कुल्लू: जिला लाहौल स्पीति की लाहौल घाटी में 8 किलोमीटर बर्फ में पैदल चल बिजली बोर्ड के कर्मचारियों ने बिजली व्यवस्था को बहाल किया है. करीब 2 माह फके रोहतांग दर्रे में बिजली व्यवस्था में तकनीकी खामी आई थी. जिसे अब दूर कर दिया गया है.
बिजली व्यवस्था बहाल करने पहुंचे बिजली बोर्ड के कनिष्ठ अभियंता हेमराज ने बताया कि सुबह के समय वे अपनी टीम टीमेट राम नरेश, हितेंद्र, मनोज, धीरज, विशाल और सुरेंद्र के साथ रोहतांग दर्रे से गुजरने वाली 33 केवी बिजली लाइन को बहाल करने के लिए निकले.
घाटी के लोगों को लाहौल की थिरोट परियोजना से जोड़ा गया था
जिसके लिए उन्हें तीन घंटे की चढ़ाई चढ़कर मौके पर पहुंचना पड़ा. पलचान ग्रिड की लाइन फेल होने से घाटी के लोगों को लाहौल की थिरोट परियोजना से जोड़ा गया था. अब लाहौल में कार्यरत इन बोर्ड के कर्मचारियों ने बिजली बहाल कर दी है.
लाहौल के लिए बिजली की सप्लाई रोहतांग दर्रा होकर ही की जा रही है
वहीं, अब अटल टनल से 33 केवी की लाइन बिछाकर लाहौल के लिए 12 महीने बिजली बहाल करने की कवायद शुरू की जा चुकी है, लेकिन अभी तक यहां से आपूर्ति बहाल नहीं हो पाई है. लिहाजा अभी लाहौल के लिए बिजली की सप्लाई रोहतांग दर्रा होकर ही की जा रही है.
तीसरी कोशिश में हारचागड़ जाकर लाइन को ठीक किया
बिजली बोर्ड के वरिष्ठ अधिशासी अभियंता विक्रम राणा ने बताया कि फरवरी महीने में 33 केवी लाइन का फाल्ट ढूंढने बोर्ड के कर्मचारी दो बार गुफा होटल से कोकसर तक पैदल ही बर्फ पर रास्ता बनाकर गए थे, लेकिन कामयाबी नहीं मिली. अब तीसरी कोशिश में हारचागड़ जाकर लाइन को ठीक कर दिया है.
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