कुल्लू: जिले के पारंपरिक परिधान पट्टू और शॉल अब शीघ्र ही साड़ी का रूप लेने वाला है. पट्टू और शॉल के पैटर्न की तरह अब सर्दियों के मौसम में महिलाओं के लिए हल्की ऊनी साड़ी तैयार की जाएगी. इससे कुल्लू जिला की महिलाओं और युवतियों के अलावा बाहरी राज्यों और देशों की महिलाएं भी इस साड़ी को खरीद कर पहन सकेंगी.
कुल्लवी परिधानों को प्रमोट करने की योजना
उपायुक्त कुल्लू डॉ. ऋचा वर्मा ने कुल्लवी परिधानों को प्रमोट कर देश और दुनिया तक पहुंचाने के लिए यह योजना तैयार की है. गौर रहे कि देश और दुनिया में प्रचलित कुल्लवी परिधान पट्टू और शॉल बेहद खूबसूरत होने के साथ-साथ सर्दी और गर्मी से महिलाओं का बचाव करते हैं. हालांकि यह काफी मंहगे और भारी होते हैं.
कुल्लवी पैटर्न पर बनाई जाएगी हल्की ऊनी साड़ी
यदि पट्टू की बात की जाए तो जिला कुल्लू की महिलाओं के अलावा अन्य जिलों और राज्यों की महिलाओं को इसे बांधने की विधि भी नहीं आती. न ही इतने भारी पट्टू को महिलाएं पहन सकती हैं. इसलिए उपायुक्त कुल्लू पट्टू और शॉल की कढ़ाई के पैटर्न की ही तरह हल्की ऊनी साड़ी डिजाइन करवाने जा रही हैं.
देश-विदेश तक पहुंचाए जाएंगे कुल्लवी परिधान
जिले में लाखों की संख्या में हर साल देसी और विदेशी सैलानी आते हैं. कुल्लवी टोपी, मफलर और शॉल आदि की खूब खरीददारी करते हैं लेकिन पट्टू सिर्फ कुल्लू जिले के ही लोग खरीदते हैं. अब पट्टू की ओर पर्यटकों का ध्यान आकर्षित करने के लिए जिला प्रशासन स्वयं सहायता समूहों और महिला मंडलों की महिलाओं के माध्यम से पटटू के ही रूप में ऊनी साड़ी तैयार करवाकर उसे देश और विदेशों में पहुंचाएगा. इसके अलावा बड़े पैमाने पर काश्तकारी खिलौने तैयार करवाएं जाएंगे.
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