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पागलनाला से निपटने के लिए 42 लाख का प्रपोजल तैयार

बरसात के समय सैंज घाटी के लोगों के लिए पागलनाला बहुत सालों से समस्या बना हुआ है. लोक निर्माण विभाग ने पागलनाला की समस्या के समाधान के लिए विभाग ने 42 लाख रुपये का प्राक्कलन तैयार किया है जिससे यहां करीब दस मीटर के दायरे में कलवर्ट लगाया जाएगा.

पागलनाला से निपटने के लिए 42 लाख का प्रपोजल तैयार
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Published : Jul 29, 2019, 11:59 AM IST

Updated : Jul 29, 2019, 3:36 PM IST

कुल्लूः लारजी-सैंज सड़क में पागलनाला की समस्या के समाधान के लिए विभाग ने 42 लाख रुपये का प्राक्कलन तैयार किया है. जिससे यहां करीब दस मीटर के दायरे में कलवर्ट लगाया जाएगा. कलवर्ट का प्राक्कलन तैयार करके आला अधिकारियों को बजट के लिए भेज दिया है साथ ही इसके लिए एनएचपीसी से भी बात की जा रही है.

शनिवार सुबह भी अचानक नाले का जलस्तर बढ़ने से दोनों छोर पर सैकड़ों गाड़ियां खड़ी रही हालांकि लोक निर्माण विभाग ने करीब डेढ़ घंटे के भीतर ही सड़क बहाल की लेकिन इस दौरान सैंज घाटी के किसानों-बागवानों को अपनी फसल मंडियों तक पहुंचाने में काफी मशक्कत करनी पड़ी.

वीडियो.

बीते तीन-चार सप्ताह से लगातार हो रही बारिश के कारण तलाड़ा गांव के नजदीक पागल नाला का जलस्तर बार-बार बढ़ रहा है जिससे लारजी-सैंज मार्ग पर यातायात भी ठप हो रहा है.

सैंज घाटी को जिला मुख्यालय और राष्ट्रीय राजमार्ग से जोड़ने वाला यह एकमात्र मार्ग है इस लिए स्थानीय लोगों ने सरकार से मांग की है कि पागलनाला में या तो पुल का निर्माण किया जाए या फिर दूसरे छोर से विहाली कांढा सड़क को तलाड़ा सड़क के साथ जोड़ा जाए. ताकि पागलनाला का जलस्तर बढ़ने से वैकल्पिक रास्ते का प्रयोग करके आम जनता को सुविधा दी जा सके.

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हिमाचल प्रदेश की सैंज घाटी भले ही परियोजना नगरी के नाम से प्रसिद्ध हो, लेकिन बरसात के समय पागलनाले का जल स्तर बढ़ने से यहां रहने वाले लोग तब देश-दुनिया से अलग हो जाते हैं. कुछ साल पहले की बात करें तो यह नाला डेढ़-दो महीने तक सड़क में होने वाली आवाजाही को रोके रखता था. जिस कारण यहां आने जाने वाले लोगों को जान जोखिम में डालकर पैदल चलना पड़ता था.

पागलनाले ने दूल्हे सहित बारात और मरीजों को ला रही एंबुलेंस को भी रात-रात भर इंतजार करवाया है. सैंज घाटी के लोगों ने बताया कि कुछ वर्षों पहले तक यह नाला डेढ़-दो महीने तक सड़क में होने वाली आवाजाही को रोके रखता था.

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इतना ही नहीं सीजन के दौरान घाटी के किसानों-बागबानों को फल-सब्जी बेचने के लिए मंडियों तक पहुंचने यही एक मात्र रास्ता है. इसके बंद होने पर घाटी की डेढ़ दर्जन पंचायतों के लोग प्रभावित होते हैं.

पहले लोक निर्माण विभाग के पास जब मशीनें नहीं बल्कि सिर्फ मजदूर हुआ करते थे तब से पागल नाला जैसा था वैसा ही आज भी है और यहां की आम जनता आज भी भारी बरसात में पैदल चलने के लिए मजबूर है.

