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इस मठ में अदृश्य ताकतों...देवता के प्रकोप से पीड़ित लोगों का होता है इलाज, एक लाख से ज्यादा लोगों के इलाज का दावा!

किन्नौर के रिकांगपिओ छोस्कोर्लिंग बौद्ध मठ में ऐसे लामा जो अदृश्य समस्याओं का समाधान करते हैं. पूरे जिले में इनकी बहुत मान्यता है.

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Published : Sep 21, 2019, 11:34 PM IST

Buddhist monastery

किन्नौर: जनजातीय जिला किन्नौर के रिकांगपिओ में स्थित बौद्ध मठ में एक ऐसे बौद्ध धर्म गुरु हैं जो अदृश्य समस्याओं का समाधान करते हैं. दावा किया जाता है कि यहां अब तक वे एक लाख से ज्यादा लोगों को समस्याओं से छुटाकार मिल चुका है.

Buddhist monastery
छोस्कोर्लिंग बौद्ध मठ

बौद्ध धर्म गुरु छोरज्ञान नेगी बताते हैं कि उनके पास हर सुबह सैकड़ों लोग अपने अदृश्य ताकतों, देवी देवताओं के प्रकोप और डॉक्टरी इलाज से भी ठीक ना हुए लोग यहां आते हैं. जिन लोगों पर कोई दवाएं असर नहीं करती वो यहां ऐसे लोगों इलाज करते हैं.

छोस्कोर्लिंग बौद्ध मठ

छोरज्ञान नेगी ने बताया कि वे सबको एक पोथी और छोलो(चौसर) में देखकर शतप्रतिशत सही बताते हैं. उनका कहना है कि हालांकि वे पहले किसी भी बीमारी में लोगों को डॉक्टर की नसीहत देते हैं, जब व्यक्ति की संतुष्टि और दवाई असर न करे, तब वे उनकी समस्याओं का निवारण करते हैं.

Buddhist monastery
बौद्ध धर्म गुरु छोरज्ञान नेगी

छोरज्ञान नेगी का कहना है कि आज के समय मे साइंस इन चीजों को नहीं मानता है, लेकिन जब साइंस की खोज खत्म होती है तो धर्म की शुरुआत होती है. किसी समय डाक्टर नहीं थे, तब भी वैद्य बड़ी बड़ी बीमारियों को ठीक कर देते थे. वे कोई शक्तिशाली नहीं उनका विश्वास ही आज तक लोगों के समस्याओं को हल करने में काम आया है. बता दें कि अभी भी किन्नौर में हजारों लोग इनके किए गए पोथी प्रश्न को मान्यता देते हैं और यहां के स्थानीय देवी देवताओं ने भी इनके प्रश्नों को सही माना है.

ये भी पढे़ं - अब गांधी जी के 'सहारे' बीजेपी, शुरू करेगी गांधी संकल्प यात्रा

किन्नौर: जनजातीय जिला किन्नौर के रिकांगपिओ में स्थित बौद्ध मठ में एक ऐसे बौद्ध धर्म गुरु हैं जो अदृश्य समस्याओं का समाधान करते हैं. दावा किया जाता है कि यहां अब तक वे एक लाख से ज्यादा लोगों को समस्याओं से छुटाकार मिल चुका है.

Buddhist monastery
छोस्कोर्लिंग बौद्ध मठ

बौद्ध धर्म गुरु छोरज्ञान नेगी बताते हैं कि उनके पास हर सुबह सैकड़ों लोग अपने अदृश्य ताकतों, देवी देवताओं के प्रकोप और डॉक्टरी इलाज से भी ठीक ना हुए लोग यहां आते हैं. जिन लोगों पर कोई दवाएं असर नहीं करती वो यहां ऐसे लोगों इलाज करते हैं.

छोस्कोर्लिंग बौद्ध मठ

छोरज्ञान नेगी ने बताया कि वे सबको एक पोथी और छोलो(चौसर) में देखकर शतप्रतिशत सही बताते हैं. उनका कहना है कि हालांकि वे पहले किसी भी बीमारी में लोगों को डॉक्टर की नसीहत देते हैं, जब व्यक्ति की संतुष्टि और दवाई असर न करे, तब वे उनकी समस्याओं का निवारण करते हैं.

