कुल्लू: हिमाचल प्रदेश में जहां कोरोना संक्रमण के मामले लगातार बढ़ रहे हैं, वहीं अब शहरों को सेनेटाइज करने का काम भी नगर परिषद के कर्मचारियों ने संभाल लिया है. ऐसे में कोरोना के कहर को देखते हुए नगर परिषद के कर्मचारी भी अपने लिए प्रदेश सरकार से राहत की मांग कर रहे हैं.
11 वार्डों में रोजाना किया जा रहा सेनिटाइज
जिला कुल्लू की अगर बात करें तो नगर परिषद के 11 वार्डो में भी रोजाना सफाई व सेनिटाइज का काम सुचारु रुप से किया जा रहा है. यहां नगर परिषद के कर्मचारी सुबह से लेकर शाम तक काम कर रहे हैं. आम जनता को भी कोरोना से बचाव के बारे में जानकारी दे रहे हैं.
कर्मचारी खुद को कर रहे असुरक्षित महसूस
ऐसे में कोरोना संक्रमण के बीच बढ़ रहे खतरे को देखते हुए अब कर्मचारी अपने आप को असुरक्षित महसूस रहे हैं. नगर परिषद कर्मचारी संघ कुल्लू के अध्यक्ष रमेश कुमार ने बताया कि कर्मचारी अपनी जान पर खेलकर रोजाना सफाई व सेनिटाइज का कार्य कर रहे हैं, लेकिन प्रदेश सरकार के द्वारा अभी तक किसी प्रकार की दुर्घटना होने पर कर्मचारियों के लिए कोई राहत की घोषणा नहीं की गई है.
प्रदेश सरकार से उठाई ये मांग
रमेश कुमार का कहना है कि दिल्ली सरकार ने अपने कर्मचारियों के लिए एक करोड़ रुपये देने का प्रावधान किया है. अगर कोरोना काल के बीच काम करते हुए नगर परिषद के किसी कर्मचारी की मौत होती है या कोई दुर्घटना घटित होती है, तो उसके परिवार का भरण पोषण उस राशि से किया जा सके.
नगर परिषद कुल्लू कर्मचारी संघ भी प्रदेश सरकार से दिल्ली सरकार की तर्ज पर यहां पर भी नगर परिषद के कर्मचारियों के लिए राहत देने की मांग करती है, ताकि कोरोना संक्रमण के बीच में सुरक्षित होकर अपने कर्तव्य का निर्वहन कर सके.
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