कुल्लू: प्रदेश में सर्दियों ने अपनी दस्तक दे दी है. जिसके साथ ही हिमाचल के दुर्गम क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए भी अगले कुछ महीनों के लिए परेशानियों का दौर शुरू हो गया है. विश्व विख्यात रोहतांग दर्रे से गुजरने वाली मनाली लेह सड़क पर भारी बर्फबारी होने के कारण कट जाती है. घाटी के लोग लगभग पांच महीनों के लिए बर्फ के रेगिस्तान में कैद हो जाते हैं.
घाटी में बर्फ के बीच फंसे लोग हर साल माइनस तापमान में रोहतांग दर्रे को पैदल ही आर पार करते हैं. वहीं, प्रशासन की तरफ से भी पैदल रोहतांग दर्रे को पार करने के लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जाते हैं. इस वर्ष भी रोहतांग दर्रे को पैदल पार करने वालों के लिए प्रशासन की तरफ से दर्रे के दोनों ओर बचाव चौकियों को स्थापित किया गया है.
बता दें कि रोहतांग को पार करने वाले लोगों को इन चौकियों पर अपना पंजीकरण करवाना होता है. इन चौकियों में पंजीकरण होने और मौसम के साफ होने के बाद ही लोगों को पैदल पार करने की अनुमति दी जाती है. इसी के चलते पुलिस के जवान और पर्वतारोहण के सदस्यों ने मिलकर रोहतांग दर्रे से करीब 16 किलोमीटर की दूरी पर स्थित मढ़ी में माइनस तापमान में अपनी बचाव चौकी स्थापित कर दी है, जो रोहतागं दर्रा पार करने वालों के लिए हर संभव सहायता करेगी.
एसडीएम मनाली रमन घरसंगी ने जानकारी देते हुए बताया कि बर्फबारी के दौरान लाहौल में रहने वाले लोग वाहनों की आवाजाही बंद होने के बाद पैदल ही रोहतांग दर्रे को पार करते हैं. जिनकी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इन चौकियों का निर्माण किया गया है. रमन घरसंगी ने कहा कि मनाली की तरफ से आने वाले वाहनों का गुलाबा चैक पोस्ट में पंजीकरण किया जाएगा और उसके बाद मढ़ी में भी उनकी जांच की जाएगी. जिसके बाद ही वाहनों को आगे जाने की अनुमति दी जाएगी.
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