कुल्लू: जिला मुख्यालय के साथ लगती खराहल घाटी के वामतट मार्ग पर फोरलेन की जद में आए परिवार हर दिन मौत के साए में जीने को मजबूर हैं. यहां ग्राम पंचायत न्योली के देवधार गांव के ठीक नीचे फोरलेन का निर्माण कार्य चला हुआ है और इसकी जद में आने से जहां पहले ही गांव के कई लोगों के आशियाने उजड़ चुके हैं. यहां अब अन्य चार परिवारों भी खतरे में हैं.
![villagers demand to dc](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/images/2827341_kul-2.png)
देवधार गांव की ग्रामीण महिला हेमलता शर्मा का कहना है कि मकान के आगे की भूमि फोरलेन निर्माण के कारण खिसक गई है और इससे उनके मकानों में बड़ी-बड़ी दरारें आ गई हैं, जिसके चलते कभी भी कोई बड़ी घटना घट सकती है. कई बार जिला प्रशासन को भी लिखित रूप से अवगत करवाया गया और मौके पर हालात का जायजा लेने का भी आग्रह किया गया, लेकिन आश्वासनों के अलावा उन्हें अभी तक राहत नहीं मिल पाई है. बता दें कि बीते महीने आईपीएच मंत्री महेंद्र सिंह के खराहल घाटी के दौरे के दौरान भी उनको स्थिति के बारे में अवगत करवाया गया था. मामले पर एनएचएआई और प्रशासन को आदेश देने की बात कही थी, लेकिन प्रशासनिक अधिकारी इस मामले पर मूकदर्शक बनकर किसी हादसे के इंतजार में हैं. कंपनी द्वारा पहाड़ की कटिंग की जा रही है, जिसके चलते जहां देवधार में पहले भी कई मकान धराशाई हो चुके हैं.