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शिक्षा मंत्री गोविंद ठाकुर ने की शिक्षक पालम सिंह से बात, बढ़ाया हौसला

शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने लाहौल घाटी के दुर्गम गांव सलग्रां के सरकारी स्कूल में तैनात शिक्षक पालम सिंह के साथ फोन पर वार्ता की. बतादें कि स्कूल में इंटरनेट ना होने के चलते यहां ऑनलाइन कक्षाएं नहीं लगाई जा रही है,लेकिन पालम सिंह घर-घर जाकर बच्चों के नोट्स तैयार करवा रहे हैं, जिससे दुर्गम क्षेत्र में भी बच्चे शिक्षा ग्रहण आसानी से कर पा रहे हैं.

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Published : Jun 7, 2021, 12:42 PM IST

कुल्लू: लाहौल घाटी के दुर्गम गांव सलग्रां के सरकारी स्कूल में तैनात शिक्षक पालम सिंह के साथ शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने फोन पर वार्ता की. शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने पालम सिंह के साथ वार्ता करते हुए लाहौल घाटी में इंटरनेट व स्कूलों में चल रही अन्य समस्याओं के बारे में जानकारी ली.

स्कूल में नहीं है इंटरनेट सुविधा

पालम सिंह दुर्गम गांव सलग्रां में सीनियर सेकेंडरी स्कूल में शिक्षक के पद पर तैनात है. स्कूल में इंटरनेट ना होने के चलते यहां ऑनलाइन कक्षाएं नहीं लगाई जा रही है. लेकिन पालम सिंह घर-घर जाकर बच्चों के नोट्स तैयार करवा रहे हैं, जिससे दुर्गम क्षेत्र में भी बच्चे शिक्षा ग्रहण आसानी से कर पा रहे हैं. वहीं शिक्षा मंत्री ने कहा कि जल्द ही लाहौल घाटी में इंटरनेट सुविधा के लिए प्रदेश सरकार से चर्चा की जाएगी, ताकि दुर्गम गांव में भी इंटरनेट के माध्यम से छात्र ऑनलाइन पढ़ाई कर सकें.

घर-घर जाकर बच्चों के नोट्स करवा रहे तैयार

लाहौल के दुर्गम गांव सलग्रां में इंटरनेट तो दूर की बात दूरसंचार सेवा भी उपलब्ध नहीं है. सलग्रां स्कूल में तैनात हिंदी के प्रवक्ता पालम सिंह सलग्रां आने से पहले तिंदी स्कूल में बतौर टीजीटी अपनी सेवाएं दे चुके हैं. पालम सिंह कोविड महामारी के इस संकटकाल में बच्चों को हर सप्ताह घर पहुंच कर असाइनमेंट और नोट्स पहुंचाते हैं. फिर दूसरे सप्ताह इन असाइनमेंट की कॉपी को बच्चों से लेकर मूल्यांकन करते हैं.

बीते साल भी चंबा बॉर्डर से सटे तिंदी स्कूल में 79 विद्यार्थियों को पालम सिंह ने घर-घर पहुंच कर तालीम दी. पालम सिंह कहते हैं कि कार्य दिवस के अलावा विद्यार्थियों की सुविधा के मुताबिक अवकाश वाले दिन भी घर-घर जाकर बच्चों को पढ़ा रहे हैं, ताकि कोई बच्चा पीछे न छूट जाए.

ये भी पढ़ें: मनरेगा कार्य के दौरान मिली भगवान श्रीराम की मूर्ति, 2 सदी से ज्यादा पुरानी होने का दावा

कुल्लू: लाहौल घाटी के दुर्गम गांव सलग्रां के सरकारी स्कूल में तैनात शिक्षक पालम सिंह के साथ शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने फोन पर वार्ता की. शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने पालम सिंह के साथ वार्ता करते हुए लाहौल घाटी में इंटरनेट व स्कूलों में चल रही अन्य समस्याओं के बारे में जानकारी ली.

स्कूल में नहीं है इंटरनेट सुविधा

पालम सिंह दुर्गम गांव सलग्रां में सीनियर सेकेंडरी स्कूल में शिक्षक के पद पर तैनात है. स्कूल में इंटरनेट ना होने के चलते यहां ऑनलाइन कक्षाएं नहीं लगाई जा रही है. लेकिन पालम सिंह घर-घर जाकर बच्चों के नोट्स तैयार करवा रहे हैं, जिससे दुर्गम क्षेत्र में भी बच्चे शिक्षा ग्रहण आसानी से कर पा रहे हैं. वहीं शिक्षा मंत्री ने कहा कि जल्द ही लाहौल घाटी में इंटरनेट सुविधा के लिए प्रदेश सरकार से चर्चा की जाएगी, ताकि दुर्गम गांव में भी इंटरनेट के माध्यम से छात्र ऑनलाइन पढ़ाई कर सकें.

घर-घर जाकर बच्चों के नोट्स करवा रहे तैयार

लाहौल के दुर्गम गांव सलग्रां में इंटरनेट तो दूर की बात दूरसंचार सेवा भी उपलब्ध नहीं है. सलग्रां स्कूल में तैनात हिंदी के प्रवक्ता पालम सिंह सलग्रां आने से पहले तिंदी स्कूल में बतौर टीजीटी अपनी सेवाएं दे चुके हैं. पालम सिंह कोविड महामारी के इस संकटकाल में बच्चों को हर सप्ताह घर पहुंच कर असाइनमेंट और नोट्स पहुंचाते हैं. फिर दूसरे सप्ताह इन असाइनमेंट की कॉपी को बच्चों से लेकर मूल्यांकन करते हैं.

बीते साल भी चंबा बॉर्डर से सटे तिंदी स्कूल में 79 विद्यार्थियों को पालम सिंह ने घर-घर पहुंच कर तालीम दी. पालम सिंह कहते हैं कि कार्य दिवस के अलावा विद्यार्थियों की सुविधा के मुताबिक अवकाश वाले दिन भी घर-घर जाकर बच्चों को पढ़ा रहे हैं, ताकि कोई बच्चा पीछे न छूट जाए.

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