कुल्लू: प्रदेश में अब जल्द ही फलों का सीजन शुरू होने वाला है, लेकिन अभी तक मजदूर न मिलने से कार्टन और ट्रे बनाने की फैक्ट्रियां शुरू नहीं हो पाई हैं, जिससे बागवानों को दिक्कतें पेश आ सकती हैं.
किसानों-बागवानों की दिक्कतों को लेकर कुल्लू फल उत्पादक मंडल के अध्यक्ष प्रेम शर्मा का कहना है कि कोरोना वायरस से जहां दुनिया दहशत में है. वहीं, कुल्लू के किसानों बागवानों की चिंता भी बढ़ने लगी है.
जानकारी मिली है कि जो फैक्ट्रियां कार्टन और ट्रे बनाती हैं उनमें अभी तक काम शुरू नहीं हो पाया है. वहां पर मजदूर की व्यवस्था नहीं है जिसके चलते सरकार को मजदूरों की व्यवस्था कर जल्द इन फैक्ट्रियों को शुरू करना चाहिए.
प्रेम शर्मा का कहना है कि बीते साल कार्टन और ट्रे के मूल्यों ने बागवानों को काफी घाटे में डाला था. उन्होंने कहा कि ट्रे का 350 का मंडल दुकानदारों और व्यापारियों ने 800 रुपये तक बेचा था. वहीं, 40 रेट की कार्टन को 55 रुपये में बेचा था.
इस साल कोरोना के चलते हालत और खराब हुए हैं. वहीं, प्रेम शर्मा ने सरकार से भी आग्रह किया कि किसानों को कृषि ऋण से मुक्त किया जाए और किसान बागवान के उत्पादों पर लगने वाला टैक्स भी खत्म होना चाहिए, जिससे बागवानों की आर्थिकी को कोई नुकसान ना हो.
गौर रहे कि इस साल जिला कुल्लू में बागवानों ने बगीचों की देखभाल करनी ही बंद कर दी है. बागवानों का कहना है कि जब सब्जी मंडी में व्यापारी व मजदूरों की व्यवस्था ही नहीं है तो ऐसे में वे किसे अपना उत्पाद बेचेंगे. सरकार को बागवानों के हितों के लिए कोई कदम उठाना होगा.
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