ये भी पढ़े: इस दिन शुरू होगी प्रसिद्ध मणिमहेश यात्रा, तैयारियों में जुटा प्रशासन

वहीं लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों ने बताया कि पागलनाला की समस्या के समाधान के लिए विभाग ने 42 लाख रुपये का प्राक्कलन तैयार किया है जिससे यहां करीब दस मीटर के दायरे में कलवर्ट लगाया जाएगा. कलवर्ट का प्राक्कलन तैयार करके आला अधिकारियों को बजट के लिए भेज दिया है साथ ही इसके लिए एनएचपीसी से भी बात की जा रही है.

कुल्लूः लारजी-सैंज सड़क में पागलनाला की समस्या के समाधान के लिए विभाग ने 42 लाख रुपये का प्राक्कलन तैयार किया है. जिससे यहां करीब दस मीटर के दायरे में कलवर्ट लगाया जाएगा. कलवर्ट का प्राक्कलन तैयार करके आला अधिकारियों को बजट के लिए भेज दिया है साथ ही इसके लिए एनएचपीसी से भी बात की जा रही है.

शनिवार सुबह भी अचानक नाले का जलस्तर बढ़ने से दोनों छोर पर सैकड़ों गाड़ियां खड़ी रही हालांकि लोक निर्माण विभाग ने करीब डेढ़ घंटे के भीतर ही सड़क बहाल की लेकिन इस दौरान सैंज घाटी के किसानों-बागवानों को अपनी फसल मंडियों तक पहुंचाने में काफी मशक्कत करनी पड़ी.

वीडियो.

बीते तीन-चार सप्ताह से लगातार हो रही बारिश के कारण तलाड़ा गांव के नजदीक पागल नाला का जलस्तर बार-बार बढ़ रहा है जिससे लारजी-सैंज मार्ग पर यातायात भी ठप हो रहा है.

सैंज घाटी को जिला मुख्यालय और राष्ट्रीय राजमार्ग से जोड़ने वाला यह एकमात्र मार्ग है इस लिए स्थानीय लोगों ने सरकार से मांग की है कि पागलनाला में या तो पुल का निर्माण किया जाए या फिर दूसरे छोर से विहाली कांढा सड़क को तलाड़ा सड़क के साथ जोड़ा जाए. ताकि पागलनाला का जलस्तर बढ़ने से वैकल्पिक रास्ते का प्रयोग करके आम जनता को सुविधा दी जा सके.

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हिमाचल प्रदेश की सैंज घाटी भले ही परियोजना नगरी के नाम से प्रसिद्ध हो, लेकिन बरसात के समय पागलनाले का जल स्तर बढ़ने से यहां रहने वाले लोग तब देश-दुनिया से अलग हो जाते हैं. कुछ साल पहले की बात करें तो यह नाला डेढ़-दो महीने तक सड़क में होने वाली आवाजाही को रोके रखता था. जिस कारण यहां आने जाने वाले लोगों को जान जोखिम में डालकर पैदल चलना पड़ता था.

पागलनाले ने दूल्हे सहित बारात और मरीजों को ला रही एंबुलेंस को भी रात-रात भर इंतजार करवाया है. सैंज घाटी के लोगों ने बताया कि कुछ वर्षों पहले तक यह नाला डेढ़-दो महीने तक सड़क में होने वाली आवाजाही को रोके रखता था.

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इतना ही नहीं सीजन के दौरान घाटी के किसानों-बागबानों को फल-सब्जी बेचने के लिए मंडियों तक पहुंचने यही एक मात्र रास्ता है. इसके बंद होने पर घाटी की डेढ़ दर्जन पंचायतों के लोग प्रभावित होते हैं.

