किन्नौर: जनजातीय जिला किन्नौर के कल्पा डिवीजन के अधिशासी अभियंता वीएस गुलेरिया ने आज ईटीवी से रूबरू होते हुए कहा कि लॉकडाउन के बाद मिली रियायतों में कल्पा डिवीजन के 50 प्रतिशत कार्यो पर प्रभाव पड़ा है. बाहरी राज्यों से कुशल कारीगर व मजदूर नहीं आने से विभाग को भी भारी दिक्कतों से गुजरना पड़ रहा है.
वीएम गुलेरिया ने कहा कि आज कल्पा डिवीजन में सड़कों से लेकर भवन निर्माण के सारे कार्यो में कुशल मजदूर व कारीगरों की जरूरत है, लेकिन लॉकडाउन के चलते राजस्थान, उत्तर प्रदेश और हरियाणा से आने वाले कुशल मजदूर व कारीगर घरो में फंसे हैं. इसके कारण पीडब्ल्यूडी विभाग के सड़कों की टायरिंग,मेटलिंग व भवन निर्माण के कई कार्य रुके हुए हैं.
हालांकि, जिला में मौजूद मजदूरों से 50 प्रतिशत कार्यो को चलाया गया है. किन्नौर में सड़क, भवन निर्माण की समय अवधि बहुत कम है. अक्तूबर के बाद यहां किसी तरह के काम नहीं होते हैं. ऐसे में बाहरी राज्यों के मजदूरों के लॉकडाउन में अपने क्षेत्रों में फंसने से किन्नौर में भी 8 विभागों को नुकसान से गुजरना पड़ रहा है.
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बता दें कि किन्नौर ग्रीन जोन होने के कारण यहां लॉकडाउन में काफी रियायतें मिली हैं, जिसके बाद सभी विभागों को काम करने के लिए प्रशासन ने छूट दे दी है. वहीं, बाहरी राज्यों से मजदूरों के नहीं आने के कारण जिला में सैकड़ों भवनों के साथ पीडब्ल्यूडी के सड़क निर्माण व दूसरे सभी कार्यो पर प्रभाव पड़ रहा है.
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