गणेश चतुर्थी के दिन भक्त अपने घर में भगवान गणेश की स्थापना करे और उन्हें दूर्वा व मोदक का भोग भी अवश्य लगाए.
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