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बर्फानी तूफान से रेस्क्यू किए जाने के बाद बंगाली ट्रेकर ने सुनाई आपबीती, साथी की मौत से अब तक बेखबर

दो दिन पहले रोहड़ू के जांगलिक से होते हुए बरुआ पैदल ट्रेकिंग के लिए निकले ट्रैकर्स बर्फानी तूफ़ान में फंस गए थे. ट्रैकिंग दल में से एक की मौत हो गई थी.

रेस्क्यू किया गया बंगाली ट्रेकर
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Published : May 27, 2019, 6:02 AM IST

किन्नौर: बरुआ कंडे में बर्फानी तूफान की चपेट में आने से बेहोश हुए बंगाली ट्रेकर की हालत में सुधार हो रहा है. ट्रेकर का रामपुर के खनेरी चिकित्सालय में इलाज चल रहा है.

बर्फानी तूफान की चपेट में आने से बेसुध हुए ट्रैकिंग दल में शामिल घायल रूपम घोष ने आपबीती सुनाते हुए बताया कि अगर किन्नौर प्रशासन उन्हें समर पर चौपर से रेस्क्यू नहीं करता तो उनका जिंदा बचना मुश्किल था. जिसके लिए रूपम ने किन्नौर प्रशासन का आभार जताया.

रेस्क्यू किया गया बंगाली ट्रेकर

रूपम घोष ने बताया रोहड़ू के जांगलिक से पैदल ट्रैक पर निकलने के बाद बरुआ पास भी उन्होंने आसानी से पार किया. इस दौरान मौसम भी अनुकूल था, लेकिन जोत से रात्रि कैंप की ओर उतरते हुए वे बर्फानी तूफान की चपेट में आ गए. घोष ने बताया वो और उसका साथी तूफान से संघर्ष कर नीचे उतरने का प्रयास तेजी से करने लगे, लेकिन बर्फ तेजी से गिर रही थी. बर्फ अधिक गिरने से पैदल चलने में भी दिक्क्त आ रही थी और ऊपर से अन्धेरा छाने लगा था. घोष ने बताया वो और उन का साथी जिवाशीष महतु काफी देर तक तूफान से जूझते रहे. इसी बीच वो बेहोश हो गया और दूसरे दिन चिकित्सालय में उसे होश आया.

west bengol trekker rescued in Blizzard
रेस्क्यू किया गया बंगाली ट्रेकर

सरकार की ओर से सूचना मिलते ही घोष को बेहोशी की हालत में कैंप से सुबह वायु सेना के चौपर से सांगला पहुंचाया गया. उन्होंने बताया ट्रेकर दल में कुल सात ट्रेकर शामिल थे. रूपम को दूसरे साथी की मौत की जानकारी अब तक नहीं दी गई है.

गौर हो कि हिमाचल प्रदेश के रोहड़ू के जांगलिक होते हुए बरुआ जोत पैदल ट्रेकिंग पर निकले दल के 7 सदस्य बर्फानी तूफ़ान में बरुआ जोत पर फंस गए थे. जिसमें से एक ट्रेकर की मौत हुई व एक को बेहोशी की हालत में वायु सेना के चौपर से सांगला पहुंचाया गया था.

पढ़ें- किन्नौर में चट्टान गिरने से एनएच-5 अवरूद्ध, सैकड़ों यात्री फंसे

किन्नौर: बरुआ कंडे में बर्फानी तूफान की चपेट में आने से बेहोश हुए बंगाली ट्रेकर की हालत में सुधार हो रहा है. ट्रेकर का रामपुर के खनेरी चिकित्सालय में इलाज चल रहा है.

बर्फानी तूफान की चपेट में आने से बेसुध हुए ट्रैकिंग दल में शामिल घायल रूपम घोष ने आपबीती सुनाते हुए बताया कि अगर किन्नौर प्रशासन उन्हें समर पर चौपर से रेस्क्यू नहीं करता तो उनका जिंदा बचना मुश्किल था. जिसके लिए रूपम ने किन्नौर प्रशासन का आभार जताया.

रेस्क्यू किया गया बंगाली ट्रेकर

रूपम घोष ने बताया रोहड़ू के जांगलिक से पैदल ट्रैक पर निकलने के बाद बरुआ पास भी उन्होंने आसानी से पार किया. इस दौरान मौसम भी अनुकूल था, लेकिन जोत से रात्रि कैंप की ओर उतरते हुए वे बर्फानी तूफान की चपेट में आ गए. घोष ने बताया वो और उसका साथी तूफान से संघर्ष कर नीचे उतरने का प्रयास तेजी से करने लगे, लेकिन बर्फ तेजी से गिर रही थी. बर्फ अधिक गिरने से पैदल चलने में भी दिक्क्त आ रही थी और ऊपर से अन्धेरा छाने लगा था. घोष ने बताया वो और उन का साथी जिवाशीष महतु काफी देर तक तूफान से जूझते रहे. इसी बीच वो बेहोश हो गया और दूसरे दिन चिकित्सालय में उसे होश आया.

west bengol trekker rescued in Blizzard
रेस्क्यू किया गया बंगाली ट्रेकर

सरकार की ओर से सूचना मिलते ही घोष को बेहोशी की हालत में कैंप से सुबह वायु सेना के चौपर से सांगला पहुंचाया गया. उन्होंने बताया ट्रेकर दल में कुल सात ट्रेकर शामिल थे. रूपम को दूसरे साथी की मौत की जानकारी अब तक नहीं दी गई है.

