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मौत के साए में जी रहे देवधार के ग्रामीण, फोरलेन निर्माण से धंस रही जमीन, प्रशासन सोया कुंभकर्णी नींद

खराहल घाटी के वामतट मार्ग पर चार परिवार फोरलेन की जद में आ गए हैं. ग्रामीणों ने प्रशासन से समस्या को लेकर कई बार जिला प्रशासन को लिखित रूप से अवगत भी करवाया, लेकिन उनकी समस्या जस की तस बनी हुई है.

मांगों को लेकर डीसी से मिलने पहुंचे ग्रामीण
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Published : Mar 28, 2019, 2:45 PM IST

कुल्लू: जिला मुख्यालय के साथ लगती खराहल घाटी के वामतट मार्ग पर फोरलेन की जद में आए परिवार हर दिन मौत के साए में जीने को मजबूर हैं. यहां ग्राम पंचायत न्योली के देवधार गांव के ठीक नीचे फोरलेन का निर्माण कार्य चला हुआ है और इसकी जद में आने से जहां पहले ही गांव के कई लोगों के आशियाने उजड़ चुके हैं. यहां अब अन्य चार परिवारों भी खतरे में हैं.

villagers demand to dc
मांगों को लेकर डीसी से मिलने पहुंचे ग्रामीण
प्रभावित ग्रामीणों का एक प्रतिनिधिमंडल कुल्लू में डीसी यूनुस से भी मिला. ग्रामीणों ने डीसी को बताया कि फोरलेन की कटिंग के कारण मकानों में दरारें हर दिन बढ़ रही हैं जिसके कारण ये मकान धराशायी होने की कगार पर पहुंच गए हैं. इससे इन चारों परिवारों के लोगों में खौफ का माहौल है.
मांगों को लेकर डीसी से मिलने पहुंचे ग्रामीण

देवधार गांव की ग्रामीण महिला हेमलता शर्मा का कहना है कि मकान के आगे की भूमि फोरलेन निर्माण के कारण खिसक गई है और इससे उनके मकानों में बड़ी-बड़ी दरारें आ गई हैं, जिसके चलते कभी भी कोई बड़ी घटना घट सकती है. कई बार जिला प्रशासन को भी लिखित रूप से अवगत करवाया गया और मौके पर हालात का जायजा लेने का भी आग्रह किया गया, लेकिन आश्वासनों के अलावा उन्हें अभी तक राहत नहीं मिल पाई है. बता दें कि बीते महीने आईपीएच मंत्री महेंद्र सिंह के खराहल घाटी के दौरे के दौरान भी उनको स्थिति के बारे में अवगत करवाया गया था. मामले पर एनएचएआई और प्रशासन को आदेश देने की बात कही थी, लेकिन प्रशासनिक अधिकारी इस मामले पर मूकदर्शक बनकर किसी हादसे के इंतजार में हैं. कंपनी द्वारा पहाड़ की कटिंग की जा रही है, जिसके चलते जहां देवधार में पहले भी कई मकान धराशाई हो चुके हैं.

कुल्लू: जिला मुख्यालय के साथ लगती खराहल घाटी के वामतट मार्ग पर फोरलेन की जद में आए परिवार हर दिन मौत के साए में जीने को मजबूर हैं. यहां ग्राम पंचायत न्योली के देवधार गांव के ठीक नीचे फोरलेन का निर्माण कार्य चला हुआ है और इसकी जद में आने से जहां पहले ही गांव के कई लोगों के आशियाने उजड़ चुके हैं. यहां अब अन्य चार परिवारों भी खतरे में हैं.

villagers demand to dc
मांगों को लेकर डीसी से मिलने पहुंचे ग्रामीण
प्रभावित ग्रामीणों का एक प्रतिनिधिमंडल कुल्लू में डीसी यूनुस से भी मिला. ग्रामीणों ने डीसी को बताया कि फोरलेन की कटिंग के कारण मकानों में दरारें हर दिन बढ़ रही हैं जिसके कारण ये मकान धराशायी होने की कगार पर पहुंच गए हैं. इससे इन चारों परिवारों के लोगों में खौफ का माहौल है.
मांगों को लेकर डीसी से मिलने पहुंचे ग्रामीण