Buddhist monastery
बौद्ध धर्म गुरु छोरज्ञान नेगी

छोरज्ञान नेगी का कहना है कि आज के समय मे साइंस इन चीजों को नहीं मानता है, लेकिन जब साइंस की खोज खत्म होती है तो धर्म की शुरुआत होती है. किसी समय डाक्टर नहीं थे, तब भी वैद्य बड़ी बड़ी बीमारियों को ठीक कर देते थे. वे कोई शक्तिशाली नहीं उनका विश्वास ही आज तक लोगों के समस्याओं को हल करने में काम आया है. बता दें कि अभी भी किन्नौर में हजारों लोग इनके किए गए पोथी प्रश्न को मान्यता देते हैं और यहां के स्थानीय देवी देवताओं ने भी इनके प्रश्नों को सही माना है.

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Intro:किन्नौर के रिकांगपिओ छोस्कोर्लिंग बौद्ध मठ में ऐसे लामा जो करते है अदृश्य समस्याओ का समाधान,एक लाख से ज़्यादा लोगो की उतारी नज़र देवी देवताओं व बुरी शक्तियों के प्रकोप से पीड़ित लोगों का भी करते है निवारण,अपने व्यस्त समय मे भी लोगो की समस्याओं का करते है निवारण,पूरे किन्नौर में है इनकी मान्यता,उनका कहना है जहां साइंस की खोज खत्म वहां शुरू होता है धर्म ।




Body:जनजातीय जिला किन्नौर के रिकांगपिओ में स्थित बौद्ध मठ जिसकी खूबसूरती में तिब्बती नक्काशी से सम्पूर्ण भवन का निर्माण किया गया है जहां एक ऐसे बौद्ध धर्म गुरु छोरज्ञान नेगी जिनके पास हर सुबह सैकड़ो लोग अपने अदृश्य ताकतों,देवी देवताओं के प्रकोप व डॉक्टरों की पहुँच से बाहरी दर्द जो ठीक नही कर सके या फिर ऐसे लोग जिन पर कोई दवाएं असर नही करती,उन्हें उनके निवारण बताते है। आज तक इन्होंने एक लाख से ज़्यादा लोगो के समस्याओं को हल किया है वो चाहे बीमारी हो,अदृश्य बुरी शक्तियों का गृह वास हो या फिर डॉक्टरों के निवारण से बाहर रही हो उन सबको वे एक पोथी व छोलो(चौसर) में देखकर शतप्रतिशत सही बताते है हालांकि उनका कहना है कि वे पहले किसी भी बीमारी में लोगो को डॉक्टर की नसीहत देते है जब व्यक्ति की संतुष्टि और दवाई असर न करे तब उनके समस्याओं का निवारण करते है ।

बता दे कि सुबह के समय जिन लोगो की समस्याएं होती है वे लोग सुबह सुबह बौद्ध मठ पर उनके कक्ष के बाहर लाइन में लगे होते है और सबकी समस्याओं का पूर्ण निवारण करते है इनके निवारण करने का तरीका बोदिष्ट छोलो (चौसर) व पोथी है जिसे देखकर वो लोगो को उनकी समस्याओं के बारे में बताते है।




Conclusion:उनका कहना है कि आज के समय मे साइंस इन चीजों को नही मानता है लेकिन जब साइंस की खोज खत्म होती है तो धर्म की शुरुआत होती है किसी समय डाक्टर नही थे तब भी वैद्य बड़ी बड़ी बीमारियों को ठीक कर देते थे उन्होंने कहा कि वे कोई शक्तिशाली नही उनका विश्वास ही आज तक लोगो के समस्याओं को हल करने में काम आया है। बता दे कि अभी भी किन्नौर में हज़ारो लोग इनके किये गए पोथी प्रश्न को मान्यता देते है और यहां के स्थानीय देवी देवताओं ने भी इनके प्रश्नों को सही माना है।



बाईट---छोरज्ञान नेगी ( धर्म गुरु बौद्ध मठ रिकांगपिओ)
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