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अंतराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा: लोकनृत्य में देखने को मिल रही प्राचीन संस्कृति की झलक

दशहरा कमेटी की ओर से आयोजित इस लोकनृत्य प्रतीयोगिता से लोगों को कुल्ल्वी संस्कृति के बारे में जानने का मौका मिलता है.

लोकनृत्य में देखने को मिल रही प्राचीन संस्कृति की झलक
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Published : Oct 11, 2019, 8:51 AM IST

कुल्लू: जिला में चल रहे सात दिवसीय देवमहाकुम्भ के नाम से विश्व विख्यात अंतराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा का आज तीसरा दिन है. कुल्लू दशहरे में जहां अलग-अलग रंग देखने को मिल रहे हैं. वहीं, दशहरा कमेटी की ओर से कुल्लू की प्राचीन संस्कृति और वेशभूषा से लोगों को अवगत करवाने व कुल्लवी संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए लोक नृत्य प्रतियोगिता का भी आयोजन किया जा रहा है.

कुल्लू के ऐतिहासिक लाल चन्द प्रार्थीकला केन्द्र में चल रही लोक नृत्य प्रतियोगिता में जिला के अलग अलग जगहों से लगभग तीस के करीब महिला मंडल और युवक मंडल भाग ले रहे हैं. इस बार लोकनृत्य प्रतियोगिता में जिलाभर से लगभग पच्चीस के करीब टीमें भाग ले रही हैं.

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लोकनृत्य प्रतियोगिता में भाग लेने आए प्रतिभागियों ने कहा कि इस तरह की प्रतियोगिताओं से ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं और युवक मंडल को आगे बढ़ने का मौका मिलता है. उन्होंने कहा कि इस तरह के आयोजन से कुल्ल्वी संस्कृति को भी बढ़ावा मिलता है.

कुल्लू: जिला में चल रहे सात दिवसीय देवमहाकुम्भ के नाम से विश्व विख्यात अंतराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा का आज तीसरा दिन है. कुल्लू दशहरे में जहां अलग-अलग रंग देखने को मिल रहे हैं. वहीं, दशहरा कमेटी की ओर से कुल्लू की प्राचीन संस्कृति और वेशभूषा से लोगों को अवगत करवाने व कुल्लवी संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए लोक नृत्य प्रतियोगिता का भी आयोजन किया जा रहा है.

कुल्लू के ऐतिहासिक लाल चन्द प्रार्थीकला केन्द्र में चल रही लोक नृत्य प्रतियोगिता में जिला के अलग अलग जगहों से लगभग तीस के करीब महिला मंडल और युवक मंडल भाग ले रहे हैं. इस बार लोकनृत्य प्रतियोगिता में जिलाभर से लगभग पच्चीस के करीब टीमें भाग ले रही हैं.

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लोकनृत्य प्रतियोगिता में भाग लेने आए प्रतिभागियों ने कहा कि इस तरह की प्रतियोगिताओं से ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं और युवक मंडल को आगे बढ़ने का मौका मिलता है. उन्होंने कहा कि इस तरह के आयोजन से कुल्ल्वी संस्कृति को भी बढ़ावा मिलता है.

Intro:लोकेशन कुल्लू

अन्तराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा का आज तीसरा दिन ।

कुल्लू दशहरे के तीसरे दिन लाल चंद प्रार्थीकला केन्द्र में किया जा रहा है लोकनृत्य प्रतियोगिता का आयोजन।

लोकनृत्य प्रतियोगिता में पच्चीस के करीब टीमें ले रहीभाग।Body:एंकर:- हिमाचल प्रदेश के जिला कुल्लू में चल रहे सात दिवसीय देवमहाकुम्भ के नामसे विश्व विख्यात अन्तर्राष्ट्रीय कुल्लू दशहरा का आज तीसरा दिनहै । कुल्लू दशहरा में जंहा अलग अलग रंग दिखने को मिल रहे हैं ।वंही दशहरा कमेटी की और से जिला कुल्लू की प्राचीन संस्कृति और वेशभूषा से लोगों को अवगत करवाने व कुल्लवी संस्कृति को बढावा देने के लिए लोक नृत्यप्रतियोगिता का भी आयोजन किया जा रहा है। कुल्लू के ऐतिहासिक लाल चन्द प्रार्थीकलाकेन्द्र में चल रही लोक नृत्य प्रतियोगिता में जिला कुल्लू के अलग अलग स्थानोंसे लगभग तीस के करीब महिला मंडल और युवक मंडल भाग ले रहे हैं । दशहरा कमेंटीद्वारा आयोजित इस लोकनृत्य प्रतीयोगिता से जंहा लोगों को कुल्ल्वी संस्कृति केबारे में जानने का मौका मिला है वंही लोक कलाकारों को भी आगे बढ़ने का मौका मिलताहैं। बता दें कि इस बार कुल्लू दशहरा में आयोजित लोकनृत्य नृत्य प्रतियोगिता मेंजिले कुल्लू से लगभग पच्चीस के करीब टीमें भाग ले रही हैं। लोकनृत्य प्रतियोगितामें भाग लेने आये प्रतिभागियों ने अपने विचार सांझा करते हुए कहा कि उन्हें यंहाआकर काफी अच्छा लगा रहा है।उनका कहना है कि इस तरह की प्रतियोगिताओं से ग्रामीणक्षेत्र की महीलाओं और युवक मंडलों को आगे बढने का मौका मिलता है। उन्होने कहा किइस तरह के आयोजन से कुल्ल्वी संस्कृति को भी बढावा मिलता है साथ ही कुल्लू कीप्राचीन संस्कृति है भी देखने को मिलती है जो आज विलुप्त होती जा रही है । उनकाकहना है कि इस तरह की प्रतियोगिताएं आगे भी आयोजित होती रहनी चाहिए ।

बाइट:-विनोद ,अंक्षिका प्रतिभागी । 

रिपोर्ट :- सचिन शर्मा , मनाली9418711004 , 8988288885,Conclusion:
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