देवधार गांव की ग्रामीण महिला हेमलता शर्मा का कहना है कि मकान के आगे की भूमि फोरलेन निर्माण के कारण खिसक गई है और इससे उनके मकानों में बड़ी-बड़ी दरारें आ गई हैं, जिसके चलते कभी भी कोई बड़ी घटना घट सकती है. कई बार जिला प्रशासन को भी लिखित रूप से अवगत करवाया गया और मौके पर हालात का जायजा लेने का भी आग्रह किया गया, लेकिन आश्वासनों के अलावा उन्हें अभी तक राहत नहीं मिल पाई है. बता दें कि बीते महीने आईपीएच मंत्री महेंद्र सिंह के खराहल घाटी के दौरे के दौरान भी उनको स्थिति के बारे में अवगत करवाया गया था. मामले पर एनएचएआई और प्रशासन को आदेश देने की बात कही थी, लेकिन प्रशासनिक अधिकारी इस मामले पर मूकदर्शक बनकर किसी हादसे के इंतजार में हैं. कंपनी द्वारा पहाड़ की कटिंग की जा रही है, जिसके चलते जहां देवधार में पहले भी कई मकान धराशाई हो चुके हैं.
मौत के साए में जी रहे देवधार के ग्रामीण
फोरलेन निर्माण से धंस रही जमीन
ग्रामीणों ने प्रशासन से लगाई गुहार
कुल्लू

जिला मुख्यालय कुल्लू के साथ लगती खराहल घाटी के वामतट मार्ग पर फोरलेन की जद में आए परिवार हर दिन मौत के साए में जीने को मजबूर हैं। यहां ग्राम पंचायत न्योली के देवधार गांव के ठीक नीचे फोरलेन का निर्माण कार्य चला हुआ है और इसकी जद में आने से जहां पहले ही गांव के कई लोगों के आशियाने उजड़ चुके हैं। वहीं अब अन्य चार परिवारों को भी खतरा उत्पन्न हो गया है। प्रभावित ग्रामीणों का एक प्रतिनिधिमंडल कुल्लू में डीसी यूनुस से भी मिला। ग्रामीणों ने डीसी को बताया कि फोरलेन की कटिंग के कारण मकानों में दरारें हर दिन बढ़ रही हैं। जिसके कारण यह मकान धराशायी होने की कगार पर पहुंच गए हैं, इसके चलते इन चारों परिवारों के लोगों में खौफ का माहौल है। देवधार गांव की ग्रामीण महिला हेमलता शर्मा का कहना है कि मकान के आगे की भूमि फोरलेन निर्माण के कारण खिसक गई है और इससे उनके मकानों में बड़ी-बड़ी दरारें आ गई हैं, जिसके चलते कभी भी कोई बड़ी घटना घट सकती है।

कई बार जिला प्रशासन को भी लिखित रूप से अवगत करवाया गया और मौके पर हालात का जायजा लेने का भी आग्रह किया गया लेकिन आश्वासनों के अलावा उन्हें अभी तक राहत नहीं मिल पाई है। गौर रहे कि बीते माह आइपीएच मंत्री महेंद्र सिंह के खराहल घाटी के दौरे के दौरान भी उनको स्थिति के बारे में अवगत करवाया गया था मामले पर एनएचएआइ और प्रशासन को आदेश देने की बात कही थी। पर प्रशासनिक अधिकारी इस मामले पर मूकदर्शक बनकर किसी हादसे के इंतजार में हैं। चारों परिवार हर दिन डर के साय में रातें बिता रहे हैं। कंपनी द्वारा पहाड़ की कटिग की जा रही है, जिसके चलते जहां देवधार में पहले भी कई मकान धराशाई हो चुके हैं। 

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