पहले लोक निर्माण विभाग के पास जब मशीनें नहीं बल्कि सिर्फ मजदूर हुआ करते थे तब से पागल नाला जैसा था वैसा ही आज भी है और यहां की आम जनता आज भी भारी बरसात में पैदल चलने के लिए मजबूर है.

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वहीं लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों ने बताया कि पागलनाला की समस्या के समाधान के लिए विभाग ने 42 लाख रुपये का प्राक्कलन तैयार किया है जिससे यहां करीब दस मीटर के दायरे में कलवर्ट लगाया जाएगा. कलवर्ट का प्राक्कलन तैयार करके आला अधिकारियों को बजट के लिए भेज दिया है साथ ही इसके लिए एनएचपीसी से भी बात की जा रही है.

Intro:कुल्लू
42 लाख से होगा पागलनाला का हल...........
लोकनिर्माण विभाग ने तैयार किया प्राक्कलन; एनएचपीसी से भी विभाग करेगा बात Body:


जिला की परियोजना नगरी के नाम से जानी जाने बाली सैंजघाटी बेशक आज देश-प्रदेश में जल विद्युत परियोजनाओं के लिए प्रसिद्ध हो चुकी हो लेकिन यहां रहने वाले लोग तब देश-दुनिया से अलग हो जाते हैं जब यहां का मशहूर पागल नाला अपना रौद्र रूप दिखाता है । इतिहास गवाह है कि पागल नाले ने छोटी-मोटी नहीं बल्कि बड़ी-बड़ी तबाही मचाई है लारजी-सैंज मार्ग के बीचों-बीच आने वाला यह नाला कई छोटी-बड़ी गाड़ियों को लील चुका है और देखते-देखते करोड़ों रुपये मिट्टी में मिलाए हैं । ऐसा भी मौका आया है जब इस नाले में दूल्हे सहित बारात और मरीजों को ला रही एंबुलेंस भी पूरी रात खड़ी रही हो । घाटी के बाशिंदे बताते हैं कि कुछ वर्षों पहले तक यह नाला डेढ़-दो महीने तक सड़क में होने वाली आवाजाही को रोके रखता था जिस कारण यहां आने जाने वाले लोगों को जान जोखिम में डालकर पैदल चलना पड़ता था । यह वक्त तब था जब लोक निर्माण विभाग के पास मशीनें नहीं बल्कि सिर्फ मजदूर हुआ करते थे वक्त बदला तो लोगों को लगा हालात भी बदलेंगे लेकिन ऐसा नहीं हुआ । पागल नाला जैसा था वैसा ही आज भी है और यहां आम जनता की जान आज भी जोखिम में है इतना ही नहीं फल-सब्जी के सीज़न के दौरान घाटी के किसानों-बागबानों को आफत खड़ी करने वाला या नाला चार पांच-पांच घंटे तक रोके रखता है । दिन हो या रात पागल नाला कभी भी बरसता है लोगों का कहना है की थोड़ी सी बारिश होने पर भी इस नाले में पानी और पत्थर का मिश्रण बहने लगता है जिसके आगे सब बेबस हो जाते हैं हालांकि समय-समय पर रही सरकारों व जनप्रतिनिधियों के समक्ष लोगों ने कई बार यहां पुल लगाने की मांग उठाई लेकिन आम जनता की इस मांग को न तो अधिकारियों ने तवज्जो दी और न ही लोकतंत्र के माध्यम से बनी सरकारों ने । बीते तीन-चार सप्ताह से लगातार हो रही बारिश के कारण तलाड़ा गांव के नजदीक पागल नाला का जलस्तर बार-बार बढ़ रहा है जिससे लारजी-सैंज मार्ग पर यातायात भी ठप्प हो रहा है । शनिवार सुबह भी अचानक नाले का जलस्तर बढ़ने से दोनों छोर पर सैकड़ों गाड़ियां खड़ी रही हालांकि लोक निर्माण विभाग ने करीब डेढ़ घंटे के भीतर ही