कुल्लू: हिमाचल प्रदेश के प्रसिद्ध लोक गायक इंद्रजीत ने लोगों द्वारा मोनाल पक्षी की कलगी वाली टोपी पहनने पर विरोध जताया है. इंद्रजीत का कहना है कि कोई कैसे किसी सिर काट कर अपना सरताज सजा सकता है. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार व वन विभाग को मोनाल की कलगी के दिए गए लाइसेंस को तुरंत रद्द करना चाहिए ताकि मोनाल के अस्तित्व को बताया जा सके.
हालांकि मोनाल की कल की टोपी पर लगाने का रिवाज पुरातन है और पुराने समय से कई लोग समारोह में इस टोपी को पहनते हैं, लेकिन मोनाल की जान बचाने के लिए अब सरकार व वन विभाग को भी कड़े कदम उठाने होंगे.
इंद्रजीत ने कहा कि पूर्व राज्य पक्षी मोनाल जहां अपने आप में एक मनमोहक व सुंदर पक्षी है, लेकिन उसके सिर पर चमकीली बैंगनी रंग की कलगी उसका काल बनकर मोनाल की संख्या को कम कर रही है. जिस कारण यहां सुंदर पक्षी विलुप्त होने के कगार पर हैं.
कुल्लवी टोपी की शान बनकर मनुष्य की सुंदरता को चार चांद लगाने वाली मोनाल की कलगी एक पारंपारिक फैशन दिन प्रतिदिन बनता जा रहा है. जिस कारण हिमाचल प्रदेश में हजारों मोनाल पक्षियों को मौत के घाट उतारा जाता है और मरने के पश्चात इस सुंदर पक्षी की कलगी को अपनी टोपी की शान बनाया जा रहा है.
हिमाचल प्रदेश के जंगलों में मोनालों की घटती जनसंख्या पर न तो सरकार ने ध्यान दिया न ही वन विभाग ने दिया है, लेकिन लोग निडर होकर इस सुंदर पक्षी की जान अपने फैशन के लिए ले रहे हैं. हालांकि कुछ दिनों पहले सोशल मीडिया और विभाग ने भी मोनाल की कलगी वाली टोपी पहनने का विरोध जताया है वह काबिले तारीफ है.
इंद्रजीत ने कहा कि मैं भी इस विरोध का समर्थन करता हूं और प्रदेश मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर व वन मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर से अपील करता हूं कि वन विभाग ने जिन लोगों को मोनाल की कलगी पहनने के लाइसेंस जारी किए हैं उन्हें तुरंत प्रभाव से रद्द किया जाए.
उन्होंने कहा कि टोपी में भी मोनाल की कलगी न पहनने की पाबंदी लगाई जाए, जिसकी अधिसूचना भी जारी करें. ताकि हमारा ये पूर्व राज्य पक्षी जिंदा रहे और इसकी प्रजाति भी बढ़े जो हमारे वन की शान बनी रहे.
इंद्रजीत ने कहा कि इस विषय पर संज्ञान लिया तो मुझे टोपी में कलगी पहनने की परंपरा अजीब सी लगी और आज से प्रण करता हूं कि न मैं इस कलगी को खुद पहनूंगा और न दूसरों को पहनने दूंगा. इसलिए सरकार व विभाग से मेरा आग्रह है कि मोनाल की सुंदर कलगी को टोपी पर लगाने का प्रचलन खत्म करें ताकि मोनाल की विलुप्त हो रही प्रजाति फिर से उभर कर वनों की शान बनें.