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Akshaya Tritiya 2023: 22 अप्रैल को मनाई जाएगी अक्षय तृतीया, जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

अक्षय तृतीया इस साल 2023 में 22 अप्रैल को मनाई जाएगी. इस दिन क्या खरीदना रहता है शुभ और क्या रहेगा शुभ मुहूर्त. पढ़ें पूरी खबर..(Akshaya Tritiya 2023)

Auspicious time on Akshaya Tritiya
Auspicious time on Akshaya Tritiya
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Published : Apr 19, 2023, 10:47 AM IST

कुल्लू: वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को अक्षय तृतीया का त्योहार पूरे भारत में मनाया जाएगा. भगवान परशुराम का जन्म दिवस भी अक्षय तृतीया के दिन ही देश भर में मनाया जाता है. अक्षय तृतीया के दिन भगवान विष्णु और भगवान परशुराम की पूजा की जाती है. कहा जाता है कि इस दिन अगर कोई पुण्य किया जाता है तो वह कभी खत्म नहीं होता. पाप किया जाता है तो वो भी हमेशा बढ़ता रहता है. साल 2023 में अक्षय तृतीया 22 अप्रैल को मनाई जाएगी.

अक्षय तृतीया पर शुभ मुहूर्त : अक्षय तृतीया का शुभ मुहूर्त 22 अप्रैल शनिवार को सुबह 7:49 से लेकर दोपहर 12:20 तक होगा और पूजा की कुल अवधि 4 घंटे का 30 मिनट तक होगी. तृतीया तिथि का शुभारंभ सुबह 7:49 से होगा और तृतीया तिथि का समापन 23 अप्रैल सुबह 7:47 मिनट पर होगा. ऐसे में अगर कोई व्यक्ति सोना या कोई अन्य चीज खरीदने का विचार कर रहा हो तो 22 अप्रैल को सुबह 7:49 से शुभ मुहूर्त शाम 5:48 तक शुभ मुहूर्त रहेगा.

बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलते: अक्षय तृतीया को सर्व सिद्ध मुहूर्त के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन लोग विवाह, गृह प्रवेश, नामकरण, घर व जमीन के खरीदारी करना भी काफी शुभ मानते हैं. इसके अलावा पूर्वजों के नाम से किया गया तर्पण और पिंडदान भी सफलता प्रदान करता है और पवित्र नदियों में स्नान करना भी फलदाई माना गया है. वहीं ,अक्षय तृतीया के दिन ही बद्रीनाथ धाम के कपाट भी खुल जाते हैं. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इसी दिन भगवान परशुराम, नर नारायण और हयग्रीव का अवतरण हुआ था. इस दिन वृंदावन में भगवान बांके बिहारी के भी विशेष रूप से दर्शन होते हैं और अक्षय तृतीया पर दान करने का भी विशेष महत्व कहा गया है.

भगवान विष्णु के साथ मां लक्ष्मी की पूजा: आचार्य विजय कुमार शर्मा का कहना है कि अक्षय तृतीया के दिन ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करके भक्त पीले वस्त्र धारण करें, क्योंकि भगवान विष्णु को पीला रंग प्रिय है. इस दिन भगवान विष्णु की मूर्ति को स्नान करने के बाद उन्हें पीले फूल और तुलसी भी अर्पित करना चाहिए. भक्तों को भगवान विष्णु के सामने बैठकर विष्णु चालीसा का पाठ करना चाहिए. वहीं, अपने सामर्थ्य के अनुसार सोने व चांदी की खरीदारी भी कर सकते हैं, क्योंकि इससे घर में मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है. भगवान विष्णु की पूजा के साथ था इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा का विशेष विधान है.

ये भी पढ़ें : Vaishakh Amavasya : इस बार की वैशाख अमावस्या है बहुत खास, ये उपाय दिलाएंगे कष्टों से मुक्ति

कुल्लू: वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को अक्षय तृतीया का त्योहार पूरे भारत में मनाया जाएगा. भगवान परशुराम का जन्म दिवस भी अक्षय तृतीया के दिन ही देश भर में मनाया जाता है. अक्षय तृतीया के दिन भगवान विष्णु और भगवान परशुराम की पूजा की जाती है. कहा जाता है कि इस दिन अगर कोई पुण्य किया जाता है तो वह कभी खत्म नहीं होता. पाप किया जाता है तो वो भी हमेशा बढ़ता रहता है. साल 2023 में अक्षय तृतीया 22 अप्रैल को मनाई जाएगी.

अक्षय तृतीया पर शुभ मुहूर्त : अक्षय तृतीया का शुभ मुहूर्त 22 अप्रैल शनिवार को सुबह 7:49 से लेकर दोपहर 12:20 तक होगा और पूजा की कुल अवधि 4 घंटे का 30 मिनट तक होगी. तृतीया तिथि का शुभारंभ सुबह 7:49 से होगा और तृतीया तिथि का समापन 23 अप्रैल सुबह 7:47 मिनट पर होगा. ऐसे में अगर कोई व्यक्ति सोना या कोई अन्य चीज खरीदने का विचार कर रहा हो तो 22 अप्रैल को सुबह 7:49 से शुभ मुहूर्त शाम 5:48 तक शुभ मुहूर्त रहेगा.

बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलते: अक्षय तृतीया को सर्व सिद्ध मुहूर्त के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन लोग विवाह, गृह प्रवेश, नामकरण, घर व जमीन के खरीदारी करना भी काफी शुभ मानते हैं. इसके अलावा पूर्वजों के नाम से किया गया तर्पण और पिंडदान भी सफलता प्रदान करता है और पवित्र नदियों में स्नान करना भी फलदाई माना गया है. वहीं ,अक्षय तृतीया के दिन ही बद्रीनाथ धाम के कपाट भी खुल जाते हैं. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इसी दिन भगवान परशुराम, नर नारायण और हयग्रीव का अवतरण हुआ था. इस दिन वृंदावन में भगवान बांके बिहारी के भी विशेष रूप से दर्शन होते हैं और अक्षय तृतीया पर दान करने का भी विशेष महत्व कहा गया है.

भगवान विष्णु के साथ मां लक्ष्मी की पूजा: आचार्य विजय कुमार शर्मा का कहना है कि अक्षय तृतीया के दिन ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करके भक्त पीले वस्त्र धारण करें, क्योंकि भगवान विष्णु को पीला रंग प्रिय है. इस दिन भगवान विष्णु की मूर्ति को स्नान करने के बाद उन्हें पीले फूल और तुलसी भी अर्पित करना चाहिए. भक्तों को भगवान विष्णु के सामने बैठकर विष्णु चालीसा का पाठ करना चाहिए. वहीं, अपने सामर्थ्य के अनुसार सोने व चांदी की खरीदारी भी कर सकते हैं, क्योंकि इससे घर में मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है. भगवान विष्णु की पूजा के साथ था इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा का विशेष विधान है.

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