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यहां पानी के लिए मचा हाहाकार, 6 किमी दूर जाकर भी बर्तन खाली

पहाड़ों के बीच बसे इस गांव मे पानी की कमी के चलते ग्रामीणों को एनएच-5 पर लगे लगभग छह किलोमीटर दूर पब्लिक टैब पर आकर पानी भरना पड़ा रहा है, जबकि उस पब्लिक टैब में भी कभी कभार पानी आता है. उसके लिए भी लंबी-लंबी कतारें लगी होती है.

स्पिलो पब्लिक टैंक में पानी के इंतजार में स्थानीय (डिजाइन फोटो)
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Published : May 21, 2019, 3:01 PM IST

Updated : May 21, 2019, 11:01 PM IST

किन्नौरः पूह खण्ड के तहत स्पिलो पंचायत में बीते एक महीने से पीने के पानी के लिए हाहाकार मचा हुआ है. बता दें कि पिछले महीने से स्पिलो पंचायत के करीब 45 घरों में अभी तक पीने के पानी की समस्या बनी हुई है. पहाड़ों के बीच बसे इस गांव मे पानी की कमी के चलते ग्रामीणों को एनएच-5 पर लगे लगभग छह किलोमीटर दूर पब्लिक टैब पर आकर पानी भरना पड़ा रहा है, जबकि उस पब्लिक टैब में भी कभी कभार पानी आता है. उसके लिए भी लंबी-लंबी कतारें लगी होती है.

water problem in Spilo of Kinnaur
स्पिलो पब्लिक टैंक में पानी के इंतजार में स्थानीय (डिजाइन फोटो)

इस कारण कई ग्रामीणों को खाली बर्तनों के साथ ही घर वापिस लौटना पड़ता है. स्थानीय ग्रामीणों की माने तो सर्दियों में ग्रामीणों को आईपीएच के पानी न होने के कारण बर्फ को पिघलाकर पानी बनाकर पीने को मजबूर होना पड़ता है.
अब जैसे ही गर्मियां शुरू हो गई है तो फिर भी आईपीएच विभाग पूह ने जगह-जगह फटी हुई पाइपों को अभी तक ठीक नहीं करवाया, न ही पानी की सप्लाई गांव मे सही रूप से पहुंच रही है.

गिने-चुने मकानों में आईपीएच का पानी आ रहा है, लेकिन आधे से ज्यादा गांव अभी भी पीने के पानी के लिए तरस रहे हैं. गांव की ओर से बीच-बीच मे पानी के टैंकर भी लाया जा रहा है. जिससे सिर्फ 20 लीटर पानी प्रत्येक व्यक्ति को पानी मिल रहा है. ऐसे में स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि यदि एक सप्ताह में प्रशासन पीने के पानी की समस्या को नहीं सुलझाता तो स्पिलो के ग्रामीण प्रशासन के खिलाफ हल्ला बोलेंगे.

पढ़ेंः सिरमौर में यहां महिलाओं ने डाले सबसे ज्यादा वोट, शिमला संसदीय सीट के नाहन में सबसे अधिक मतदान

किन्नौरः पूह खण्ड के तहत स्पिलो पंचायत में बीते एक महीने से पीने के पानी के लिए हाहाकार मचा हुआ है. बता दें कि पिछले महीने से स्पिलो पंचायत के करीब 45 घरों में अभी तक पीने के पानी की समस्या बनी हुई है. पहाड़ों के बीच बसे इस गांव मे पानी की कमी के चलते ग्रामीणों को एनएच-5 पर लगे लगभग छह किलोमीटर दूर पब्लिक टैब पर आकर पानी भरना पड़ा रहा है, जबकि उस पब्लिक टैब में भी कभी कभार पानी आता है. उसके लिए भी लंबी-लंबी कतारें लगी होती है.

water problem in Spilo of Kinnaur
स्पिलो पब्लिक टैंक में पानी के इंतजार में स्थानीय (डिजाइन फोटो)

इस कारण कई ग्रामीणों को खाली बर्तनों के साथ ही घर वापिस लौटना पड़ता है. स्थानीय ग्रामीणों की माने तो सर्दियों में ग्रामीणों को आईपीएच के पानी न होने के कारण बर्फ को पिघलाकर पानी बनाकर पीने को मजबूर होना पड़ता है.
अब जैसे ही गर्मियां शुरू हो गई है तो फिर भी आईपीएच विभाग पूह ने जगह-जगह फटी हुई पाइपों को अभी तक ठीक नहीं करवाया, न ही पानी की सप्लाई गांव मे सही रूप से पहुंच रही है.

गिने-चुने मकानों में आईपीएच का पानी आ रहा है, लेकिन आधे से ज्यादा गांव अभी भी पीने के पानी के लिए तरस रहे हैं. गांव की ओर से बीच-बीच मे पानी के टैंकर भी लाया जा रहा है. जिससे सिर्फ 20 लीटर पानी प्रत्येक व्यक्ति को पानी मिल रहा है. ऐसे में स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि यदि एक सप्ताह में प्रशासन पीने के पानी की समस्या को नहीं सुलझाता तो स्पिलो के ग्रामीण प्रशासन के खिलाफ हल्ला बोलेंगे.

पढ़ेंः सिरमौर में यहां महिलाओं ने डाले सबसे ज्यादा वोट, शिमला संसदीय सीट के नाहन में सबसे अधिक मतदान

Intro:18 साल बाद नए रथ पर सवार हुई माता नैना उग्रतारा


Body:जिला कुल्लू के मंदिर स्थित पार्वती व व्यास नदी के संगम तट पर माता नैना उग्रतारा में शाही स्नान किया और उसके बाद 18 सालों के बाद माता नयना उग्रतारा अपने नए रथ पर विराजमान हुई। जिला कुल्लू में सभी देवी देवता अपने अपने धार्मिक अनुष्ठानों में भाग लेने से पहले व्यास व पार्वती नदी के संगम पर स्नान करते हैं। इस दौरान देवी देवताओं के हरियान विशेष रूप से उपस्थित रहते हैं और शाही स्नान में भाग लेते हैं। भुंतर के साथ स्टे पिपलागे गांव की माता नयना उग्रतारा भी अपने हरियानो के साथ ढोल नगाड़ों की थाप पर मंदिर से संगम की ओर रवाना हुई। वहीं इस दौरान तेगू बेहड़ से माता भद्रकाली भी अपने हरियानो के साथ शाही स्नान को पहुंची। विधि विधान के साथ माता नैना ने संगम पर शाही स्नान किया और उसके बाद हवन अनुष्ठान का भी आयोजन किया गया। इस दौरान सैकड़ों श्रद्धालुओं ने भी शाही स्नान किया और माता का आशीर्वाद भी लिया।


Conclusion:माता के पुजारी आशु का कहना है कि माता 18 साल बाद नए रथ पर सवार हुई है और शाही स्नान के बाद माता ने भक्तों की समस्याओं का भी निवारण किया।
Last Updated : May 21, 2019, 11:01 PM IST
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