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'पढ़ना-लिखना अभियान' के तहत 1640 वालंटियर टीचर्स को दिया जा रहा प्रशिक्षण, लोगों को किया जाएगा साक्षर

शिक्षा विभाग के माध्यम से प्रथम चरण में शिक्षा खंड बंजार, कुल्लू-एक व कुल्लू-दो और नग्गर में यह अभियान चलाया जाएगा. आनी और निरमंड शिक्षा खंडों को द्वितीय चरण में शामिल करने का लक्ष्य है.

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Published : Apr 22, 2021, 1:23 PM IST

Updated : Apr 24, 2021, 6:06 AM IST

पढ़ना-लिखना अभियान
पढ़ना-लिखना अभियान

कुल्लू: जिला कुल्लू में पढ़ना-लिखना अभियान के तहत जिला के चार खंडों में 15 साल या अधिक आयु के 16375 अशिक्षित लोगों को शिक्षित करने के लिए जिला के 1640 वालंटियर टीचर (वीटी) को प्रशिक्षित किया जा रहा है. प्रशिक्षण के बाद ही यह जिला के चारों खंडों में जाकर अशिक्षित लोगों को शिक्षित करेंगे.

वालंटियर टीचर को दिया जा रहा प्रशिक्षण

शिक्षा विभाग के माध्यम से प्रथम चरण में शिक्षा खंड बंजार, कुल्लू-एक व कुल्लू-दो और नग्गर में यह अभियान चलाया जाएगा. आनी और निरमंड शिक्षा खंडों को द्वितीय चरण में शामिल करने का लक्ष्य है. शमशी में चल रहे विशेष प्रशिक्षण शिविर में अभी तक चारों शिक्षा खंडों में 1640 वालंटियर टीचर (वीटी) में से 250 ने प्रशिक्षण प्राप्त कर लिया है जबकि अन्य भी शीघ्र ही प्रशिक्षित होकर अपनी सेवाएं देना शुरू कर देंगे.

वीडियो.

सभी से एसओपी का पालन करने का आग्रह

प्रारंभिक शिक्षा उप निदेशक जिला कुल्लू सीता राम बंसल ने इस प्रशिक्षण शिविर का निरीक्षण कर प्रशिक्षकों व वालंटियर को कोरोना महामारी के मद्देनजर जारी एसओपी का पालन करने का आग्रह किया है. उन्होंने बताया कि जिला के अशिक्षित लोगों को चयनित कर साक्षर बनाने के लिए उनके 10-10 के समूह बनाए जाएंगे, हर समूह को एक वीटी शिक्षण के लक्ष्य को पूरा करवाएगा. वीटी न केवल अध्यापन का कार्य करेंगे, बल्कि चयनित लोगों को डिजिटल इंडिया की जानकारी भी देंगे ताकि वह मोबाइल फोन के माध्यम से आधुनिक तकनीकों से परिचित भी हो सकें.

प्रशिक्षुओं का होगा समग्र विकास

सीता राम ने बताया कि गांव के क्लस्टर स्तर पर शिक्षण का कार्य सरकारी भवनों में किया जाएगा. इस दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रम, लोक नृत्य, नाटक व वाद-विवाद प्रतियोगिता शामिल है ताकि शिक्षण के साथ प्रशिक्षुओं का समग्र विकास भी हो. निरक्षरों लोगों को साक्षर बनाने के लिए चार माह का एक निर्धारित पाठ्यक्रम है. चार माह के दौरान कम से कम 120 घंटे पढ़ने का कार्य होगा.

इसके उपरांत राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान यानि एनआईओएस के माध्यम से परीक्षा आयोजित की जाएगी, साक्षर होने का प्रमाण पत्र दिया जाएगा. सीता राम बंसल ने बताया कि कोविड के चलते 50-50 वालंटियर को प्रशिक्षण प्राप्त किया जा रहा है और साथ ही कोरोना नियमों का भी पालन किया जा रहा है.

ये भी पढ़ें: आग की भेंट चढ़ रहे हिमाचल के जंगल, कैबिनेट से हेलिकॉप्टर के लिए अप्रूवल का इंतजार

कुल्लू: जिला कुल्लू में पढ़ना-लिखना अभियान के तहत जिला के चार खंडों में 15 साल या अधिक आयु के 16375 अशिक्षित लोगों को शिक्षित करने के लिए जिला के 1640 वालंटियर टीचर (वीटी) को प्रशिक्षित किया जा रहा है. प्रशिक्षण के बाद ही यह जिला के चारों खंडों में जाकर अशिक्षित लोगों को शिक्षित करेंगे.

वालंटियर टीचर को दिया जा रहा प्रशिक्षण

शिक्षा विभाग के माध्यम से प्रथम चरण में शिक्षा खंड बंजार, कुल्लू-एक व कुल्लू-दो और नग्गर में यह अभियान चलाया जाएगा. आनी और निरमंड शिक्षा खंडों को द्वितीय चरण में शामिल करने का लक्ष्य है. शमशी में चल रहे विशेष प्रशिक्षण शिविर में अभी तक चारों शिक्षा खंडों में 1640 वालंटियर टीचर (वीटी) में से 250 ने प्रशिक्षण प्राप्त कर लिया है जबकि अन्य भी शीघ्र ही प्रशिक्षित होकर अपनी सेवाएं देना शुरू कर देंगे.

वीडियो.

सभी से एसओपी का पालन करने का आग्रह

प्रारंभिक शिक्षा उप निदेशक जिला कुल्लू सीता राम बंसल ने इस प्रशिक्षण शिविर का निरीक्षण कर प्रशिक्षकों व वालंटियर को कोरोना महामारी के मद्देनजर जारी एसओपी का पालन करने का आग्रह किया है. उन्होंने बताया कि जिला के अशिक्षित लोगों को चयनित कर साक्षर बनाने के लिए उनके 10-10 के समूह बनाए जाएंगे, हर समूह को एक वीटी शिक्षण के लक्ष्य को पूरा करवाएगा. वीटी न केवल अध्यापन का कार्य करेंगे, बल्कि चयनित लोगों को डिजिटल इंडिया की जानकारी भी देंगे ताकि वह मोबाइल फोन के माध्यम से आधुनिक तकनीकों से परिचित भी हो सकें.

प्रशिक्षुओं का होगा समग्र विकास

सीता राम ने बताया कि गांव के क्लस्टर स्तर पर शिक्षण का कार्य सरकारी भवनों में किया जाएगा. इस दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रम, लोक नृत्य, नाटक व वाद-विवाद प्रतियोगिता शामिल है ताकि शिक्षण के साथ प्रशिक्षुओं का समग्र विकास भी हो. निरक्षरों लोगों को साक्षर बनाने के लिए चार माह का एक निर्धारित पाठ्यक्रम है. चार माह के दौरान कम से कम 120 घंटे पढ़ने का कार्य होगा.

इसके उपरांत राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान यानि एनआईओएस के माध्यम से परीक्षा आयोजित की जाएगी, साक्षर होने का प्रमाण पत्र दिया जाएगा. सीता राम बंसल ने बताया कि कोविड के चलते 50-50 वालंटियर को प्रशिक्षण प्राप्त किया जा रहा है और साथ ही कोरोना नियमों का भी पालन किया जा रहा है.

ये भी पढ़ें: आग की भेंट चढ़ रहे हिमाचल के जंगल, कैबिनेट से हेलिकॉप्टर के लिए अप्रूवल का इंतजार

Last Updated : Apr 24, 2021, 6:06 AM IST
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