कुल्लू: क्रेडिट-डिपोजिट अनुपात का कम होना चिंता की बात है और सभी बैंकों को इस पर विशष ध्यान देने की आवश्यकता है. ये बात उपायुक्त डॉ. ऋचा वर्मा ने जिला परिषद सभागार में आयोजित जिला स्तरीय आरसेटी सलाहकार समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही.
सरकार ने किसानों की आय को दोगुणा करने का लक्ष्य रखा है और इसमें बैंको को अपनी तय जिम्मेवारी का निर्वहन करना चाहिए. डॉ. ऋचा वर्मा कहा कि सीडी अनुपात जिला में वर्तमान में लगभग 42 प्रतिशत है जो राष्ट्रीय पैरामीटर से काफी कम है.
कुछ बैंकों का यह अनुपात 25 फीसदी से भी कम है. बैंकों को इस दिशा में अतिरिक्त प्रयास करने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि राज्य प्रायोजित योजनाओं जैसे लघु व मध्यम उद्योग योजना, मुख्य मंत्री स्वावलंबन योजना और प्रधानमंत्री रोजगार गारंटी कार्यक्रम के आवेदनों के निपटारे में तेजी लाई जानी चाहिए ताकि लोगों को योजनाओं का समयबद्ध लाभ प्राप्त हो सके. उन्होंने कहा कि किसानों की आय को दोगुणा करने के लिए सुलभ ऋण उपलब्ध करवाए जाने चाहिए.
पंजाब नेशनल बैंक के सर्कल प्रमुख वीके मुंजाल ने अपने संबोधन में कहा कि बैंकों ने कृषि क्षेत्र में 945.41 करोड़, लघु व मध्यम उद्योगों के लिए 757 करोड़, आवास क्षेत्र में 336 करोड़, शिक्षा के लिए 22 करोड़ ऋण उपलब्ध करवाए हैं. उन्होंने बताया कि बैंकों में बीती तिमाही यानि 30 जून 2020 तक कुल जमा 6960.18 करोड़ जबकि ऋण वितरण की स्थिति 2903 करोड़ रुपये की है.
डीडीएम नाबार्ड ऋषभ ठाकुर ने बताया कि नाबार्ड ने क्षेत्र विशेष योजनाएं तैयार की हैं, जिनमें मछली उत्पादन में रेनबो ट्राउट और दुग्धोत्पादन में डेरी विकास को बैंक शाखाओं को आवंटित किया गया है. रिजर्व बैंक के अधिकारी स्वर ग्रोवर ने कहा कि कोविड-19 के चलते जो लोग ऋण को नहीं चुका पाए. उसकी समय पर पुनरसंरचना की जाए ताकि लोगों को किसी प्रकार की कठिनाई न हो.
जिला अग्रणी प्रबंधक पामा छेरिंग ने बैठक में बैंकों से आवश्यकता वाले क्षेत्रों में बैंकों की नई शाखाएं खोलने पर चर्चा करते हुए कहा कि दलाश में शाखा खोलने का सर्वेक्षण किया जाए. उन्होंने मुद्रा बैंक व ऋण, प्रधानमंत्री संरक्षा बीमा योजना, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना और अटल पेंशन योजनाओं के क्षेत्र में बैंकों की भूमिका पर चर्चा की.