कुल्लू: जिला के बंजार उपमंडल के विभिन्न गांवों में फागली उत्सव शुरू हो गया है. उत्सव के मौके पर लकड़ी के मुखौटे और शरूली घास का चोलू बनाकर ग्रामीणों ने खूब नृत्य किया. यहां सदियों से अनूठी परंपरा निभाई जा रही है.
देव कारकूनों का कहना है कि फागली उत्सव में मुखौटे लगाकर शरूली घास का चोला बनाकर नृत्य किया जाता है और सदियों से इस परंपरा का निर्वहन किया जा रहा है. उत्सव में मुखोटों के साथ नृत्य के साथ-साथ अश्लील जुमलों से बुरी शक्तियों को भगाया जाता है.
उत्सव में बुरी शक्तियों को दूर भगाने के लिए ग्राम पंचायत नोहांडा का पेखड़ी तिंदर, तुंग पंचायत का गांव फरियाड़ी, शिल्ली पंचायत का गरूली और शरची पंचायत के शरची गांव में अश्लील जुमले गाए गए.
गौर रहे कि इस उत्सव में बुराई पर अच्छाई, पाप पर पुण्य और अधर्म पर धर्म की विजय गाथाओं का गुणगान किया जाता है. इन गाथाओं को स्थानीय लोग परंपरागत तरीके से ढोल-नगाड़े, करनाही, शहनाई, डफला, भाणा, कांसा और काहुली की कलरव ध्वनि के साथ धूमधाम से गाते हैं और देवता की पालकी के साथ भाग लेते हैं, जिसमें स्थानीय देवता के नेतृत्व में इस फागली का आगाज होता है.