किन्नौर: जनजातीय जिला किन्नौर की निचार तहसील के तहत काचे गांव मे 6 नवंबर को सुनील नामक युवक की हत्या की गई थी, जिसमें नेपाली मूल के व्यक्ति को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. जानकारी के अनुसार मामले की छानबीन चल रही है. अब ग्रामीणों ने पुलिस के कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार न कर नेपाली मूल के व्यक्ति को गिरफ्तार करने का आरोप लगाया है.
ग्रामीणों ने निचार के भावानगर में एनएच-5 पर सुनील हत्या मामले में चक्का जाम किया. 6 नवंबर को चार युवक काचे गांव में सड़क किनारे बैठकर शराब पी रहे थे. इस दौरान चार युवकों में कुछ बहसबाजी हो गई, जिसके बाद सुनील नाम के युवक की हत्या का मामला सामने आया था. पुलिस ने एक नेपाली मूल के व्यक्ति को हत्या के मामले में गिरफ्तार किया है और छानबीन जारी है.
सुनील के माता पिता का कहना है कि उनके बेटा सुनील काफी देर तक घर नहीं आया और सुनील के हत्या के मामले में गिरफ्तार नेपाली मूल के व्यक्ति के साथ अन्य दो युवकों में से एक युवक ने पुलिस में अपने बचाव के लिए इस हत्या पर मामला दर्ज करवाया था, जिससे उस पर किसी को शक न हो. मृतक के माता-पिता का कहना है कि नेपाली मूल के व्यक्ति को फंसाने के साथ दोनों युवकों ने अपना बचाव किया है.
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माता-पिता ने पुलिस पर भी मामले में सख्ती से छानबीन न करने और अन्य दो युवकों को भी गिरफ्तार न करने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि हत्या होने के दो-तीन घंटे बाद पुलिस घटना स्थल पर पहुंची. उनका कहना है कि मृतक के माता पिता को सूचना दिए बिना ही पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लिया. माता पिता का कहना है कि पुलिस थाना भावानगर और घटना स्थल के बीच केवल 7 किलोमीटर की दूरी है.
इसके बावजूद पुलिस की लेटलतीफी रही है और उनके बेटे का शव चार दिनों से पुलिस के पास है. सुनील के माता पिता इंसाफ की गुहार लगा रहे हैं और हत्यारों को सजा की मांग कर रहे है. बता दें कि माता-पिता के अलावा सुनील के गांव के लोग, परिवार के सदस्यों ने आज भावानगर में चक्का जाम कर प्रदेश सरकार से इस मामले की दोबारा से छानबीन करने की मांग रखी है, जिससे आरोपियों को सजा मिल सके.
ऐसे में अब पुलिस और सरकार पर इस मामले की सच्चाई सामने लाने का जिम्मा भी दिख रहा है. देखना होगा कि कब तक यह मामला सुलझेगा और असली आरोपी सलाखों के पीछे होंगे.
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