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किन्नौर में पहाड़ों पर बर्फबारी से बागवान चिंतित, कहीं पेड़ों पर ना रह जाए सेब की फसल

इस बार भी किन्नौर में इतनी बंपर सेब की फसल है कि सेब के वजन से सेब की टहनियां टूटने के कगार पर हैं और इस बीच मौसम ठंडा रहा तो बर्फबारी का खतरा भी बना हुआ है और सेब की फसल मंडी तक पहुंचने से पहले पेड़ों में रहने का खतरा बना हुआ है.

किन्नौर में बर्फबारी से बढ़ी किसानों की चिंता
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Published : Oct 6, 2019, 9:40 PM IST

किन्नौर: इस साल जिला किन्नौर में सेब की बंपर फसल लगी हुई है, लेकिन बागवान खुश होने के बजाय चिंता में डूबे हुए हैं. दरअसल किन्नौर में लगातार मौसम के बदलते मिजाज से तापमान में भारी गिरावट आई है. जिसकी वजह से बागवानों को सेब की फसल खराब होने का डर है.

पहाड़ों पर बर्फबारी के बाद अब ग्रामीणों को बेमौसम पहाड़ों पर बर्फबारी से चिंता हो रही है कि अब कहीं ग्रामीण क्षेत्रों में बर्फबारी हुई तो सेब की फसल पेड़ पर ही न रह जाए. बता दें कि 2013 जून को इसी तरह मौसम खराब होने से जिला के कई ग्रामीण क्षेत्रों में बर्फबारी हुई थी और सेब की फसल को भारी नुकसान हुआ था.

वीडियो.

इस बार भी किन्नौर में इतनी बंपर सेब की फसल है कि सेब के वजन से सेब की टहनियां टूटने के कगार पर हैं और इस बीच मौसम ठंडा रहा तो बर्फबारी का खतरा भी बना हुआ है और सेब की फसल मंडी तक पहुंचने से पहले पेड़ों में रहने का खतरा बना हुआ है.

ऐसे में सेब बागवान मौसम के साफ होने का इंतजार कर रहे हैं और अपनी फसल को मंडी तक पहुंचाने के लिए बेसब्र हैं, क्योंकि अब किन्नौर के सेब मंडी पहुंचते ही सेब के रेट उठने लगे हैं. बता दें कि किन्नौर में सेब की फसल नकदी फसल है जिससे यहां के बागवानों की आय का प्रमुख साधन माना जाता है.

किन्नौर: इस साल जिला किन्नौर में सेब की बंपर फसल लगी हुई है, लेकिन बागवान खुश होने के बजाय चिंता में डूबे हुए हैं. दरअसल किन्नौर में लगातार मौसम के बदलते मिजाज से तापमान में भारी गिरावट आई है. जिसकी वजह से बागवानों को सेब की फसल खराब होने का डर है.

पहाड़ों पर बर्फबारी के बाद अब ग्रामीणों को बेमौसम पहाड़ों पर बर्फबारी से चिंता हो रही है कि अब कहीं ग्रामीण क्षेत्रों में बर्फबारी हुई तो सेब की फसल पेड़ पर ही न रह जाए. बता दें कि 2013 जून को इसी तरह मौसम खराब होने से जिला के कई ग्रामीण क्षेत्रों में बर्फबारी हुई थी और सेब की फसल को भारी नुकसान हुआ था.

वीडियो.

इस बार भी किन्नौर में इतनी बंपर सेब की फसल है कि सेब के वजन से सेब की टहनियां टूटने के कगार पर हैं और इस बीच मौसम ठंडा रहा तो बर्फबारी का खतरा भी बना हुआ है और सेब की फसल मंडी तक पहुंचने से पहले पेड़ों में रहने का खतरा बना हुआ है.

ऐसे में सेब बागवान मौसम के साफ होने का इंतजार कर रहे हैं और अपनी फसल को मंडी तक पहुंचाने के लिए बेसब्र हैं, क्योंकि अब किन्नौर के सेब मंडी पहुंचते ही सेब के रेट उठने लगे हैं. बता दें कि किन्नौर में सेब की फसल नकदी फसल है जिससे यहां के बागवानों की आय का प्रमुख साधन माना जाता है.

Intro:किन्नौर में सेब की बफ़र फसल ,लेकिन बर्फ़बारी से बड़ी बागवानों की चिंता,पहाड़ो के बाद अब ग्रामीण क्षेत्रो में बर्फ़बारी का बना डर,लगातार मौसम खराब होने से तापमान में गिरावट।




Body:जिला किन्नौर में सेब की फसल बफ़र लगी है लेकिन बागवान खुश के बजाय चिंता में डूबे हुए है क्यों कि किन्नौर में लगातार मौसम के बदलते मिजाज से तापमान में भारी गिरावट आई है।
पहाड़ो पर बर्फबारी के बाद अब ग्रामीणों को बेमौसम पहाड़ो पर बर्फबारी से चिंता हो रही है कि अब कही ग्रामीण क्षेत्रो में बर्फबारी हुई तो सब की फसल पेड़ पर ही न रह जाए बता दे कि 2013 जून को इसी तरह मौसम खराब होने से जिला के कई ग्रामीण क्षेत्रो में बर्फबारी हुई थी और सेब की फसल को भारी नुकसान हुआ था। इस बार भी किन्नौर में इतनी बम्फर सेब की फसल है कि सेब के वजन से सेब की टहनियाँ टूटने के कगार पर है और इस बीच मौसम ठंडा रहा तो बर्फबारी का खतरा भी बना हुआ है और सेब की फसल मंडी तक पहुचने से पहले पेड़ों में रहने का खतरा बना हुआ है।


Conclusion:ऐसे में सेब बागवान मौसम के साफ होने का इंतजार कर रहे है और अपनी फसल को मंडी तक पहुँचाने के लिए बेसब्र है क्यों कि अब किन्नौर के सेब मंडी पहुचते ही सेब के रेट उठने लगे है। बता दे कि किन्नौर में सेब की फसल नकदी फसल है जिससे यहां के बागवानों की आय का प्रमुख साधन आना जाता है।
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