कुल्लू: हिमाचल प्रदेश में प्राकृतिक आपदा के कारण जहां सड़कों को खासा नुकसान हुआ है. वही, जिला मंडी व कल्लू के बीच सड़क मार्ग भी आए दिन वाहनों की आवाजाही के लिए बाधित हो रहा है. ऐसे में अब एक बार फिर से जिला कुल्लू के लग घाटी से भुभु जोत होते हुए मंडी जिला को जोड़ने के लिए टनल की मांग उठनी शुरू हो रही है. ताकि, टनल बनने के बाद यहां से जिला मंडी व कांगड़ा की ओर जाने के लिए लोगों को दिक्कतों का सामना न करना पड़े. लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने भी कहा है कि इस मुद्दे पर अब सरकार द्वारा जल्द से जल्द कार्य किया जाएगा.
भुभु जोत में टनल बनाने की 2012 में शुरू हुई थी चर्चा: जिला कुल्लू की लग घाटी में भुभु जोत स्थित है. यहां से अंग्रेजों के समय में पैदल रास्ता भी बना हुआ है. यहां पर साल 2012 में टनल बनाने की चर्चा चली थी. ताकि जिला मंडी के बरोट, भंगाल और कुल्लू जिला जिला की लग घाटी में पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा मिल सके. इसके अलावा पठानकोट से जो सेना के वाहन वाया मंडी होते हुए कुल्लू मनाली से लेह जाते हैं. उन्हें भी यह सफर काफी आसान होगा. भुभु जोत में टनल बनने से कुल्लू से जोगिंदर नगर की दूरी 55 किलोमीटर कम हो जाएगी. यह टनल मात्र 3 किलोमीटर की होगी. यहां से वाहनों की आवाजाही शुरू होने पर बरोट, भंगाल और जोगिंदर नगर होते हुए कांगड़ा पहुंचना काफी आसान होगा.
![Tunnel Demand in Bhubhu Jot](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/01-09-2023/hp-kul-bhubhu-tunel-img-7204051_01092023140827_0109f_1693557507_624.jpg)
पूर्व सरकार में भी भुभु जोत में टनल की उठी थी मांग: पूर्व की भाजपा सरकार के समय विधानसभा में भी इस टनल के निर्माण की बात कही गई थी. पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा था कि हिमाचल में 14 टनल का निर्माण होगा, जिसमें जिला शिमला में 6 टनल शामिल होंगी. इसके अलावा कुल्लू जिला से मंडी को जोड़ने वाली भुभु जोत टनल की बात भी पूर्व सरकार के द्वारा उठाई गई थी और लोक निर्माण विभाग को भी डीपीआर बनाने के बारे में निर्देश जारी किया गए थे, लेकिन अभी तक इस टनल की ना तो डीपीआर बन पाई और ना ही यह मामला केंद्र सरकार के समक्ष रखा गया. नतीजा यह रहा कि अभी तक टनल निर्माण को लेकर प्रदेश सरकार की ओर से भी कोई गंभीरता से कार्य नहीं किए गए.
पंडित नेहरू ने भी टनल निर्माण की वकालत की थी: वर्ष 2012 में शीशा माटी से तेलंग तक 12 किलोमीटर सड़क के विस्तार का पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल द्वारा इसका शिलान्यास भी किया गया था. देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने 1942 में ढालपुर में आयोजित अपनी जनसभा के दौरान इस टनल को बनाने और पठानकोट से लेकर लेह तक सीधी सड़क बनाने की वकालत की थी. ब्रिटिश काल से लेकर 18वीं शताब्दी तक इसी रास्ते से पठानकोट तक डाक जाती रही. मंडी जिला की चौहार घाटी की 14 पंचायतें और कुल्लू जिले की लगघाटी की 10 पंचायतों और कांगड़ा जिला के दुर्गम क्षेत्र बड़ा भंगाल के लोग सबसे अधिक लाभान्वित होने हैं. पैदल आने के लिए अभी भी इन क्षेत्रों के लोग इसी रास्ते का उपयोग करते हैं. इसके अलावा कुल्लू-मंडी हाईवे पर ट्रैफिक समस्या से भी निजात मिल जाएगी.
