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10 करोड़ की लागत से बनेगा बंदरोल सब्जी मंडी भवन, ब्लू प्रिंट तैयार - ब्लू प्रिंट तैयार

बंदरोल और पतलीकूहल की सब्जी मंडियों के लिए जल्द ही भवनों का निर्माण किया जाएगा. बंदरोल सब्जी मंडी के लिए एस्टिमेट, नक्शा और ब्लू प्रिंट भी भी तैयार कर लिया गया है.

10 करोड़ की लागत से बनेगा बंदरोल सब्जी मंडी भवन
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Published : Oct 25, 2019, 11:53 PM IST

कुल्लू: जिला कुल्लू के बंदरोल और पतलीकूहल में वर्ल्ड बैंक की मदद से सब्जी मंडियों के लिए भवनों का निर्माण किया जाएगा. इन मंडियों में आधुनिक सुविधाओं से लैस बहुमंजिला भवनों को धरातल पर उतारने की प्रक्रिया शुरू हो गई है.

बंदरोल सब्जी मंडी के लिए एस्टिमेट, नक्शा और ब्लू प्रिंट भी भी तैयार कर लिया गया है. बंदरोल में बनने वाली सब्जी मंडी के लिए10 करोड़ रुपये का खर्च अनुमानित किया गया है. वहीं, पतलीकूहल में नई सब्जी मंडी भवन और नीलामी मंच के निर्माण का एस्टिमेट तैयार किया जा रहा है.

बंदरोल सब्जी मंडी भवन
10 करोड़ की लागत से बनेगा बंदरोल सब्जी मंडी भवन

बड़ाग्रां पुल के समीप पतलीकूहल की पुरानी सब्जी मंडी फोरलेन की जद में आने से मंडी को जटेहड़ बिहाल में शिफ्ट करना पड़ा था लेकिन, भवन न होने के कारण मंडी को टेंटों से ही कारोबार चलाना पड़ रहा है.

गनीमत यह है कि इस भूमि पर सब्जी मंडी में नया भवन बनने जा रहा है. दोनों मंडियों में हर साल करोड़ों का कारोबार होता है लेकिन, बंदरोल और पतलीकूहल सब्जी मंडियों में नीलामी मंच और भवन न होने के कारण कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है.

बरसात के दिनों में मंडियों में कीचड़ ही कीचड़ हो जाता है. जिससे आढ़तियों के अलावा बाहर से आए सेब कारोबारियों और बागवानों के भारी दिक्कत होती है. मंडियों में माल ले जाना भी काफी मुश्किल हो जाता है. एपीएमसी के सचिव सुशील गुलेरिया ने बताया कि जल्द ही मंडियों में भवन तैयार होंगे.

कुल्लू: जिला कुल्लू के बंदरोल और पतलीकूहल में वर्ल्ड बैंक की मदद से सब्जी मंडियों के लिए भवनों का निर्माण किया जाएगा. इन मंडियों में आधुनिक सुविधाओं से लैस बहुमंजिला भवनों को धरातल पर उतारने की प्रक्रिया शुरू हो गई है.

बंदरोल सब्जी मंडी के लिए एस्टिमेट, नक्शा और ब्लू प्रिंट भी भी तैयार कर लिया गया है. बंदरोल में बनने वाली सब्जी मंडी के लिए10 करोड़ रुपये का खर्च अनुमानित किया गया है. वहीं, पतलीकूहल में नई सब्जी मंडी भवन और नीलामी मंच के निर्माण का एस्टिमेट तैयार किया जा रहा है.

बंदरोल सब्जी मंडी भवन
10 करोड़ की लागत से बनेगा बंदरोल सब्जी मंडी भवन

बड़ाग्रां पुल के समीप पतलीकूहल की पुरानी सब्जी मंडी फोरलेन की जद में आने से मंडी को जटेहड़ बिहाल में शिफ्ट करना पड़ा था लेकिन, भवन न होने के कारण मंडी को टेंटों से ही कारोबार चलाना पड़ रहा है.

गनीमत यह है कि इस भूमि पर सब्जी मंडी में नया भवन बनने जा रहा है. दोनों मंडियों में हर साल करोड़ों का कारोबार होता है लेकिन, बंदरोल और पतलीकूहल सब्जी मंडियों में नीलामी मंच और भवन न होने के कारण कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है.

बरसात के दिनों में मंडियों में कीचड़ ही कीचड़ हो जाता है. जिससे आढ़तियों के अलावा बाहर से आए सेब कारोबारियों और बागवानों के भारी दिक्कत होती है. मंडियों में माल ले जाना भी काफी मुश्किल हो जाता है. एपीएमसी के सचिव सुशील गुलेरिया ने बताया कि जल्द ही मंडियों में भवन तैयार होंगे.

Intro:10 करोड़ की लागत से बनेगा बन्दरोल सब्जी मंडी भवनBody:
देवभूमि कुल्लू के बंदरोल और पतलीकूहल में जल्द ही वर्ल्ड बैंक की मदद से सब्जी मंडियों के लिए भवनों का निर्माण होगा। अभी तक टेंटों में चल रही इन मंडियों में आधुनिक सुविधाओं से लैस बहुमंजिला चकाचक भवनों को धरातल पर उतारने के लिए प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। बन्दरोल सब्जी मंडी के लिए तो एस्टिमेट तैयार हो गया है। इसके नक्शे के अलावा ब्लू प्रिंट भी बना दिया गया है। बंदरोल में बनने वाली सब्जी मंडी के लिए दस करोड़ रुपये का खर्च अनुमानित है। वहीं, पतलीकूहल में नई सब्जी मंडी भवन और नीलामी मंच के निर्माण को एस्टिमेट तैयार किया जा रहा है। बड़ाग्रां पुल के समीप पतलीकूहल की पुरानी सब्जी मंडी के फोरलेन की जद में आ जाने के चलते इसे जटेहड़ बिहाल में शिफ्ट करना पड़ा था। लेकिन, अपना भवन न होने के चलते इस मंडी को भी टेंटों से ही कारोबार चलाना पड़ रहा है। अच्छी बात यह है कि जल्द ही इस भूमि का कायाकल्प कर यहां सब्जी मंडी में नया भवन बनने जा रहा है। दोनों मंडियों में हर साल करोड़ों का कारोबार होता है। लेकिन, बंदरोल और पतलीकूहल सब्जी मंडियों में नीलामी मंच और भवन न होने के चलते कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। खासकर बरसात में मंडियों में कीचड़ ही कीचड़ हो जाता है। Conclusion:जिससे आढ़तियों के अलावा बाहर से आए सेब कारोबारियों और बागवानों के भारी दिक्कत होती है। मंडियों के अंदर माल ले जाना भी मुश्किल हो जाता है। एपीएमसी के सचिव सुशील गुलेरिया ने बताया कि जल्द ही मंडियों में भवन तैयार होंगे।
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