कुल्लूः लारजी-सैंज सड़क में पागलनाला की समस्या के समाधान के लिए विभाग ने 42 लाख रुपये का प्राक्कलन तैयार किया है. जिससे यहां करीब दस मीटर के दायरे में कलवर्ट लगाया जाएगा. कलवर्ट का प्राक्कलन तैयार करके आला अधिकारियों को बजट के लिए भेज दिया है साथ ही इसके लिए एनएचपीसी से भी बात की जा रही है.
शनिवार सुबह भी अचानक नाले का जलस्तर बढ़ने से दोनों छोर पर सैकड़ों गाड़ियां खड़ी रही हालांकि लोक निर्माण विभाग ने करीब डेढ़ घंटे के भीतर ही सड़क बहाल की लेकिन इस दौरान सैंज घाटी के किसानों-बागवानों को अपनी फसल मंडियों तक पहुंचाने में काफी मशक्कत करनी पड़ी.
बीते तीन-चार सप्ताह से लगातार हो रही बारिश के कारण तलाड़ा गांव के नजदीक पागल नाला का जलस्तर बार-बार बढ़ रहा है जिससे लारजी-सैंज मार्ग पर यातायात भी ठप हो रहा है.
सैंज घाटी को जिला मुख्यालय और राष्ट्रीय राजमार्ग से जोड़ने वाला यह एकमात्र मार्ग है इस लिए स्थानीय लोगों ने सरकार से मांग की है कि पागलनाला में या तो पुल का निर्माण किया जाए या फिर दूसरे छोर से विहाली कांढा सड़क को तलाड़ा सड़क के साथ जोड़ा जाए. ताकि पागलनाला का जलस्तर बढ़ने से वैकल्पिक रास्ते का प्रयोग करके आम जनता को सुविधा दी जा सके.
हिमाचल प्रदेश की सैंज घाटी भले ही परियोजना नगरी के नाम से प्रसिद्ध हो, लेकिन बरसात के समय पागलनाले का जल स्तर बढ़ने से यहां रहने वाले लोग तब देश-दुनिया से अलग हो जाते हैं. कुछ साल पहले की बात करें तो यह नाला डेढ़-दो महीने तक सड़क में होने वाली आवाजाही को रोके रखता था. जिस कारण यहां आने जाने वाले लोगों को जान जोखिम में डालकर पैदल चलना पड़ता था.
पागलनाले ने दूल्हे सहित बारात और मरीजों को ला रही एंबुलेंस को भी रात-रात भर इंतजार करवाया है. सैंज घाटी के लोगों ने बताया कि कुछ वर्षों पहले तक यह नाला डेढ़-दो महीने तक सड़क में होने वाली आवाजाही को रोके रखता था.
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इतना ही नहीं सीजन के दौरान घाटी के किसानों-बागबानों को फल-सब्जी बेचने के लिए मंडियों तक पहुंचने यही एक मात्र रास्ता है. इसके बंद होने पर घाटी की डेढ़ दर्जन पंचायतों के लोग प्रभावित होते हैं.
पहले लोक निर्माण विभाग के पास जब मशीनें नहीं बल्कि सिर्फ मजदूर हुआ करते थे तब से पागल नाला जैसा था वैसा ही आज भी है और यहां की आम जनता आज भी भारी बरसात में पैदल चलने के लिए मजबूर है.
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वहीं लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों ने बताया कि पागलनाला की समस्या के समाधान के लिए विभाग ने 42 लाख रुपये का प्राक्कलन तैयार किया है जिससे यहां करीब दस मीटर के दायरे में कलवर्ट लगाया जाएगा. कलवर्ट का प्राक्कलन तैयार करके आला अधिकारियों को बजट के लिए भेज दिया है साथ ही इसके लिए एनएचपीसी से भी बात की जा रही है.