गौर हो कि हिमाचल प्रदेश के रोहड़ू के जांगलिक होते हुए बरुआ जोत पैदल ट्रेकिंग पर निकले दल के 7 सदस्य बर्फानी तूफ़ान में बरुआ जोत पर फंस गए थे. जिसमें से एक ट्रेकर की मौत हुई व एक को बेहोशी की हालत में वायु सेना के चौपर से सांगला पहुंचाया गया था.

पढ़ें- किन्नौर में चट्टान गिरने से एनएच-5 अवरूद्ध, सैकड़ों यात्री फंसे


---------- Forwarded message ---------
From: ANIL NEGI <ywaringchaaras90@gmail.com>
Date: Sun, May 26, 2019, 9:01 PM
Subject: अनिल कुमार नेगी किन्नौर-26 मई
To: <rajneeshkumar@etvbharat.com>


किन्नौर के बरुआ कंडे में घायल हुए बंगाली ट्रेकर की हालत में
तेजी से सुधार। खनेरी चिकित्सालय में चल रहा है इलाज।


दो दिन पूर्व रोहड़ू के जांगलिक होते हुए बरुआ पैदल ट्रेकिंग के दौरान बर्फानी तूफ़ान में फसने के कारण एक ट्रेकर की हुई थी मौत को बेहोशी की हालत में चॉपर से किया गया था रेस्क्यू। घायल रूपम घोष ने बताया बर्फानी तूफ़ान की चपेट में आने से हो गए थे बेसुध। बरुआ कंडे में बर्फानी तूफ़ान की चपेट में आने से बेहोश हुए बंगाली ट्रेकर की हालत में तेजी से सुधार हो रहा है। ट्रेकर का रामपुर के खनेरी चिकित्सालय में भर्ती है। ट्रेकर रूपम घोष ने आपबीती सुनाते हुए किन्नौर प्रशासन का आभार व्यक्त किया है और बताया की समय पर चॉपर से रेस्क्यू न किया जाता तो वो जीवित ना बचते। हालाँकि उसे दूसरे साथी की मौत की जानकारी अब तक नहीं दी गई है। उल्लेखनीय हैकि हिमाचल प्रदेश के रोहड़ू के जांगलिक होते हुए बरुआ जोत पैदल ट्रेकिंग पर निकले दल के 7 सदस्य बर्फानी तूफ़ान में बरुआ जोत पर फंस गए थे। जिस में से एक की मौत हुई व् एक को बेहोशी की हालत में कर वायु सेना के चॉपर से सांगला पहुंचाया गया था। घायल ट्रेकर रूपम घोष ने बताया रोहड़ू के जांगलिक से पैदल ट्रेक पर निकलने के बाद बरुआ पास भी आसानी से पार किया । इस दौरान मौसम भी अनुकूल था। लेकिन जोत से रात्रि केम्प की ओर उतरते हुए बर्फानी तूफ़ान की चपेट में आ गए। घोष ने बताया वह और उस का साथी तूफ़ान से संघर्ष कर नीचे उतरने का प्रयास तेजी से करने लगे। लेकिन बर्फ तेजी से गिर रही थी। बर्फ अधिक गिरने से पैदल चलने में भी दिक्क्त आ रही थी। ऊपर से अन्धेरा छाने लगा था । घोष ने बताया वह और उन का साथी जिवाशीष महतु काफी देर तक तूफ़ान से झुझते रहे । इसी बीच वह बेहोश हो गया और दूसरे दिन चिकित्सालय में जा कर होश आई । सरकार की ओर से सुचना मिलते ही उन्हें बेहोशी की हालत में केम्प से सुबह वायु सेना के चॉपर से सांगला पहुंचाया गया । उन्होंने बताया ट्रेकर दल में कुल सात ट्रेकर शामिल थे। उन्हें दूसरे साथी की मौत की जानकारी अब तक नहीं दी गई है। रूपम घोष ने हिमाचल सरकार और जिला किन्नौर प्रशासन का आभार जताया है । उन्होंने बताया रेस्क्यू में ततपरता ना दिखाई होती तो वे जीवित नहीं बच पाते। उन्होंने बताया योजना के अनुसार रात्रि ठहराव के बाद बरुआ होते हुए सांगला पहुंचना था लेकिन रात्रि ठराव स्थल से पहले ही तेजी से बर्फ गिरने लगी। उन्होंने जल्द पहुंचने की कोशिश की लेकिन अचानक आये बर्फानी तूफ़ान सब कुछ बदल दिया।



वीडियो----रूपम घोष खनेरी अस्पताल
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