भुभु जोत में टनल बनने से लग घाटी में बढ़ेगा पर्यटन: वहीं जिला कुल्लू के स्थानीय निवासी सेवानिवृत अध्यापक बाला राम, कैप्टन ताराचंद का कहना है कि भुभु जोत टनल बनने से लग घाटी के पर्यटन को भी पंख लगेंगे. क्योंकि यहां पर कई ऐसे ट्रैकिंग रूट है, जो अंग्रेजों के जमाने के बने हुए हैं. आज भी सैलानी वहां पर ट्रैकिंग करते हैं. इसके अलावा यहां कई ऐसे पर्यटन स्थल है, जो आज भी सैलानियों की राह ताक रहे हैं. भुभु जोत में टनल बनने से यहां वाहनों की आवाजाही अधिक होगी. पर्यटक भी आसानी से लग घाटी के पर्यटन स्थलों का रुख कर सकेंगे. ऐसे में पर्यटन की दृष्टि से भी भुभु जोत कुल्लू जिला में एक नया आयाम स्थापित करेगी.
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नितिन गडकरी ने दिया जल्द कार्य होने का आश्वासन: मंडी के पूर्व सांसद रहे रामस्वरूप शर्मा ने भी इस मामले को लेकर केंद्र सरकार के समक्ष कई बार चर्चा की थी, लेकिन उनकी मृत्यु के बाद टनल निर्माण को लेकर औपचारिकताएं पूरी नहीं हो पाई. ऐसे में बीते दिनों पूर्व सांसद महेश्वर सिंह ने भी दिल्ली में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के साथ मुलाकात की थी. इस दौरान उन्होंने उनसे आग्रह किया किया अगर यहां पर टनल बनाई जाती है तो यहां से मंडी, कांगड़ा जाना आसान होगा. इसके अलावा बरसात के मौसम में कुल्लू से मंडी सड़क मार्ग बार-बार बाधित हो रहा है तो वाहनों की आवाजाही में भी कोई दिक्कत नहीं होगी. पूर्व सांसद महेश्वर सिंह का कहना है कि इस बारे केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को अवगत करवाया गया है. उन्होंने आश्वासन दिया है कि जल्द ही इस दिशा में केंद्र सरकार के द्वारा भी कार्य किया जाएगा.
2017 में केंद्र ने टनल का डीपीआर बनाने के दिए थे निर्देश: 24 जुलाई 2017 को केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा इस दिशा में प्रदेश सरकार को भी निर्देश जारी किए गए थे और कहा गया था कि वह जल्द से जल्द इस मामले की डीपीआर को तैयार करें. डीपीआर तैयार होने के बाद यह मामला केंद्र सरकार को भेजे. ताकि टनल निर्माण को लेकर आगामी कार्रवाई की जा सके. यह टनल करीब 3 किलोमीटर लंबी होगी और कुल्लू से धर्मशाला, पठानकोट के बीच करीब 55 किलोमीटर की दूरी कम होगी. यह सड़क कुल्लू मुख्यालय से लग घाटी होते हुए मंडी के घटासनी में पठानकोट रोड से जुड़ेगी. हालांकि ढालपुर से लेकर तेलंग गांव तक 12 किलोमीटर सड़क के विस्तारीकरण के कार्य को भी पूरा कर दिया गया है, लेकिन टनल निर्माण को लेकर अभी तक कोई कदम नहीं उठाए गए हैं.
![Tunnel Demand in Bhubhu Jot](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/01-09-2023/hp-kul-bhubhu-tunel-img-7204051_01092023140827_0109f_1693557507_661.jpg)
विक्रमादित्य सिंह ने भी की टनल की वकालत: वही, बीते दिन लोक निर्माण विभाग मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने भी कहा कि भुभु जोत में टनल बनाना कांग्रेस सरकार के प्राथमिकता रहेगी. क्योंकि इससे एक तो मंडी, कांगड़ा और कुल्लू के बीच की दूरी कम होगी. वही सेना के वाहनों को भी यहां से लेह पहुंचने में काफी कम सफर तय करना होगा. अब जल्द ही प्रदेश सरकार के द्वारा इस दिशा में कदम उठाया जाएगा.