सड़क बहाल की लेकिन इस दौरान सैंज घाटी के किसानों-बागवानों को अपनी फसल मंडियों तक पहुंचाने में काफी मशक्कत करनी पड़ी । वहीं घाटी में आने वाले सैलानी भी यहीं फंसे रहे घाटी के बाशिंदे शेर नेगी, महेश शर्मा, रमेश धामी, अमर सिंह, बलदेव राणा, महेंद्र सिंह तथा कोम दत्त इत्यादि ने कहा कि सरकार को इस स्थान पर बड़े पुल का निर्माण करना चाहिए ताकि आम जनता प्रभावित न हो । गौर हो कि सैंज घाटी को जिला मुख्यालय और राष्ट्रीय राजमार्ग से जोड़ने वाला यह एकमात्र मार्ग है जिसके बंद होने पर घाटी की डेढ़ दर्जन पंचायतों के लोग प्रभावित होते हैं । वहीं सैंजघाटी में सब्जीमंडी न होने से बागवानों को भी अपना माल बेचने के लिए मंडियों तक पहुंचने का यही एक मात्र रास्ता है परन्तु पागलनाला में एकाएक फंसने से आम जनता के साथ-साथ स्कूल-कॉलेज जाने बाले विद्यार्थियों के साथ-साथ विभिन्न विभागों में कार्यरत कर्मचारियों को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है । हालांकि विभाग ने नाले के ऊपर पुलनुमा कलवर्ट बनाने के लिए भी प्राक्कलन तैयार किया है लेकिन इसके लिए अभी सरकार के दरवाज़े खुलने का इंतज़ार है । विभाग ने आम लोगों की परेशानी को समझते हुए पार्वती जल विद्युत परियोजना की एनएचपीसी कंपनी
से भी बात साझा करने का प्रयास किया है ताकि रोज़ाना आवागमन करने बाले एनएचपीसी कंपनी के अधिकारी-कर्मचारी भी परेशान न हों लेकिन इसके लिए अभी वक्त लगेगा ।
ऊधर लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों ने बताया कि पागलनाला नामक स्थान पर लगातार विभाग की मशीन कार्य कर रही है जो रात के दस बजे तक यहीं रहेगी और नाले में मलबा रुकते ही युद्धस्तर पर यातायात बहाल किया जा रहा है ।
.......विहाली-तलाड़ा सड़क को वैकल्पिक रास्ते के रूप में जोड़ा जाए........
सैंजघाटी के पंचायत प्रधानों सुनीता देवी,गीता देवी, पूर्ण चंद, खिमदासी, निर्मला देवी, नरेश कुमार, भाग चंद, सवित्रा, रेपती राम, गिरधारी लाल, ओम प्रकाश, निर्मायणा देवी, किरणा देवी तथा उपप्रधानों बालकृष्ण, बालमुकुंद, भगत राम, गोपाल, लेदराम, रोशन लाल,हेमराज,मोहर सिंह ने सरकार से मांग की है कि पागलनाला में या तो पुल का निर्माण किया जाए या फिर दूसरे छोर से जाने बाली विहाली कांढा सड़क को तलाड़ा सड़क के साथ जोड़ा जाए ताकि पागलनाला का जलस्तर बढ़ने से वैकल्पिक रास्ते का प्रयोग करके आम जनता को सुविधा दी जा सके ।
Conclusion:बॉक्स
लारजी-सैंज सड़क में पागलनाला की समस्या के समाधान के लिए विभाग ने 42 लाख रुपये का प्राक्कलन तैयार किया है जिससे यहां करीब दस मीटर के दायरे में कलवर्ट लगाया जाएगा । कलवर्ट का प्राक्कलन तैयार करके आला अधिकारियों को बजट के लिए भेज दिया है साथ ही इसके लिए एनएचपीसी से भी बात की जा रही है ।
:-डी सी चन्देल, सहायक अभियंता, लोक निर्माण विभाग लारजी ।

Last Updated : Jul 29, 2019, 3:36 PM IST
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