मनाली: देश के विकास में नया अध्याय जोड़ने वाली दस हजार फीट की ऊंचाई पर बनी नौ किलोमीटर लंबी अटल टनल रोहतांग किसी अजूबे से कम नहीं है. दुनिया में इतनी ऊंचाई पर बनी ये पहली सुरंग सैलानियों के आकर्षण का केंद्र है, लेकिन इसके भीतर बार-बार हुड़दंग मचाने से ये प्रश्न पैदा हो गया है कि आखिर पर्यटक जिन्हें देवभूमि में मेहमानों का दर्जा दिया जा रहा है वह कब समझदार बनेंगे.
पर्यटक अटल टनल में मचाते हैं हुड़दंग
पर्यटक अटल टनल रोहतांग में गाड़ी खड़ी कर हुड़दंग मचा रहे हैं. आधुनिक उपकरणों से छेड़छाड़ कर देश की संपत्ति को नुकसान पहुंचा रहे हैं. दो माह में पुलिस 25 पर्यटकों को गिरफ्तार कर चुकी है. वहीं, दो वाहन जब्त किए हैं. इसके साथ पुलिस ने 50 हजार का जुर्माना वसूला है.
बीते 3 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अटल टनल रोहतांग को देश को समर्पित किया था तब से टनल को निहारने को लेकर पर्यटकों में होड़ है, लेकिन पर्यटकों की लापरवाही भारी पड़ रही है. सैलानियों को समझना होगा कि अटल टनल भारतीय सेना के लिए किसी ब्रह्मास्त्र से कम नहीं है. टनल बनने के बाद लद्दाख में तैनात सैनिकों से बेहतर संपर्क बन पाया है. उन्हें हथियार और रसद कम समय में पहुंचाई जा रही है.
सीसीटीवी से 24 घंटे रखी जा रही नजर
टनल के दोनों ओर 28 पुलिस जवान दिन रात निगरानी करने के साथ-साथ ट्रैफिक व्यवस्था को देख रहे हैं. पुलिस हुड़दंगियों के साथ सख्ती से निपट रही है. सीसीटीवी कैमरे से 24 घंटे टनल के भीतर होने वाली हर गतिविधि पर नजर रखी जा रही है.
साल 2010 में हुआ था अटल टनल का शिलान्यास
जून 2010 में अटल का शिलान्यास किया गया था. 150 इंजीनियर्स व 2500 मजदूरों के दिन-रात की मेहनत के बाद अटल टनल तैयार हुई है. टनल बनने के बाद लेह लद्दाख तक पहुंचना आसान हो गया है. केपी पुरसोथमन, चीफ इंजीनियर बीआरओ ने सैलानियों से आग्रह किया है कि अपने कर्तव्य का पालन करते हुए आधुनिक टनल के रखरखाव में योगदान दें.